भारतीय सिनेमा की मशहूर हस्तियों पर आज तक फिल्में बनाने का प्रयास कम ही फिल्मकारों ने किया है। अभिनेत्री दीप्ति नवल मशहूर अभिनेता बलराज साहनी के जीवन पर फिल्म बनाने की इच्छुक हैं, जिन्हें उनके स्वभाविक अभिनय के लिए जाना जाता है। लेकिन नवल की फिल्म परियोजना में फिलहाल कुछ रुकावटे हैं। नवल, साहनी के अभिनय से काफी प्ररित रहीं हैं। पिछले कई वर्षो से वह साहनी के जीवन और करियर पर पर शोध करने में लगी रहीं और अब जब उनकी वर्षो की मेहनत बड़े पर्दे के माध्यम से लोगों के सामने लाने का वक्त आया तब उनके काम में एक बड़ी रुकावट साहनी के बेटे परीक्षित साहनी की आपत्ति ने खड़ी कर दी।
नवल ने कहा, "मैं बलराज साहनी पर फिल्म बनाना चाहती हूं। मैंने कई साल तक इसके लिए शोध किया, पर जब मैं उनके बेटे परीक्षित साहनी के सामने फिल्म का प्रस्ताव लेकर गई तो उन्होंने कहा कि अपने पिता की जिंदगी पर फिल्म बनाने के अधिकार उन्होंने दूसरे निर्माता को दे दिए हैं। उन्होंने एक बार के लिए भी नहीं सोचा कि यह मेरा अधिकार है। मैं मानती हूं कि कोई दूसरा भी इस विषय पर फिल्म बनाने का इच्छुक है, लेकिन हम कोई समाधान तो ढूंढ़ ही सकते हैं। बलराज साहनी पर फिल्म बनाने की मेरी दिली इच्छा है।"
कई साल पहले अभिनेत्री सिम्मी ग्रेवाल ने राज कपूर पर 'लीविंग लीजेंड राज कपूर' नाम से वृत्तचित्र बनाया था और फिल्म निर्देशक संदीप राय ने गायक किशोर कुमार पर वृत्तचित्र बनाई थी। 'साथ-साथ' और 'चश्मे बद्दूर' जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं नवल कहती हैं कि बॉलीवुड को उनकी स्थिति को तय करने की दिक्कत हमेशा से रही है।
उन्होंने कहा, "यही वजह है कि मैं वास्तविक सिनेमा की तरफ ज्यादा आकर्षित होती हूं। 'औरंगजेब' और 'यारियां' जैसी मुख्यधारा की फिल्मों में छोटी- मोटी भूमिकाएं मिलना मेरे लिए कोई मुद्दा नहीं है। मैं रितुपर्णो घोष की 'मेमोरीज ऑफ मार्च' और अविनाश कुमार सिंह की 'लिसन अमाया' जैसी फिल्मों में काम करने की ज्यादा इच्छुक हूं।"

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