मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को कहा कि बीमा और पेंशन निधि के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाने का फैसला भारतीय वित्तीय क्षेत्र को अत्यंत कमजोर बना देगा। माकपा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, "कैबिनेट ने जिन उपायों की घोषणा की है, वे देश के वित्तीय क्षेत्र को इतना कमजोर बना देगा जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती।"
ज्ञात हो कि सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मौजूदा सीमा 26 फीसदी को बढ़ाकर 49 फीसदी करने तथा पेंशन निधि में 49 फीसदी एफडीआई की अनुमति देने का भी फैसला लिया है। माकपा ने कहा, "पेंशन निधि में एफडीआई की अनुमति के फैसले से देश में लाखों कर्मचारियों की बचत खतरे में पड़ जाएगी।" माकपा ने राजनीतिक दलों से अपील की कि जब इस प्रस्ताव को संसद में लाया जाए तब वे इन उपायों का विरोध करें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें