5 हेक्टेयर से कम क्षेत्र की खनि रियायत
- स्वीकृति से पूर्व पर्यावरण क्लियरेंस लेना अनिवार्य
माननीय उच्चतम न्यायालय के 27 फरवरी 2012 के आदेश के अनुसार 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्र के खनि रियायत स्वीकृति पूर्व पर्यावरण सम्मति लेना अनिवार्य किया गया है। इसी कड़ी में कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पर्यावरण समिति का गठन किया गया है। पर्यावरण सम्मति के लिए उत्खनन पट्टे के आवेदक/पट्टेदार एवं व्यापारिक खदान के ठेकेदार को संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म में पंजीकृत व्यक्ति से पर्यावरण प्रबंध योजना तथा खनन योजना/स्कीम तैयार करा कर जिला स्तरीय पर्यावरण समिति के समक्ष छ: माह के अंदर प्रस्तुत करना होगा। जिसका समिति द्वारा अनुमोदन किया जावेगा या अनुमोदन से इंकार किया जावेगा। यदि ठेके का अनुमोदन 5 हेक्टेयर या उससे अधिक क्षेत्र के लिए है तब सफल बोली लगाने वाला ऐसी सूचना से छ: माह की कालावधि के भीतर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की अधिसूचना 14 सितम्बर 2006 के अनुसार पर्यावरण अनुमति प्रस्तुत करेगा। इन औपचारिकताओं के पूर्ण हो जाने के पश्चात सफल बोलीदार एक माह की कालावधि के भीतर प्रारूप सत्रह में प्रतिभू बंधपत्र के साथ प्रारूप अठारह में ठेके का करार निष्पादित करेंगा। इन नियमों के प्रारंभ होने के पहले, जहां खनन संक्रियाएं, अनुमोदित खनन योजना के बिना संचालित की जा रही है, उत्खनन पट्टे का ऐसा धारक, इन नियमों की प्रारंभ की तारीख से छ: माह की कालावधि के भीतर यथास्थिति संचालक या क्षेत्रीय प्रमुख को, खनन योजना उसके अनुमोदन के लिये प्रस्तुत करेगा, इस कालावधि में छ: माह तक वृध्दि किए जाने की शक्ति संचालक में निहित होगी।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अथवा किसी अन्य सरकारी विभाग के अधीन निर्माणाधीन या निर्मित की जाने वाली सड़कों की दशा में, मुरूम की अनुज्ञा मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक द्वारा या संबंधित सरकारी विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा प्राधिकृत ठेकेदारों को दी जाएगी और ऐसी अनुज्ञा जारी की जाने के पूर्व उनके द्वारा खनिज, राजस्व तथा वन विभाग से अनापत्ति प्राप्त की जाना होगी और जारी की गई अनुज्ञा की प्रति इन विभागों को पृष्ठांकित की जाएगी तथा संबंधित म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक अथवा संबंधित सरकारी विभाग के कार्यपालन यंत्री, कलेक्टर कार्यालय से अभिवहन पास अग्रिम में प्राप्त करेंगे और ठेकेदारों को अभिवहन पास जारी करेगा तथा संबंधित कलेक्टर को प्रत्येक तीन माह से उत्खनित गौण खनिज की मात्रा से अवगत कराएगा, उत्खनित की गई गौण खनिज की मात्रा के आधार पर रायल्टी का भुगतान सुनिश्चित करेगा तथा रायल्टी की रकम प्रत्येक वर्ष 30 जून, 30 सितम्बर, 31 दिसम्बर तथा 31 मार्च को नियम 10 उपनियम (2) में विहित ''आगम प्राप्ति शीर्ष'' में, महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण अथवा संबंधित सरकारी विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा जमा की जाएगी। इस संबंध में विस्तृत जानकारी हेतू कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) बालाघाट से संम्पर्क किया जा सकता है।
- पैदल घूम-घूम कर लिया व्यवस्थाओं का जायजा
- आवाज लगाकर सवारी बुलाने वाले ऐजेंटों की अब खैर नहीं
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने आज 3 अप्रैल 2013 को बालाघाट के बस स्टेंड का आकस्मिक निरीक्षण किया तथा पैदल घूम-घूम कर वहां की अव्यवस्थाओं को देखा। निरीक्षण के दौरान एस.डी.एम. डॉ. आर.सी. रहांगडाले, तहसीलदार श्री डेहरिया एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री डी. एस. परिहार भी मौजूद थे। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने बस स्टेंड का पैदल घूम कर जायजा लिया। बस स्टेंड में जगह-जगह अव्यवस्थायें देखने को मिली। बसों के एजेंट आवाज लगाकर यात्रियों को बस में बैठने के लिए बुला रहे थे। उन्होंने एक एजेंट को बुलाकर पूछा कि तुम आवाज क्यों लगा रहे हो। ऐजेंट ने जवाब दिया कि आवाज लगाकर सवारी को बुला रहे है। तब कलेक्टर ने एजेंट से पुन: सवाल कया कि क्या यात्रियों को बस के सामने लगा गंतव्य स्थान का बोर्ड पढ़ना नहीं आता है। एजेंट इस सवाल का जवाब नहीं दे पाया। उन्होंने मौके पर ही एस.डी.एम. एवं तहसीलदार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि कोई भी बस ऐजेंट आवाज लगाकर सवारी को बुलाते हुए नहीं पाया जाना चाहिए। यदि कोई ऐजेंट आवाज लगाकर सवारी को बुलाता हुआ पाया जाये तो उसके विरूध्द धारा 107-16 के तहत कार्यवाही कर जुर्माना लगायें।
अतिक्रमण हटाने के निर्देश
कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने नगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया कि वे बस स्टेंड परिसर में साफ-सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करें। उन्होंने बस स्टेंड की भूमि पर किये गये अतिक्रमण को भी हटाने एवं नजूल की भूमि पर लगाई गई दुकानों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिये। जिससे यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो।
बस स्टेंड पर आधे घंटे से अधिक नहीं रूकेगी बस
राज्य परिवहन बस स्टेंड के यात्री प्रतिक्षालय के निरीक्षण के दौरान वहां पर गंदगी देखने को मिली। समीप के कुएं की साफ-सफाई नहीं होना पाया गया। वहां पर बसों के अधिक समय तक खड़ें रहने की शिकायत भी मिली। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि भोपाल से आने वाली बसें दिन भर बस स्टेंड में खड़ी रहती है। इस पर कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी बस आधे घंटे से अधिक समय तक बस स्टेंड में खड़ी नहीं रहना चाहिए। बसें निश्चित स्थान पर ही खड़ी रहें उन्हें बस स्टेंड की सड़क पर खड़ा न किया। उन्होंने नगर पालिका अधिकारी को यात्री प्रतिक्षालय की साफ-सफाई करके उसकी पुताई करने के निर्देश भी दये । यात्री प्रतिक्षालय के समीप के कुएं की भी सफाई करने कहा गया। राज्य परिवहन बस स्टेंड में यात्रियों के लिए दो टिकट काउंटर बनाने के निर्देश दिये गये। यात्री प्रतिक्षालय में रात्री के समय के लिए एक चौकीदार की व्यवस्था करने कहा गया। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने बस स्टेंड में स्थित होटल नूरमहल के उपर के स्थान का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नगर पालिका अधिकारी को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने तहसील कार्यालय के भवन से लगी दुकानों का किराया बढ़ाने के निर्देश भी दिये।
कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर अचानक पहुंचे जिला चिकित्सालय
- अस्पताल की पुलिस चौकी के आरक्षक को निलंबित करने के निर्देश
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने आज 3 अप्रैल को बालाघाट के बस स्टेंड का आकस्मिक निरीक्षण किया तथा उसके बाद अचानक बिना किसी सूचना के जिला चिकित्सालय पहुंच गये। जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान उन्होंने वहां की व्यवस्था में तेजी से सुधार लाने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल की पुलिस चौकी के आरक्षक कोर् कत्तव्यों में लापरवाही बरतने पर निलंबित करने के निर्देश दिये।
डाक्टर्स ने एप्रान नहीं पहना था कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने जिला चिकित्सालय के वार्डों का भ्रमण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि सिविल सर्जन डॉ. संजय धबड़गांवकर एवं डयूटी पर तैनात डॉ. अशोक लिल्हारे व डॉ. समद ने एप्रान नहीं पहना था। उन्होंने डाक्टर्स को ड्रूटी के दौरान एप्रान पहनने के दिये गये निर्देशों का पालन नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई और सिविल सर्जन को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी स्थिति नहीं मिलना चाहिए।
ओ.पी.डी. एवं वार्ड पर विभाग का नाम नहीं था
कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने जिला चिकित्सालय के वार्डों एवं डाक्टर्स की ओ.पी.डी. का निरीक्षण किया तो पाया कि ओ.पी.डी. एवं वार्ड में चिकित्सा से संबंधित विभाग का नाम एवं डाक्टर का नाम अब भी नहीं लिखा गया है। उन्होंने सिविल सर्जन से कहा कि 15 दिन पहले उनके द्वारा किये गये निरीक्षण में भी यही स्थिति थी। उसमें कोई सुधार नहीं आया है। उन्होंने सिविल सर्जन से कहा कि वे दिये गये निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
महिला ओ.पी.डी. को सामने लाने के निर्देश
कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि वे जिला चिकित्सालय की महिला ओ.पी.डी. को अस्पताल के सामने वाले भाग में लाये। जिससे अस्पताल में आने वाली महिलाओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
एक्स-रे के लिए पैसे मांगे तो होंगें बर्खास्त
एक्स-रे कक्ष के निरीक्षण के दौरान उन्होंने वहां के आपरेटर को चेतावनी दी कि वह मरीजों से कोई राशि न लें। उन्होंने कहा कि अगली बार एक्स-रे के लिए पैसे मांगने की शिकायत मिलेगी को सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की जायेगी।
औषधि वितरण कक्ष में दो काउंटर बनाने के निर्देश
जिला चिकित्सालय के औषधि वितरण कक्ष के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने मरीजों को दवा वितरण के लिए दो काउंटर बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने सिविल सर्जन को सख्त हिदायत दी कि किसी भी मरीज को बाजार से दवा नहीं खदीदने दिया जाये। मरीज को जिला चिकित्सालय से ही दवायें नि:शुल्क मिल जाना चाहिए। उन्होंने मरीजों को दी जाने वाली दवाओं के अभिलेखों का सही संधारण करने के भी निर्देश दिये।
रेडक्रास की दुकान का निरीक्षण
कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने अस्पताल परिसर में संचालित रेडक्रास की दुकान का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दुकान से बिक्री की जाने वाली दवाओं के अभिलेखों का सही संधारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज को डाक्टर की पर्ची के बगैर दवा न दी जाये।
परिजनों के लिए बनाये शेड में खड़े थे वाहन
जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजनों के ठहरने के लिए बनाये गये शेड का उपयोग दो पहिया वाहनों को खड़े करने में किया जा रहा है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि शेड जिस मकसद को लेकर बनाये गये है उनका सही उपयोग होना चाहिए। शेड में किसी भी प्रकार का वाहन खड़ा नहीं होना चाहिए।
सांची दुग्ध पार्लर से राशि लेने के निर्देश
जिला चिकित्सालय परिसर में सांची दुग्ध पार्लर की एक दुकान संचालित की जा रही है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने दुकान के संचालक को सख्त हिदायत दी कि दुकान में गुटखा पाउच, सिगरेट, तम्बाकू, पान-मसाला आदि नहीं बिकना चाहिए। उन्होंने अस्पताल की रोगी कल्याण समिति में दुकान संचालक से लेने के लिए एक राशि निश्चित करने के निर्देश भी दिये।
वर्दी में नहीं था आरक्षक
कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने जिला चिकित्सालय की पुलिस चौकी का भी निरीक्षण किया। पुलिस चौकी में तैनात आरक्षक नरेन्द्र धुर्वे क्रमांक 1067 वर्दी में नहीं था। आरक्षक के वर्दी में नहीं होने पर कलेक्टर द्वारा उसे जमकर फटकार लगाई गई और वर्दी पहनने के लिए कहा गया। आरक्षक से पूछा गया कि उसकी वर्दी कहां है तो उसने बताया कि वर्दी घर पर ही है। इस पर कलेक्टर ने आरक्षक नरेन्द्र धुर्वे को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिये है।
दो माह के भीतर गार्डन बनाने के निर्देश
कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने नगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे दो माह के भीतर अस्पताल परिसर में अच्छा गार्डन बनायें। जिससे अस्पताल का वातावरण स्वच्छ रहे और मरीजों को भी एक अच्छा वातावरण मिल सके। यह कार्य दो माह में पूर्ण हो जाना चाहिए।
खेतों की गहरी जुताई के लिए हलधर योजना में किसानों को मिलेगा अनुदान
- एक हजार हेक्टेयर मे गहरी जुताई का लक्ष्य
फसलों के अधिक उत्पादन के लिए खेतों की गहरी जुताई आवश्यक है। गहरी जुताई से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ ही उसकी जलग्रहण क्षेता भी बढ़ जाती है। किसानों को खेतों की गहरी जुताई के लिए अनुदान देने किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा हलधर योजना संचालित की जा रही है। किसान इस योजना का लाभ लेकर अपने खेतों की गहरी जुताई कर सकते है। उप संचालक कृषि श्री बी.एल. बिलैया ने इस संबंध में बताया कि हलधर योजना के अंतर्गत कृषकों को खेतो की गहरी जुताई एम.बी. प्लाउ या रिवर्सिबल प्लाउ से करने पर लागत का 50 प्रतिशत गहरी जुताई करने पर या अधिकतम 1500 रूपये प्रति हेक्टर जो भी कम होगा अनुदान के रूप में दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत जिले के अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कृषक अधिकतम 4 हेक्टर तक के लिए तथा सामान्य वर्ग के लघु एवं सीमांत कृषक अधिकतम 2 हेक्टर तक खेत की गहरी जुताई कराने के लिए अनुदान प्राप्त कर सकते है।
हलधर योजनांतर्गत वर्ष 2013-14 हेतु गहरी जुताई के लिए जिले को एक हजार हेक्टर का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। किसानों को खेतो की गहरी जुताई का कार्य ग्रीष्म काल में ही करने की सलाह दी गई है। सभी श्रेणी के किसानों को निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शतप्रतिशत जुताई का कार्य 30 मई 2013 तक अनिवार्य रूप से कराने की सलाह दी गई है। इसके पश्चात गहरी जुताई पर अनुदान पात्रता देय नही होगी।
24 अप्रैल को जिला पेंशन फोरम की बैठक
विभिन्न विभागों के सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों की समस्याओं के निदान के लिए आगामी 24 अप्रैल को जिला पेंशन फोरम की बैठक का आयोजन किया गया है। कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में आयोजित यह बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रात: 11.30 बजे से प्रारंभ होगी। इस बैठक में 31 मार्च 2013 तक सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों की स्थिति की समीक्षा की जायेगी तथा आगामी दो वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की जानकारी प्रस्तुत की जायेगी। बैठक में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दवाईयों की उपलब्धता के बारे में भी समीक्षा की जायेगी। बैठक में सभी विभागों के कार्यालय प्रमुखों को उपस्थित रहने के निर्देश दिये गये है।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के आवेदन पत्रों का वितरण प्रारंभ
ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर सुलभ कराने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना 01 अप्रैल 2013 से बालाघाट जिले में भी लागू हो गई है। कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को इस योजना के आवेदन पत्र प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करायें। नगरीय क्षेत्रों के युवा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बालाघाट से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री शिवदास बैन ने इस संबंध में बताया कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के लिए आवेदन करने वाले युवा को म.प्र. का मूल निवासी होना चाहिए तथा उसे 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होना चाहिए। अनुसूचित, जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला एवं नि:शक्त व्यक्तियों को आयु में 5 वर्ष की छूट प्रदान की जायेगी। आवेदक को किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, वित्तीस संस्था, सहकारी बैंक का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।
श्री बैन ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत ऋण गारंटी शुल्क की प्रतिपूर्ति की सुविधा केवल उद्योग एवं सेवा क्षेत्र के लिए दी जायेगी। व्यवसाय क्षेत्र के लिए यह सुविधा नहीं दी जायेगी। यदि कोई व्यक्ति अन्य सरकारी योजना के अंतर्गत पूर्व से सहायता प्राप्त कर रहा है तो इस योजना में सहायता के लिए पात्र नहीं होगा। इस योजना में सहायता के लिए व्यक्ति केवल उद्योग, सेवा क्षेत्र या व्यवसाय लगाने के लिए पात्र होगा। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त करने के इच्छुक युवा ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद पंचायत कार्यालय से तथा नगरीय क्षेत्र के युवा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते है।
पेंशन प्रकरणों का निराकरण पेंशन कार्यालय करेंगा
म.प्र. शासन वित्त विभाग के आदेशानुसार विभिन्न विभागों के पूर्व में सेवानिवृत्त एवं सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के समस्त पेंशन प्रकरणों के निराकरण का दायित्व जिला पेंशन कार्यालय को र्सौंपा गया है। जिला कोषालय अधिकारी ने सभी कार्यालय प्रमुखों से कहा है कि वे पेंशन संबंधी प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला पंशन कार्यालय से ही पत्र व्यवहार करें पेंशन अधिकारी को प्रकरण प्रस्तुत करें। जिला कोषालय द्वारा पेंशन प्रकरणों पर कोई कार्यवाही नहीं की जायेगी।
8 अप्रैल को विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण शिविर का आयोजन
म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा बालाघाट जिले के विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण के लिए आगामी 8 अप्रैल को शिकायत निवारण शिविर का आयोजन किया गया है। यह शिविर कंपनी के स्टेशन रोड कार्यालय में दोपहर 12.30 बजे से प्रारंभ होगा और अपरान्ह 3 बजे तक चलेगा। बालाघाट जिले के विद्युत उपभोक्ता इस शिविर में अपनी शिकायतों के समाधान के लिए उपसिथत हो सकते है।
मानसिक बहुविकलांगों की पेंशन के लिए 20.74 लाख रु. आबंटित
मानसिक एवं बहुविकलांग व्यक्तियों को प्रदेश सरकार द्वारा हर माह 500 रु. की पेंशन प्रदान की जाती है। इस योजना के पात्र हितग्राहियों को पेंशन राशि के भुगतान के लिए जनपद पंचायतों एवं नगरीय निकाय संस्थाओं को 20 लाख 74 हजार रु. की राशि आबंटित की गई है। उप संचालक सामाजिक न्याय श्री धनंजय मिश्रा ने इस संबंध में बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के मानसिक एवं बहुविकलांग व्यक्तियों को पेंशन भुगतान के लिए जनपद पंचायत बालाघाट को 2 लाख 12 हजार 500 रु., किरनापुर को 2 लाख 35 हजार 500 रु., लांजी को 2 लाख 73 हजार 500 रु., वारासिवनी को 2 लाख 78 हजार रु., कटंगी को एक लाख 86 हजार रु., खैरलांजी को एक लाख 42 हजार रु., लालबर्रा को 3 लाख 4 हजार 500 रु., बैहर को 59 हजार 500 रु., बिरसा को 51 हजार रु. तथा जनपद पंचायत परसवाड़ा को 81 हजार 500 रु. की राशि आबंटित की गई है।
नगरीय क्षेत्रों के हितग्राहियों को पेंशन वितरण के लिए नगर पालिका बालाघाट को 92 हजार रु., वारासिवनी को 68 हजार रु., मलाजखंड को 18 हजार रु., नगर पंचायत लांजी को 33 हजार रु., कटंगी को 21 हजार रु. तथा नगर पंचायत बैहर को 18 हजार रु. की राशि आबंटित की गई है। जनपद पंचायतों एवं नगरीय निकायों के बैंक खाते में यह राशि ई-पेमेंट से जमा करा दी गई है।
तहसील स्तर तक के पत्रकारों की तैयार होगी डायरेक्ट्री
- टेलीफोन, मोबाइल नंबर व मेल आईडी की जानकारी आमंत्रित
जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की अध्यक्षता में विगत दिनों भोपाल में आयोजित जनसंपर्क विभाग के संभाग स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में पत्रकारों की डायरेक्ट्री तैयार करने का निर्णय लिया गया है । इस डायरेक्ट्री में तहसील स्तर तक के पत्रकारों एवं स्ंट्रिगर्स के टेलीफोन व मोबाइल नंबर, ई-मेल आई.डी., संस्थान का नाम व आवासीय पता शामिल किया जायेगा । बालाघाट जिले के तहसील स्तर तक के सभी पत्रकार व स्ंट्रिगर अपनी जानकारी जिला जनसम्पर्क कार्यालय, बैहर रोड मस्जिद चौराहा, बालाघाट में तथ्य सहित अपना संपूर्ण विवरण 10 अप्रैल 2013 तक दे सकते हैं । जिससे जनसंपर्क विभाग द्वारा तैयार की जाने वाली डायरेक्ट्री में पूरे विवरण के साथ नाम दिया जा सके । साथ ही ऐसे सभी पत्रकार जिन्होंने किन्हीं कारणोंवश अपने नियुक्ति पत्र, परिचय पत्र, टेलीफोन व मोबाइल नंबर, ई-मेल आई.डी. आदि अभी तक जनसंपर्क कार्यालय में जमा नहीं किया है, उन सभी से आग्रह किया गया है कि वे यथाशीघ्र वांछित जानकारी जमा कर दें । ताकि डायरेक्ट्री के प्रकाशन हेतु संपूर्ण व्यौरा जनसंपर्क संचालनालय भोपाल को भेजा जा सके।
30 मार्च से होगा निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बेसलाइन सर्वे
चुनाव पूर्व मतदाताओं को निर्वाचन के संबंध में ज्ञान, दृष्टिकोण, व्यवहार, धारणायें एवं वास्तविकता ज्ञात करने हेतु भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बेसलाइन सर्वे किया जा रहा है । इस सर्वे की अवधि 30 मार्च 2013 से 30 मई 2013 तक है। बेसलाईन सर्वे के लिए राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्र के दस-दस मतदान केन्द्रों का चयन किया जावेगा । इनमें 5 ग्रामीण क्षेत्र एवं 5 शहरी क्षेत्र के होंगे । सर्वे के लिए दस मतदाताओं में से 5 पुरूष 5 महिला जिसमें से दो-दो युवा तथा शेष तीन-तीन 30 से अधिक सिटीजन मतदाता होंगे । यह चयन रेण्डम के आधार पर होगा । उक्त सर्वेक्षण के लिये आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय मध्य प्रदेश को नोडल अधिकरण बनाया गया है । उक्त कार्यों हेतु आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय द्वारा जिला एवं तहसील स्तर पर इस कार्य हेतु उपलब्ध अमला बूथ लेवल आफीसर के देख-रेख में कलेक्टर तथा जिला निर्वाचन अधिकारी के मार्गदर्शन एवं नियंत्रण में सर्वे का कार्य किया जावेगा । सर्वे कार्य में केन्द्रीय संस्थानों का भी सहयोग लिया जावेगा, जैसे कि राज्य में उपलब्ध विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे महाविद्यालय आई.सी.एम.आर. इंस्टीटयूट जबलपुर ट्रेवल्स एण्ड टूरिज्म इंस्टीटयूट, ग्वालियर आई.आई.टी., आई.आई.एम., आई.आई.आई.टी. ग्वालियर तथा अन्य प्रतिष्ठित गैर शासकीय संस्थाओं को उनकी उपलब्धता अनुसार समाहित करने का प्रयास किया जावेगा । इसके अतिरिक्त भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चिन्हित सामाजिक सेवा संस्थानों एन.जी.ओ. की भी मदद ली जावेगी ।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई प्रश्नावली के आधार पर मतदाताओं से जानकारी एकत्रित की जावेगी । प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण कर उसकी तालिकायें बनायी जावेगी । उन तालिकाओं का विश्लेषण करने के उपरांत आगामी विधानसभा चुनाव के प्रति मतदाताओं का ज्ञान दृष्टिकोण, व्यवहार, धारणायें तथा वास्तविकता के बारे में विश्लेषण किया जावेगा । तदानुसार मतदाताओं को जागरूक करने तथा उन्हें प्रेरित करने हेतु कार्य योजना भारत निर्वाचन आयोग तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा बनायी जावेगी । डाटा प्रोसेसिंग तथा रिपोर्ट: डाटा कार्य एवं स्केनिंग का ओ.वी.आर. तकनीकी से कम्प्यूटर में अंकित किया जावेगा । इस कार्य हेतु राज्य शासन की संस्था कृषक को चिन्हित किया गया है । प्रतिवेदन तैयार करने हेतु राज्य योजना आयोग के अंतर्गत स्थापित पंजीकृत सोसायटी पी.एन.पी.एस.यू. को चिन्हित किया गया है । प्रत्येक जिले के दो अधिकारी मास्टर ट्रेनर के रूप में भोपाल में प्रशिक्षित किये जावेंगे तथा इनके द्वारा जिला स्तर पर अमले को प्रशिक्षण दिया जावेगा ।

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