भारत और जर्मनी ने बर्लिन में छह महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इसमें उच्च शिक्षा और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग का करार भी शामिल है. इन समझौतों के तहत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान के लिए अगले चार साल के दौरान 70 लाख यूरो के खर्च का प्रावधान किया जाएगा और भारत में हरित ऊर्जा गलियारे के लिए जर्मनी एक अरब यूरो का रियायती ऋण प्रदान करेगा.
यहां अंतर-सरकारी वार्ताओं के दूसरे दौर के बाद दोनों पक्षों ने भारत में विदेशी भाषा के तौर पर जर्मन भाषा की पठन-पाठन की क्षमता बढाने के एक करार पर भी हस्ताक्षर किये हैं. इन समझौतों के तहत भारत और जर्मनी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और नवोन्मेष कार्यक्र मों के लिए 35-35 लाख यूरो का योगदान करेंगे. अधिकारियों के मुताबिक, जर्मन भाषा सहयोग के तहत इस समय भारत में केंद्रीय विद्यालयों में 30,000 बच्चे जर्मन भाषा सीख रहे हैं. नए करार के तहत दोनों पक्ष मिल कर भारत में जर्मन भाषा की पढाई की क्षमता का विस्तार करेंगे.
हरित ऊर्जा कॉरिडोर निर्माण के लिए भी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में सहयोग का एक समझौता किया गया. हरित ऊर्जा कॉरिडोर के लिए की गई संधि के तहत विभिन्न राज्यों में बिजली ग्रिड प्रणाली का उपयोग अक्षय ऊर्जा और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिजली के ट्रांसमिशन के लिए किया जाएगा.इन समझौतों में भारत.जर्मन नागरिक सुरक्षा अनुसंधान का भी एक करार है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ जर्मनी की यात्रा पर आए मानव संसाधन विकास मंत्री एम. पल्लम राजू ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे की ताकत जानते हैं और संयुक्त अनुसंधान के लिए कुछ क्षेत्रों की पहचान की है. उन्होंने यह भी कहा कि जर्मनी तकनीकी रूप से काफी मजबूत देश है. इसे देखते हुए आईआईटी चेन्नई और आईआईटी मंडी के बहुत से प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों में जर्मन विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, करीब 4,500 भारतीय विद्यार्थी जर्मनी में विभिन्न पाठ्यक्र मों की पढाई कर रहे हैं. इसी तरह करीब 800 जर्मन विद्यार्थी भारत में पढ़ाई कर रहे हैं.
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