राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मायावती के रास्ते पर चल रहे हैं। आम जनता के दूर होकर भारी सुरक्षा में सभाएं करने लगे हैं। जनाक्रोश को विपक्ष की साजिश बता आम जनता के मुद्दे को मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। लगातार विरोध प्रदर्शनों से तिलमिला गये हैं। पालिटिकल लोगों पर 107 धारा लगवा रहे हैं। अब तो उन्हें काला कपड़ा भी खराब लगने लगा है। उनकी बंदरघुडक़ी से डरने वाले नहीं है।
अभी तो सिर्फ जनता के बीच आंदोलन शुरू करने का न्योता दे रहे हैं। राजद का आंदोलन शुरू होना बाकी है। अपनी परविर्तन यात्रा से लौटे श्री प्रसाद ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाते-जाते फरियादियों का जूता-चप्पल घिस गया है। लोग वही जूता-चप्पल नीतीश कुमार की सभाओं में दिखा रहे हैं। नियोजित शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका, ठेका वाले डाक्टर, बाल दीदी, महादलित, वंचित सभी नीतीश कुमार की घोषणाओं से ऊब चुके हैं।
इसलिए नीतीश कुमार फिर से जंगल राज का रोना रो रहे हैं। पति-पत्नी की 15 वर्षो की सरकार की दुहाई दे रहे हैं। नीतीश कुमार बतायें कि राजद शासन काल के समय मनरेगा, एनआरएचएम, नुरुम, पीएमजीएसवाई का पैसा क्या राज्य को मिलता था। जिन सडक़ों की बात कर रहे हैं वे राजद शासन काल द्वारा दिये सरप्लस पैसे से बना है। फोर लेन और सिक्स लेन केन्द्र के पैसे से बन रहा है। राज्य की जनता सब समझ रही है। नीतीश कुमार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती, बिजली, पानी सबकी हालत पतली कर दी है। इनके राज में तो मर्दो की भी बच्चोंदानी निकाली गई है। इसके लिए उन्हें मेग्सेसे पुरस्कार मिलना चाहिए।
.jpg)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें