मलयालम की कवयित्री सुगाथा कुमारी को वर्ष 2012 के प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। यह सम्मान उनके काव्य संग्रह मनलेक्षुथु के लिए प्रदान किया जायेगा।
यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मलयालम की कवयित्री सुगाथा कुमारी के वर्ष 2006 में प्रकाशित काव्य संग्रह मनलेक्षुथु को वर्ष 2012 के प्रतिष्ठित 22वें सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया है। इस कृति का अंग्रेजी अनुवाद द राइटिंग ऑन द सैंड शीर्षक से प्रकाशित हुआ है।
कवयित्री सुगाथा कुमारी पर्यावरणविद और केरल राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष भी है। उनके पुरस्कृत काव्य संग्रह में 27 कवितायें शामिल हैं और इसे मलयालम की समकालीन कविता का बेहतरीन काम माना जाता है। इस सम्मान की स्थापना केके बिड़ला फाउंडेशन ने 1991 में की थी, जो बीते दस साल की प्रकाशित रचनाओं में से श्रेष्ठ रचनाकर्म को दिया जाता है। पहला सरस्वती सम्मान हिन्दी के कवि हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा दशद्वार से सोपान तक के लिए दिया गया था।
22वें सरस्वती सम्मान के रूप में सुगाथा कुमारी को दस लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया जायेगा। विज्ञप्ति में बताया गया कि 79 वर्षीय लेखिका का चयन 22 भाषाओं में 2002-2011 के दौरान प्रकाशित रचनाकर्म में से पूर्व मुख्य प्रधान न्यायाधीश आरसी लाहोटी की अध्यक्षता वाले 13 सदस्यीय निर्णायक मंडल ने किया।
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