- सरकार ने गिनाई कई उपलब्धियां
- भाजपा ने कहा कागज का पुलिंदा है राज्यपाल का अभिभाषण
देहरादून, 14 मार्च। उत्तराखण्ड विधानसभा का बजट सत्र शुरू होते ही हंगामें की भेंट चढ़ गया। गुरूवार को प्रातः जैसे ही राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, तो विपक्ष ने वैल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। परिणाम स्वरूप राज्यपाल अभिभाषण की तीन-पार पंक्तियां पढ़ पाए। विपक्ष ने सरकार पर राज्य की बेशकीमती भूमी को माफियाओं के हाथों बेचने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की। राज्यपाल ने बजट अभिभाषण में नई शक्ति, नई ऊर्जा और प्रतिबद्धता से प्रदेशवासियों की सेवा की बात भी कही है।
राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा कि राज्य की वार्षिक योजना 2012-13 हेतु भारत सरकार से 8200 करोड़ का परिव्यय अनुमोदित कराया है, जो बीते वर्ष की अपेक्षा 400 करोड़ रूपये अधिक है। उन्होंने कहा कि वार्षिक योजना 2012-13 में 1500 करोड़ की धनराशि विशेष आयोजनागत सहायता तथा विशेष केंद्रीय सहायता के तौर पर परिव्यय अनुमोदित कराया गया, जो पिछले वर्षाें की तुलना में 360 करोड़ और 600 करोड़ अधिक है। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य की निरंतर मांग के परिणाम स्वरूप केंद्र सरकार द्वारा 12वीं पंचवर्षीय योजना हेतु वित्तीय संसाधनों के आवंटन हेतु नई प्रणाली विकसित की है, इस प्रणाली में पर्यावरण निस्पादन सूचकांक को भी स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने आयोजनागत मदों के अंतर्गत बजट का उपयोग करते हुए 250 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण, 450 किलोमीटर सड़कों का पुनर्निमाण और सुधार तथा 45 पुलों का निर्माण कर 68 गांवों को जोड़ा गया है। वहीं उन्होंने कहा राज्य सरकार व्यासी जलविद्युत परियोजना, लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को शीघ्र प्रारंभ करने का प्रयास कर रही है। वहीं राज्य के ढ़ाई लाख परिवार को कुटिर ज्योति योजना से जोड़ा गया है। वहीं बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए एलटी कंडक्टर को एलियर बंच कंडक्टर से बदलने का कार्य किया जा रहा है। इतना ही नहीं ग्रिड की निगरानी और लोड डिस्पैच का कार्य देखने के लिए आधुनिक तकनीकि उपकरण एवं सॉफ्टवेयर लगाए जा रहे हें। ऋषिकेश और काशीपुर में एक-एक सबलोड डिस्पैच सेंटर का निर्माण प्रस्तावित है। वहीं ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम सोलर वाटर हीटिंग संयत्र स्थापना, फैमली साइन, बायो गैस संयत्र, घराट सुधारीकरण, बायो गैस से विद्युत उत्पादन, एरोजनरेटर की स्थापना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। गौरादेवी वाटर पार्क योजना के तहत तालाब, जौगिंग ट्रैक और बच्चों के खेलने के लिए पार्कों का निर्माण किया जा रहा है। देहरादून रेलवे स्टेशन को पीपीपी मोड पर देहरादून से हर्रावाला स्थानांतरित करने हेतु हर्रावाला अवस्थापना कार्य एवं एक्सप्रैस हाईवे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। आईएसबीटी देहरादून के निकट एक्वेरियम कम होटल कम कवेन्शनल सेंटर, मसूरी ईको पार्क विकास योजना में ईको फ्रैंडली कॉटेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने कहा की राज्य में उच्च शिक्षा के ठोस सुदृढ़ीकरण हेतु देहरादून को शिक्षा हब के रूप में विकसित करने हेतु चार नए निजी विश्वविद्यालयों का गठन किया गया है, इनसे राज्य के छात्रों को विभिन्न संकायो में पाठ्यक्रम को ग्रहण करने का विकल्प मिलेगा। वहीं गोविंद वल्लभ पंत कृषि एंव प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय और उनकी शाखाओं में छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिए हरसंभव सुविधाएं जुटाई जा रही है। वहीं प्रदेश के युवाओं को रोजगारपरक तकनीकि शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के लिए उधमसिंह नगर के खटीमा, बाजपुर, चमोली के गैरसैंण, अल्मोड़ा दन्या, टिहरी गजा व प्रतापनगर, नैनीताल के रामनगर, देहरादून क्वांसी (चकराता), चम्पावत के टनकपुर एवं टिहरी के जाखनीधार में डिप्लोमा स्तरीय तकनीकि शिक्षा के लिए राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों के स्थापना का निर्णय लिया गया है। वहीं राज्य के 42 आईटीआई सस्थानों को भारत सरकार के सहयोग से पीपीपी मोड़ में चलाने की स्वीकृति दी गई है।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य के भवन विहीन चिकित्सालयों हेतु आवासीय और अनावासीय भवनों के निर्माण, आयुर्वेदिक कॉलेजों में भवनों के निर्माण पर धनराशि अवमुक्त की गई है। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने तथा पर्यावरण संरक्षण में राज्य सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। राज्य में पर्यटक और यात्रियों की सुविधा के लिए जानकी चट्टी यमुनोत्री, खुलीगाड़ पुर्णागिरी रोपवे परियोजनाएं तथा कद्दूखाल सुरकंडा देवी रोपवे परियोजना को अंतिम रूप दिया गया है। राज्य में पर्यटन विकास और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य सरकार ने किए हैं। राज्य से पलायन रोकने के लिए उत्तराखण्ड हिमालयी आजीविका सुधार परियोजना चलाई जा रही है, वहीं औद्यानिक उपजों के विपणन भण्डारण एवं प्रसंस्करण के लिए नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। अल्पसंख्यकों की आर्थिक पृष्ठ भूमि को सुधारने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष कार्य किए जा रहे हैं। सरकार अंत्योदय अन्न योजना का लाभ गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को दे रही है। राज्य सरकार ने मध्य निषेध नीति को महत्व देते हुए उसने पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण द्वारा वैधानिक बिक्री कर अधिकतम राजस्व उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। राज्य सरकार हिंदी भाषा के विकास के लिए विशेष कार्य कर रही है, वहीं सरकार ने राज्य के युवाओं के लिए सरकारी सेवा में भर्ती के लिए आयु सीमा को बढ़ाकर 40 वर्ष कर दिया है। राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं के लिए के.आर. भाटी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है।
वहीं नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने राज्यपाल के अभिभाषण को कागज का पुलिंदा बताते हुए कहा कि सरकार ने इस अभिभाषण में जितनी भी उपलब्धियां गिनाई है, वह सब भाजपा शासनकाल की है, इसमें कांग्रेस सरकार का कुछ भी लेना-देना नहीं। उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण को महज लफ्फबाजी करार देते हुए कहा कि राज्य सरकार राज्य की जमीनों को खुर्द-बुर्द करने में जुटी है, उसका राज्य की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है।
(राजेन्द्र जोशी)
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