भारत के शीर्ष राजनयिकों पर जल्द ही कोई निर्णय आने वाला है तथा इस पद के लिए सुजाता सिंह के प्राथमिकता में सबसे ऊपर रहने की संभावना है। सुजाता सिंह इस समय जर्मनी में भारत की राजदूत हैं। भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में वह इस समय सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं तथा पूरी संभावना है कि वह वर्तमान विदेश सचिव रंजन मथाई की जगह ले सकती हैं। मथाई 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
ऐसा समझा जा रहा है कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने वरिष्ठता के आधार पर निर्णय लेने का फैसला किया है तथा सुजाता सिंह की सिफारिश की है।सुजाता सिंह 1976 बैच की अधिकारी हैं तथा देश के विदेश कार्यालय की अध्यक्षता करने वाली तीसरी महिला हो सकती हैं। इससे पहले चोकिला अय्यर और निरूपमा राव देश की विदेश सचिव का पदभार संभाल चुकी हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सुजाता की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है। सुजाता सिंह के पति संजय सिंह भी आईएफएस अधिकारी हैं और हाल ही में राज्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
सुजाता, पूर्व राज्यपाल एवं खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अध्यक्ष रह चुके टी.वी. राजेश्वर की बेटी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हाल ही में राजेश्वर की शादी की 60 सालगिरह समारोह में शामिल हुई थीं, जिसे सुजाता की नियुक्ति की अंर्तनिहित सहमति के रूप में देखा जा रहा है। विदेश कार्यालय के इस सर्वोच्च पद के लिए अन्य उम्मीदवारों में चीन में भारतीय राजदूत एस. जयशंकर, इंग्लैंड में भारत के उच्चयुक्त जैमिनी भागवती, सचिव (पश्चिम) सुधीर व्यास तथा सचिव (आर्थिक संबंध) पिनाक रंजन चक्रवर्ती शामिल हैं।

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