कभी धर्मनिरपेक्षता पर समझौता नहीं किया : शरद यादव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 12 अप्रैल 2013

कभी धर्मनिरपेक्षता पर समझौता नहीं किया : शरद यादव


भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने फिर मांग की है कि एनडीए को धर्मनिरपेक्ष छवि के नेता को प्रधानंमत्री पद के दावेदार के तौर पेश करना चाहिए. जदयू ने परोक्ष रूप से नरेंद्र मोदी का विरोध किया है जबकि भाजपा ने जदयू की मांग को तवज्जो नहीं  दी.

जदयू की दो दिन की कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में 13 व 14 अप्रैल को होगी. बैठक में शरद यादव को तीसरी बार अध्यक्ष बनाया जाएगा. बैठक में प्रस्ताव पारित किए जाने की संभावना है, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए की तरफ से एक धर्मनिरपेक्ष छवि वाले व्यक्ति को प्रोजेक्ट किए जाने की मांग की जाएगी.

जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना से जुड़े सवाल का सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा हमने पहले भी कभी धर्मनिरपेक्षता पर समझौता नहीं किया था और अब भी हम नहीं कर रहे हैं. यह पूछने पर कि भाजपा की ओर से मोदी को प्रोजेक्ट करने के मुद्दे पर क्या बैठक में विचार-विमर्श होगा, यादव ने कहा-किसी मुद्दे पर रोक नहीं है. हर चीज पर विचार-विमर्श हो सकता है. यादव ने कहा, हमारी पार्टी लोगों को मुद्दे उठाने की छूट देती है. लेकिन हम यह नहीं बता सकते हैं कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में क्या निर्णय होगा.

यादव की टिप्पणी काफी महत्व रखती है क्योंकि मोदी द्वारा हाल के दिनों में कई बैठकों को संबोधित करने के कारण जदयू में असहजता नजर आ रही है. जदयू के एक नेता ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि मानों उन्हें भाजपा का प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है.’ बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार चला रहे नीतीश कुमार मोदी के खुले आलोचक हैं. 

जदयू में एक बड़े वर्ग का मानना है कि यदि मोदी को लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया तो भाजपा के साथ संबंध तोड़ना अपरिहार्य हो जाएगा. दूसरी तरफ भाजपा ने जदयू की मांग को तवज्जों नहीं दी. पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा, जदयू भाजपा का बहुत पुराना और विसनीय सहयोगी है, जदयू से गठबंधन जारी रहेगा.

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