कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को दिल्ली में पार्टी के नव नियुक्त पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी अपनी रणनीति पर चर्चा करेगी. राहुल शनिवार को पहली बार पार्टी के उन पदाधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं, जिन्हें हाल में जिम्मेदारी दी गई है. उम्मीद है राहुल गांधी पार्टी पदाधिकारियों के साथ अपनी इस मुलाकात के अवसर का इस्तेमाल ऐसे समय में पार्टी को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए करेंगे जब पार्टी को इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और दिल्ली सहित चार प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव का सामना करना है.
इसके अलावा झारखंड में भी विधानसभा चुनाव के आसार बन रहे हैं क्योंकि वहां राष्ट्रपति शासन की अवधि 18 जुलाई को समाप्त होने वाली है और कांग्रेस वहां सरकार बनाने को इच्छुक नहीं दिख रही है. हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा आदिवासी बहुल झारखंड में सरकार बनाने के लिए गठबंधन बनाने का लगातार दवाब बना रही है.
राहुल गांधी के साथ हो रही पार्टी पदाधिकारियों की इस बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवों और महासचिवों के अलावा पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल भी मौजूद हैं. इस बैठक से पहले राहुल गांधी ने विभिन्न राज्यों के प्रभारी महासचिवों से अलग-अलग मुलाकात की है, विशेषरूप से उन राज्यों के प्रभारियों से जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.हाल में पार्टी संगठन में बड़े पैमाने पर हुए फेरबदल में करीब एक दर्जन महासचिव और तीन दर्जन से ज्यादा सचिव बनाये गये हैं जिनमें कई नये चेहरे शामिल हैं. इस टीम को 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी की टीम के रूप में देखा जा रहा है. पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्रियों अजय माकन और सीपी जोशी को अंबिका सोनी और गुरूदास कामत के साथ महासचिव नियुक्त किया, जबकि गुलाम नबी आजाद और आस्कर फर्नांडिस को पद से मुक्त कर दिया.
गुजरात के मधुसूदन मिस्त्री को अहम माने जाने वाले उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया गया है जबकि दिग्विजय सिंह को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गोवा की जिम्मेदारी दी गयी है. जिन लोगों को तरक्की देते हुए महासचिव बनाया गया है उनमें मोहन प्रकाश, शकील अहमद और लुईजिन्हो फलेरिया शामिल हैं. इसके पहले वे कांग्रेस कार्य समिति में स्थायी आमंत्रित सदस्य थे. साथ ही वे विभिन्न राज्यों के प्रभारी थे. लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय रह जाने के बीच माकन को पार्टी की नवगठित संचार, प्रचार और प्रकाशन शाखा की जिम्मेदारी दी गयी है जिसमें पार्टी का मीडिया विभाग भी शामिल है. जनार्दन द्विवेदी पिछले छह साल से मीडिया विभाग का काम देख रहे थे.
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