संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में शामिल सूडान में विद्रोहियों के हमले में शहीद हुए हवलदार हीरालाल को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ बृहस्पतिवार को उनके पैतृक गांव बबैया बिस्वाना में अंतिम विदाई दी गई. गांव में शहीद का शव पहुंचते ही हीरालाल अमर रहे के जय घोष से आकाश गूंज उठा.
अंतिम संस्कार से पूर्व शहीद को सेना एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों तथा राजनेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किए. अंतिम यात्रा में क्षेत्र के हजारों लोग शामिल हुए. उधर सुडान में विद्रोहियों के हमले में शहीद हुए राज्य के दो शहीदों के परिजनों को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 20-20 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
शहीद होने वाले जवानों में हीरालाल के अलावा प्रतापगढ़ जिले के नायब सूबेदार शिवकुमार पाल भी शामिल थे. सकिंद्राबाद तहसील क्षेत्र के बबैया बिस्वाना निवासी धनीराम का इकलौता पुत्र हीरालाल (35) 1996 में भारतीय थल सेना में भर्ती हुआ था. विभाग ने हीरालाल को इलाहाबाद 17वीं एनसीसी बटालियन में बतौर हवलदार तैनात किया. सूडान में फैली जातीय हिंसा को थामने के लिए उसे देश की ओर से संयुक्त राष्ट्रसेना शांति अभियान में 24 अक्टूबर को मिशन पर छह माह के लिए सूडान भेजा गया था. गत 9 अप्रैल को जब बटालियन के जवान संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के वाहनों को एस्कोर्ट कर रहे थे उसी समय विद्रोहियों द्वारा किए गए हमले में हीरालाल सहित देश के पांच जवान शहीद हो गए.
हीरालाल के शहीद होने की सूचना जैसे ही उनके गांव पहुंची वहां शोक छा गया. बृहस्पतिवार को इनफैंट्री के जवान कर्नल योगेन्द्र सांगवान, लेफ्टीनेंट कर्नल ज्योति धवन के नेतृत्व में शहीद का शव लेकर गांव बबैया बिस्वाना पहुंचे तो वहां शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. राजकीय सम्मान के साथ शहीद को अंतिम सलामी दी गई. सेना के धिकारियों, जिला प्रशासन के अधिकारी एसपी सिटी अजय कुमार साहनी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अच्छेलाल सिंह यादव, एसडीएम योगेश कुमार, सीओ राममूरत सिंह यादव, प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी, सांसद सुरेन्द्र नागर समेत सैकड़ों नेताओं व सेवानिवृत्त फौजी अधिकारियों एवं जवानों ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए.
शहीद के साथ सूडान में तैनात रहे जवान विपिन ने बताया कि 400 से अधिक विद्रोहियों ने अचानक हमला किया था जिसका जवाब शांति सेना में शामिल जवानों ने दिया. इस हमले में पांच भारतीय जवान शहीद हुए जिसमें दो यूपी के हैं. शहीद हीरालाल के पिता धनीराम की उम्र करीब सौ वर्ष है. शहीद अपने पीछे पत्नी कमलेश व पुत्र विनीत (11), करन (5), बेटी एकता (7) को छोड़ गए हैं. सभी गांव में ही शिक्षारत हैं. धनीराम को अपने इकलौते पुत्र की शहादत पर गर्व है. उन्होंने बताया कि यदि हीरालाल के अतिरिक्त भी कोई पुत्र होता तो वह उसे भी देश की रक्षा व सम्मान पर कुर्बान कर देते. कर्नल योगेन्द्र सांगवान ने बताया कि हीरालाल को 15 दिन बाद ही सेवानिवृत्त होना था.
जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद लेफ्टीनेंट कर्नल महिपाल सिंह पिलानिया तेरा नाम रहेगा, इस उद्घोष के साथ सुरहेती पिलानिया निवासी शहीद महिपाल सिंह का वृहस्पतिवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया. उन्हें मुखाग्नि उनके बेटे महेन्द्र सिंह सुभाष ने दी. शव के साथ आई सेना की टुकड़ी ने मातमी धुन बजाकर और शस्त्र झुकाकर तो हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने हवा में गोलियां चलाकर शहीद को सलामी दी. राज्य सरकार की ओर से मुख्य ससंदीय सचिव राव दान सिंह और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धाजंलि दी. वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रामविलास शर्मा, इनेलो नेता रमेश पालड़ी, जिला प्रमुख सुरेन्द्र कौशिक आदि ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर श्री पिलानिया को श्रद्धाजंलि दी.
51 वर्षीय लेफ्टीनेंट कर्नल शहीद महिपाल सिंह 9 मेकेनाईज्ड इनफैंटरी बबीना में सेवारत थे. उनकी ड्यूटी यूएनओ शांति स्थापना सेना के तहत भारतीय सेना दल में शामिल दक्षिणी सूडान के जांगलाई क्षेत्र में थी. विद्रोहियों से हुई मुठभेड़ में 9 अप्रैल को वह अपने चार साथियों सहित वीरगति को प्राप्त हो गए थे. शहीद महिपाल अपने पीछे पत्नी सुधा, पुत्री जागृति, पुत्र महेन्द्र सिंह व सुभाष सहित पिता रणबीर सिंह, माता जानकी देवी, भाई राजेश और विनोद सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं.
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