दिल्ली हवाईअड्डा मेट्रो लाइन का परिचालन करने वाली रिलायंस इंफ्रा ने 30 जून के बाद इसे चलाने से मना कर दिया है। वहीं दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने इस बारे में नोटिस को खारिज करते हुए इसे अनुबंध शर्तों तथा मध्यस्थ के जरिये निर्णय को लेकर चल रही कार्यवाही का उल्लंघन बताया है।हालांकि डीएमआरसी के चेयरमैन सुधीर कृष्ण ने कहा कि अगर रिलायंस इंफ्रा इसका परिचालन नहीं करती तो डीएमआरसी परिचालन करेगी। रिलायंस इंफ्रा ने 27 जून को पत्र लिखकर 30 जून की रात से दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो प्राइवेट लि़ का परिचालन करने से अक्षमता जतायी थी।
आधिकारिक बयान के अनुसार इस मामले पर चर्चा के लिये डीएमआरसी के निदेशक मंडल की बैठक हुई। बैठक में कहा गया है कि नोटिस अनुबंध शर्तों तथा मध्यस्थ के जरिये निर्णय को लेकर चल रही कार्यवाही का उल्लंघन है।शहरी विकास मंत्रालय में सचिव तथा डीएमआरसी के चेयरमैन सुधीर कृष्ण ने कहा कि निदेशक मंडल ने नोटिस खारिज करने का निर्णय किया है और समझौते के तहत कंपनी को परिचालन जारी रखने को कहा है। हालांकि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो डीएमआरसी पहल करेगी और जनहित में इसका परिचालन जारी रखेगी।
देश की पहली सार्वजनिक—निजी भागीदारी पर आधारित परियोजना एयरपोर्ट मेट्रो लाइन फरवरी 2011 में परिचालन में आने के बाद से समस्या में घिरी है।
तकनीकी खराबी के कारण इसकी सेवा 2012 में सात जुलाई से 22 जनवरी 2013 तक बंद रही। इसका परिचालन दोबारा शुरू होने पर इसकी गति सीमा घटाकर 50 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गयी। इससे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से हवाईअड्डे तक की यात्रा में 40 मिनट से अधिक समय लगता है। सेवा निलंबित होने से पहले यात्रियों की दैनिक संख्या तकरीबन 20,000 से 21,000 थी लेकिन दोबारा परिचालन शुरू होने के बाद यह घटकर 10,000 पर आ गयी। रिलायंस इंफ्रा के सूत्रों ने कहा कि परिचालन बंद करने का निर्णय नया नहीं है। इस बारे में डीएमआरसी के साथ चार—पांच महीने से बातचीत हो रही थी।
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