स्टाम्पों की कालाबाजारी रोकने कलेक्टर ने दिये निर्देश, अधिक दाम पर स्टाम्प बेचने वालों का लायसेंस होगा निरस्त
जिले में स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा स्टाम्प का कृत्रिम अभाव पैदा कर उनकी कालाबाजारी किये जाने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने सभी एस.डी.एम. एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि वे स्टाम्प वेंडर पर सख्त निगरानी रखें और समय-समय पर उनके रिकार्ड का निरीक्षण करें। जो कोई भी स्टाम्प वेंडर स्टाम्प की कालाबाजारी करता पाया जाये या जिसका रिकार्ड सही न हो उसका लायसेंस तत्काल निरस्त करने कहा गया है। कलेक्टर द्वारा इस संबंध में दिये गये निर्देशों में कहा गया है कि प्रत्येक स्टाम्प वेंडर को अपने बैठने के स्थान पर एक बोर्ड लगाना होगा। बोर्ड पर वेंडर को प्रति दिन लिखकर दर्शाना होगा कि उसके पास अलग-अलग मूल्य राशि के कितने स्टाम्प उपलब्ध है। बोर्ड में यह भी दर्शाना होगा कि उसके द्वारा कितने स्टाम्प का विक्रय किया गया है। एस.डी.एम. एवं तहसीलदार को अचानक निरीक्षण कर स्टाम्प वेंडर द्वारा बोर्ड पर प्रदर्शित की गई जानकारी का मिलान उसके द्वारा कोषालय से प्राप्त किये गये स्टाम्पों की संख्या से करें। जानकारी का सही मिलान न होने और स्टाम्प वेंडर द्वारा अधिक दाम पर स्टाम्प का विक्रय किया जाना या स्टाम्प का कृत्रिम अभाव पैदा किया जाना पाया जाये तो उस स्टाम्प वेंडर का लायसेंस तत्काल निरस्त कर दिया जायेगा। कलेक्टर द्वारा सभी एस.डी.एम. को सख्त हिदायत दी गई कि वे प्रति सप्ताह स्टाम्प की कालाबाजारी करने वाले कम से कम दो स्टाम्प वेंडर के लायसेंस निरस्त करें।
खनिज के परिवहन से सड़कों के खराब होने का मामला, सड़क मरम्मत नहीं करने पर खनिज का खनन और परिवहन बंद रहेगा
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों पर निर्धारित क्षमता से अधिक वजन का खनिज भर कर खनिज का परिवहन करने से सड़कें खराब हो रही है। कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने इसे गंभीरता से लिया है और खनिज अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे उन खदानों को बंद करायें जिनसे खनिज परिवहन किये जाने से सड़क खराब हो रही है और आम जनता को आवागमन में परेशानी हो रही है। खनिज अधिकारी को दिये गये निर्देशों में कहा गया है कि जिन खदानों से खनिज का परिवहन किया जा रहा है और उसके कारण सड़क खराब हो रही है तो ऐसी खदानों को तत्काल बंद करायें। ऐसी खदानों के पट्टाधारकों जब तक सड़क की मरम्मत नहीं करायेंगें उनकी खदान से खनिज का उत्खनन बंद रहेगा। जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की 14 सड़कों के अधिक क्षमता के खनिज परिवहन से खराब होने का मामला सामने आया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़क पर 8 टन क्षमता के ही वाहन चलाये जा सकते है। क्षमता से अधिक खनिज का ट्रकों में परिवहन कर भारी मुनाफा कमाने वाले खनिज पट्टाधारकों को सड़क खराब कर आम जनता को मुसीबत में नहीं डालने दिया जायेगा। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़क से अधिक क्षमता के ट्रकों में खनिज का परिवहन कर सड़कों को खराब करने वालों से कहा गया है कि वे शीघ्र सड़क की मरम्मत करायें अन्यथा उनकी खदान को बिना विलंब के बंद करा दिया जायेगा। खनिज पट्टाधारक द्वारा जब तक सड़क की मरम्मत नहीं कराई जायेगी तब तक खनिज का खनन और परिवहन बंद रहेगा।
फौती दर्ज नहीं करने वाले पटवारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी एवं कटंगी के एस.डी.एम. को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र के ग्रामों का भ्रमण कर यह सुनिश्चित करें कि पटवारी द्वारा गांव के किसी मृत व्यक्ति की फौती दर्ज करना शेष न रहे। जिस किसी भी गांव में किसी मृत व्यक्ति की जमीन पर उसके बच्चों का नाम नहीं चढ़ाया गया हो तो वहां के पटवारी के विरूध्द सख्त कार्यवाही और उसके विरूध्द विभागीय जांच कर उसे पद से पृथक करने की कार्यवाही करें। उल्लेखनीय है कि मनरेगा के अंतर्गत मेंढबंधान कार्य के लिए जब खसरा-नक्शा निकाला जा रहा था तो पाया गया कि जिन व्यक्तियों ने आवेदन किया था उनके नाम पर अब तक जमीन नहीं आई है और जमीन पर अब भी उनके मृत हो चुके पूर्वजों के ही नाम दर्ज है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने फौती उठाने की इस स्थिति को गंभीरता से लिया है और सभी एस.डी.एम. को निर्देशित किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि गांव में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी संपत्ति पर उसके बच्चों का नाम सात दिनों के भीतर दर्ज हो जाये।
एस.डी.एम. तहसीलदारों का बसों का सतत निरीक्षण करने के निर्देश, नियमों का पालन नहीं करने वाली बसों के लायसेंस निरस्त होंगें
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी एवं कटंगी के एस.डी.एम. को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र में बसों का सतत निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान देखें कि बस के ड्रायवर कंडेक्टर द्वारा ड्रेस पहनी गई है या नहीं, उनके द्वारा अपने नाम पट्टी का बैच लगाया गया है या नहीं, बस में अग्निशमन यंत्र और प्राथमिक चिकित्सा सहायता का सामान उपलब्ध है या नहीं, बस में किराया सूची उपलब्ध है या नहीं, यात्रियों को टिकट दिया जा रहा है या नहीं, बसों में अधिक भीड़ तो नहीं है। बसों के निरीक्षण के दौरान बुजुर्ग, महिला एवं विकलांग व्यक्तियों के लिए सीट आरक्षित है या नहीं यह भी देखने कहा गया है। यदि बसों में निरीक्षण के दौरान यह सब नहीं मिले तो तत्काल बस को कम से कम 10 दिनों के लिए थाने में खड़ा कराने कहा गया है। नियमों का उल्लंघन करने वाली ऐसी बसों का लायसेंस भी निरस्त कर दिया जायेगा। जिले के सभी तहसीलदारों से भी कहा गया है कि वे बसों का निरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि बसों में शासन के नियमों का पालन हो।
अतिक्रमण कर दुकान लगाने वालों की दुकानों को बंद करने के निर्देश
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने सभी एस.डी.एम. एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि वे नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमण कर दुकान लगाने वालों की दुकानों को बंद करायें। इस संबंध में दिये गये निर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को जमीन लीज पर दी गई है तो वह व्यक्ति उसे आबंटित जमीन से एक इंच अधिक जमीन पर भी अपनी दुकान नहीं लगायेगा। जहां पर भी ऐसा पाये जाये तो उस दुकान को तत्काल सील लगाकर बंद कर दिया जाये। ऐसे व्यक्ति द्वारा शासकीय जमीन पर किये गये अतिक्रमण को हटाने के बाद ही उसकी दुकान को खोला जाये। इसी प्रकार मुख्य मार्गों पर जिन व्यक्तियों द्वारा अपनी दुकानों को सड़कों पर फैला कर आवागमन को बाधित किया जा रहा है उनकी दुकानों को भी बंद कराने कहा गया है। कोई व्यक्ति अपनी जमीन में दुकान लगाता है तो कोई आपत्ति नहीं है लेकिन दुकान को बाहर सड़क तक फैलाकर आवागमन को बाधित करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। ऐसे व्यक्ति जब स्वयं अपना अतिक्रमण हटा लें तभी उनकी दुकान को खोला जाये।
बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने प्रशासन ने शुरू की तैयारी, बचाव व राहत कार्यों के लिए सतर्क रहने के निर्देश
- जिला मुख्यालय में बनाया गया कंट्रोल रूम
वर्षा ऋतु के दौरान अतिवृष्टि होने पर जिले के अनेक ग्रामों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। इसी परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिये है। अधिकारियों को जिले में बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति निर्मित होने पर बचाव एवं राहत कार्यों के लिए सतर्क रहने तथा और इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पहले से ही कर लेने के निर्देश दिये गये है। कलेक्टर द्वारा राजस्व, ग्रामीण विकास एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे बाढ़ की संभावना वाले ग्रामों को चिन्हित कर लें। बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर प्रभावित लोगों को ठहराने के लिए उंचे स्थल के भवन का चयन करने एवं बाढ़ की सूचना देने के लिए ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव एवं कोटवार से सतत सम्पर्क बनाये रखने के निर्देश दिये गये है। प्रभावित लोगों को भोजन, उपचार आदि उपलब्ध कराने तथा साफ-सफाई के लिए पहले से ही कार्ययोजना बनाकर रखने कहा गया है। होमगार्ड एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को मोटर बोट, नाव, तैराक, रस्से, सर्च लाईट, टार्च, करोसीन आदि की व्यवस्था पहले से ही कर लेने कहा गया है। होमगार्ड के कमांडेंट से कहा गया कि वे मोटर बोट एवं सर्च लाईट आदि की समय रहते मरम्मत करा लें और ये सामान लांजी एवं वारासिवनी के थानों में भी उपलब्ध करा दें। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने अधिकारियों से कहा कि वे बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति निर्मित होने पर प्रभावित लोगों के लिए चयनित उंचाई वाले स्थान पर तत्काल शिविर लगा दें और वहां पर ठहरे लोगों के लिए भोजन, स्वच्छ पेयजल, दवायें और साफ-सफाई की व्यवस्था करें। भोजन की व्यवस्था के लिए निकटवर्ती उचित मूल्य दुकान से खाद्यान्न क्रेडिट पर प्राप्त कर लें। बाद में उसका भुगतान कर दिया जायेगा। शिविर में ठहरे प्रभावित लोगों के लिए भोजन तैयार करने का कार्य शाला के बच्चों के लिए भोजन तैयार करने वाले स्वयं सहायता समूह को सौंपें। सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि वे बड़े जलाशयों एवं तालाबों के जल स्तर पर पूरी निगरानी रखें। जलाशयों एवं तालाबों में मरम्मत आदि की आवश्यकता हो तो उसे पहले से ही दुरूस्त कर लें। सिवनी जिले के भीमगढ़ बांध, मंडला जिले के थावर बांध एवं गोदिया जिले में बाघ नदी पर बने काली सरार व सिरपुर बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की स्थिति में इसकी सूचना वहां के अधिकारियों से समय पर प्राप्त करने के निर्देश दिये गये है। अधिकारियों से कहा गया है कि वे इन पड़ोसी जिलों के अधिकारियों से सतत सम्पर्क बनाये रखें और सूचनाओं का आदान प्रदान करें। वैनगंगा नदी में पानी छोड़ की सूचना गोंदिया एवं भंडारा जिले को पूर्व से ही देने के निर्देश भी दिये गये है। जिससे बाढ़ की स्थिति निर्मति होने पर वहां सतर्कता बरती जा सके। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि जिन रपटों एवं पुलों पर बाढ़ की स्थिति में पार करना खतरनाक हो उसके लिए सूचना बोर्ड लगाने के निर्देश दिये गये है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि वे सभी उप स्वा. केन्द्रों पर क्लोरिन की गोलियों एवं जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त भंडार रखे। सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि वे टेकाड़ी जलाशय, नहलेसरा, गांगुलपारा, जमुनिया, जगला जैसे बड़े जलाशयों के जलस्तर पर लगातार नजर रखें। बैठक में बताया गया कि खैरलांजी तहसील के 26 ग्राम चंदन, बावनथड़ी एवं वैनगंगा नदी की बाढ़ से प्रभावित होते है। वारासिवनी तहसील के 3 ग्राम, बालाघाट तहसील के 25 ग्राम, किरनापुर तहसील के 31 ग्राम, लांजी तहसील के 48 ग्राम तथा बैहर तहसील के 2 ग्राम बाढ़ से प्रभावित होते है। इस प्रकार जिले में बहने वाली वैनगंगा, बावनथड़ी, चंदन, बाघ, महकारी, मानकुंवर, घिसर्री, सोन, बड़ी बाघ, छोटी बाघ, देव व बंजर नदी में बाढ़ आने के कारण कुल 135 ग्राम प्रभावित होते है। बैठक में बताया गया कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति में गांव में पानी भरने की सूचना देने के लिए जिला स्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस कंट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 07632-240102 पर कोई भी व्यक्ति बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर सूचना दे सकता है। यह कंट्रोल रूम वर्षा काल में पूरे 24 घंटे कार्य करता रहेगा।

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