पूर्व सांसद व कांग्रेस चुनाव अभियान समिति की सदस्य लवली आनंद ने कहा कि बिहार में आज जो भी विकास की झलक दिख रही है वह केन्द्र की यूपीए सरकार की देन है। राज्य सरकार के पास तो इतना भी धन नहीं कि वह अपने कर्मचारियों को ढंग से वेतन दे सके।
महाराजगंज संसदीय उपचुनाव के प्रचार में पहुंचीं लवली आनंद शनिवार को प्रत्याशी जीतेन्द्र स्वामी के आवास पर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि बिहार की वार्षिक सकल घरेलू आय केवल नौ हजार करोड़ रुपये है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर हर वर्ष 10 हजार छह सौ करोड़ रुपये और पेंशन पर पांच हजार करोड़ से अधिक रुपये खर्च होते हैं। सात हजार करोड़ रुपये बैंक लोन के सूद देने पड़ते हैं। मंत्रियों के शाही खर्च व मुख्यमंत्री की यात्राओं का खर्च अलग है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र ने जो योजनाएं व पैकेज दिये, उसके रुपये का राज्य सरकार सही इस्तेमाल नहीं कर सकी। इस सरकार को विकास की चिंता कहां, उसे तो लूट-खसोट से मतलब है। आरजेडी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि जनता फिर से उस अराजकता के दौर में जाने की सोच भी नहीं सकती। जनता को अब केवल कांग्रेस पर भरोसा रह गया है और इस भरोसे की शुरुआत महाराजगंज से होने जा रही है। यहां की जनता ने उमाशंकर बाबू को पांच साल के लिए चुना था और उनके शेष अवधि पर उनके पुत्र जीतेन्द्र स्वामी का ही हक बनता है।
उन्होंने कहा कि मैं जनता से अपील करना चाहूंगी कि अपने अल्प संसदीय कार्य काल में श्री स्वामी अपने कर्तव्य पर खरे नहीं उतरे तो उनके लिए फिर वोट मांगने नहीं आऊंगी। प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी, ब्रजेश पांडेय, प्रवीण कुशवाहा, अजय कुमार चौहान, जिलाध्यक्ष मनोज सिंह भारद्वाज, डॉ. कामेश्वर सिंह, अनिल कुमार सिंह, रामबाबू राय व अन्य थे।
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