भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस तारागिरी 33 सालों तक राष्ट्र को अपनी सेवाएं देने के बाद गुरुवार को सेवामुक्त हो गया। यह न केवल ब्रिटिश काल में निर्मित छह पोतों में से आखिरी है, बल्कि नीलगिरी श्रेणी का स्वदेशी निर्मित युद्धपोत भी है। आईएनएस तारागिरी को 16 मई, 1980 को नौसेना में शामिल किया गया था। इसके 27वें व आखिरी कमांडिंग अधिकारी पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी तथा वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के पूर्व विद्यार्थी कमांडर राहुल शंकर थे।
नीलगिरी श्रेणी के युद्धपोत ब्रिटिश निर्मित लीनडर श्रेणी के युद्धपोतों की तुलना में अधिक उन्नत थे। इनका निर्माण मुम्बई स्थित मझगांव डॉक लिमिटेड ने किया था।इस श्रेणी का पहला पोत आईएनएस नीलगिरी वर्ष 1972 में नौसेना में शामिल किया गया था। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, हथियारों से लैस यह पोत सर्वाधिक स्वदेशी रहा है।

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