सिख दंगों को अमरीका ने जनसंहार नहीं माना. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

सिख दंगों को अमरीका ने जनसंहार नहीं माना.


अमरीका ने भारत में हुए 1984 के सिख-विरोधी दंगों को 'जनसंहार' मानने से इनकार कर दिया है। हालांकि उसने माना है कि उस दौरान बहुत बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ था. अमरीका में बसे सिख संगठनों ने हाल के दिनों में इस बात की मुहिम चलाई थी कि भारत में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को 'जनसंहार' की श्रेणी में रखा जाए. सिख समूहों ने अमरीकी राष्ट्रपति कार्यालय में इस आशय की एक याचिका दायर की थी. उन्होंने इसके लिए ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था.

पिछले साल नवंबर में शुरू किए गए इस अभियान को एक हफ़्ते में ही 30,000 से ज़्यादा दस्तख़त हासिल हो गए थे. इस तरह की किसी भी याचिका को अगर 25,000 हस्ताक्षर प्राप्त हो जाते हैं तो प्रशासन उसका जवाब देता है.

 सूत्रों के अनुसार "साल 1984 में और उसके बाद हुई हिंसा पर अमरीका ने नज़र रखी और उस दौरान सिख समुदाय के ख़िलाफ़ हुई हिंसा और मानवधिकारों के गंभीर हनन को सबके सामने लाया." अमरीकी राष्ट्रपति के कार्यालय ने ऑनलाइन याचिका के संबंध में कहा, "हम उस तरह की घटनाओं में, जिसमें मज़हब के आधार पर लोगों के साथ हिंसा होती है, की निंदा करते रहे हैं और इस तरह की घटनाओं के विरुद्ध काम करते रहे हैं. सभी लोगों के अधिकारों और आज़ादी की हिफ़ाज़त हमारी विदेश नीति का अहम हिस्सा रहा है. हमारे राजनयिक विश्व भर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ होने वाली हिंसा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते रहे हैं."

न्यूयार्क में मौजूद सिख अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था 'सिख फॉर जस्टिस' ने एक बयान में कहा है कि प्रशासन की प्रतिक्रिया उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती. गौरतलब है कि 31 अक्तूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नवंबर के पहले हफ़्ते में दिल्ली और आसपास के इलाक़ों में सिखों के ख़िलाफ़ दंगे भड़ग गए थे जिसमें सैकड़ों सिखों की हत्या कर दी गई थी.

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