रंग एवं गुलाल का पर्व होली के उपलक्ष्य में श्री राजस्थान विश्राम भवन एवं पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार, दिनांक 17 मार्च 2013 को हास्य काव्यगोष्ठी का भव्य आयोजन श्री ओमप्रकाश अग्रवाल की अध्यक्षता में किया गया।जिसका संचालन श्री बिमल बजाज, डॉ. अकेलाभाइ एवं डॉ. अरुणा उपाध्याय ने किया।
इस गोष्ठी में श्रीमती गीता लिम्बू, श्रीमती बबीता जैन, डॉ. अवनीन्द्र कुमार सिंह, डॉ. अनिता पण्डा, श्री एन. मुनिश सिंह, श्रीमती रीता घोष, श्री बिमल बजाज, श्रीमती विरेश्वरी शुक्ल, श्री रामकुमार वर्मा, श्री महबूब अली, घोरीशंकर शर्मा, श्रीमती सरला मिश्र, श्री राम सेवक सिंह, श्रीमती दीक्षा जैन, श्री सागर सापकोटा, श्री रामावतार जी रीणवां, श्री चन्द्रप्रकाश पोद्दार, डॉ. सुनिल कुमार आदि कवियों नें आपनी-पनी हास्य कविताओं का पाठ कियाष विशिष्ट अतिथि डॉ. अपर्णा सारस्वत, क्षेत्रीय निदेशक केन्द्रीय हिंदी संस्थान ने अपने वक्तव्य में हास्य रस के विषय में बताते हुए कहा कि हास्य रस की कविता लिखना आसान नहीं होता है।
आयोजन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि स तरह का आयोजन होते रहना चाहिए। मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के क्षेत्रीय अधिकारी श्री एन. मुनिश सिंह ने मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा गा कर महफिल में शमां बाँध दी। इस अवसपर पर नगर अन्य गणनान्य व्यक्तियों में कर्नल सुखदेव सिंह, रवीन्द्र सिंह आदि प्रमुख थे। काव्यगोष्ठी का समापन डॉ. अकेलाभाइ के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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