सरपंच ही बन गई आशा कार्र्यकत्ता, कलेक्टर ने दिये हटाने के निर्देश
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक ग्राम में एक आशा कार्र्यकत्ता की नियुक्ति की गई है। स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए आशा कार्र्यकत्ता को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इसी प्रोत्साहन राशि की लालच में एक महिला सरपंच स्वयं आशा कार्र्यकत्ता बन गई है। कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने आज टी.एल. बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि सरपंच के स्थान पर ग्राम की किसी अन्य महिला को आशा कार्र्यकत्ता नियुक्त करने की कार्यवाही करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. खोसला ने बताया कि चमरवाही की महिला सरपंच के स्वयं आशा कार्र्यकत्ता बन जाने की जानकारी सामने आने पर उसे आशा कार्र्यकत्ता का कार्य तत्काल बंद करने कहा गया है। जनपद पंचायत बालाघाट को चमरवाही में किसी अन्य महिला को आशा कार्र्यकत्ता नियुक्त करने कहा गया है।
प्रसव के बाद शत प्रतिशत महिलाओं को जननी एक्सप्रेस से घर तक पहुंचाना अनिवार्य
- लापरवाही पर होगी सख्त कार्यवाही
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे अस्पताल में प्रसव के बाद महिला को जननी एक्सप्रेस से उसके घर तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। जननी एक्सप्रेस से प्रसव के लिए जितनी महिलाओं को अस्पताल लाया जा रहा है, उतनी महिलाओं को जननी एक्सप्रेस से घर तक पहुंचाया नहीं जा रहा है। इससे पता चलता है कि प्रसव के बाद महिला को स्वयं के साधन से अपने घर जाना पड़ता है। जबकि जननी एक्सप्रेस की सुविधा प्रसव के लिए महिला को अस्पताल लाने एवं प्रसव के बाद घर तक नि:शुल्क पहुंचाने के लिए उपलब्ध कराई गई है। कलेक्टर द्वारा सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों को इस संबंध में दिये गये निर्देशों में कहा गया है। अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को प्रसव के बाद घर तक पहुंचाने का प्रतिशत 100 प्रतिशत होना चाहिए। जननी एक्सप्रेस के कार्यों की समीक्षा में पाया गया है कि प्रसव के लिए जननी एक्सप्रेस से अस्पताल वाली महिलाओं को घर तक वापस पहुंचाने का प्रतिशत 50 प्रतिशत से भी कम है। खंड चिकित्सा अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि प्रसव के बाद जननी एक्सप्रेस से महिला को घर पहुंचाने का प्रतिशत 50 से कम पाया जायेगा तो उनके विरूध्द सख्त कार्यवाही की जायेगी। प्रसव के बाद शत प्रतिशत महिलाओं को जननी एक्सप्रेस से नि:शुल्क घर तक अनिवार्य रूप से पहुंचाना है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने खंड चिकित्सा अधिकारियों को दिये गये निर्देशों में कहा है कि प्रसव के बाद महिला का नवजात शिशु को लेकर बस का इंतजार करना या बस में धक्के खाते हुए यात्रा करना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यदि किसी महिला को प्रसव के बाद अपने शिशु के साथ भीड-भाड़ वाली बस में यात्रा करना पड़े तो यह अमानवीय स्थिति है। ऐसी स्थिति किसी भी परिवार की महिला के साथ नहीं आना चाहिए।
स्कूलों के पास चलने वाली पान गुटके की दुकानों को बंद करने के निर्देश
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी एवं कटंगी के एस.डी.एम. को निर्देशित किया है कि सभी शालाओं के 100 मीटर की परिधी में पान दुकान पाये जाने पर उसे तत्काल बंद करा दें और दुकान का सामान भी जब्त करें। स्कूलों के आसपास पान, गुटखा, सिगरेट आदि नहीं बिकने दी जायेगी। स्कूलों के 100 मीटर की परिधी में कोई भी पान दुकान नहीं होना चाहिए। ऐसी ही दुकानों में चोरी छिपे गुटखा पाउच बेचे जाते है। स्कूलों के पास पान दुकान संचालित करने वाले व्यक्तियों के विरूध्द भी कार्यवाही करने कहा गया है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों के मुख्यालय पर रहने का होगा सत्यापन
- तहसीलदार एवं एस.डी.एम. को सत्यापन करने के निर्देश
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी एवं कटंगी के एस.डी.एम. एवं सभी तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर स्वास्थ्य विभाग की ए.एन.एम., एम.पी.डब्ल्यू. एवं सुपरवाईजर के मुख्यालय में रहने का सत्यापन करें। स्वास्थ्य विभाग का जो कर्मचारी मुख्यालय पर नहीं रहता हुआ पाया जाये तो उसके विरूध्द विभागीय जांच का प्रस्ताव कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करें। कलेक्टर द्वारा पूर्व में ही स्वास्थ्य विभाग की ए.एन.एम., एम.पी.डब्ल्यू. एवं सुपरवाईजर को 15 जून 2013 तक अपने नियत मुख्यालय पर अनिवार्य रूप से निवास करने के निर्देश दिये गये थे। एस.डी.एम. एवं तहसीलदार को इन कर्मचारियों के मुख्यालय पर रहने या नहीं रहने का सत्यापन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है। जिससे मुख्यालय पर नहीं रहने वाले कर्मचारियों के विरूध्द विभागीय जांच शुरू कर उन्हें दो माह के भीतर सेवा से पृथक कर दिया जायेगा।
मोवाड़ की तीनों ए.एन.एम. मुख्यालय में नही रहती है
आज 01 जुलाई को टी.एल. बैठक में वारासिवनी के एस.डी.एम. श्री कामेश्वर चौबे ने बताया कि उनके द्वारा मोवाड़ के स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया गया था। वहां पर तीन ए.एन.एम. है और तीनों अपने मुख्यालय पर निवास नहीं करती है। वहां की एक ए.एन.एम. महाराष्ट्र के तुमसर से आना-जाना करती है और एक कटंगी से तथा एक अन्य ए.एन.एम. पिपरिया से आना-जाना करती है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने इन तीनों ए.एन.एम. के विरूध्द विभागीय जांच शुरू करने के निर्देश दिये है।
6 माह से नहीं खुला उप स्वास्थ्य केन्द्र, शिक्षक भी शाला से नदारत
आज टी.एल. बैठक में बैहर के एस.डी.एम.श्री आशिष सिंह ने बताया कि डाबरी का उप स्वास्थ्य केन्द्र 6 माह से नहीं खुला है। उनके द्वारा 27 जून को डाबरी का भ्रमण किया गया था तो वह केन्द्र बंद मिला था। 6 माह पूर्व भी उन्हें यहां का उप स्वास्थ्य केन्द्र बंद मिला था। श्री सिंह ने बताया कि उनके द्वारा गत दिवस प्राथमिक शाला किनिया का निरीक्षण किया गया तो प्रात: 11.30 बजे शाला में बच्चे उपस्थित मिले, लेकिन शाला के दोनों शिक्षक अनुपस्थित पाये गये। इस पर कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारी को डाबरी के उप स्वास्थ्य केन्द्र के सभी कर्मचारियों के विरूध्द विभागीय जांच शुरू करने के निर्देश दिये है। उन्होंने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को भी निर्देशित किया है कि किनिया शाला के दोनों शिक्षकों के विरूध्द विभागीय जांच शुरू करें।
ग्राम पंचायतों में आपदा प्रबंधन कक्ष का दूरभाष नं. लिखवाने के निर्देश
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी एवं कटंगी के एस.डी.एम. को निर्देशित किया है कि वे कलेक्ट्रेट कार्यालय के आपदा प्रबंधन कक्ष का दूरभाष नं. 07632-240102 अपने क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में लिखवायें। जिससे बाढ़ या अतिवृष्टि की स्थिति में ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव आपदा प्रबंधन कक्ष के दूरभाष नं. पर त्वरित सूचना दे सके और जिला स्तर से तत्काल राहत एवं बचाव के उपाय किये जा सके। आपदा प्रबंधन कक्ष के दूरभाष नं. की जानकारी ग्राम के सभी लोगों को होना चाहिए। जिससे वे आपदा की स्थिति में जिला प्रशासन को सूचना दे सकें।
आर.टी.ओ. एवं नगर पालिका अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी
आज 01 जुलाई 2013 को आयोजित टी.एल.(समय सीमा) बैठक में जिला परिवहन अधिकारी एवं बालाघाट के नगर पालिका अधिकारी के अनुपस्थित रहने को कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने गंभीरता से लेते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने के लिए उनके विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। परिवहन अधिकारी श्री हरदेनिया एवं नगर पालिका अधिकारी श्री परिहार को स्पष्टीकरण देने कहा गया है कि वे किसके अनुमति से मुख्यालय छोड़कर बाहर गये है। ये दोनों अधिकारी आज टी.एल. बैठक में उपस्थित नहीं थे।
एम.पी.ई.बी. को महावीर चौक और पुराने राम मंदिर के पास ट्रांसफार्मर लगाने के निर्देश
- विरोध करने वालों पर होगी कार्यवाही
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने एम.पी.ई.बी. के कार्यपालन यंत्री श्री विवेक कुमार देशकर को निर्देशित किया है कि वे आवश्यकता एवं सुरक्षा की दृष्टि से नगरीय क्षेत्र बालाघाट के महावीर चौक एवु पुराने राम मंदिर के पास ट्रांसफार्मर लगायें। उन्होंने बालाघाट के एस.डी.एम. को भी निर्देशित किया है कि वे एम.पी.ई.बी. को ट्रासफार्मर लगवाने के लिए पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करायें। ट्रांसफार्मर लगाने का जो कोई भी विरोध करे तो उसकी विडीयोग्राफी एवं फोटोग्राफी कराने एवं ऐसे सभी व्यक्तियों के विरूध्द शासकीय कार्य में बाधा डालने के लिए थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने कहा गया है। उल्लेखनीय है कि एम.पी.ई.बी. को सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति बनाये रखने के लिए महावीर चौक एवं पुराने राममंदिर के पास ट्रांसफार्मर लगाना जरूरी हो गया है। लुकिन कुछ लोग इन दानों स्थानों पर ट्रासफार्मर लगाने का विरोध कर रहें है। जिसके कारण एम.पी.ई.बी. को विद्युत आपूर्ति के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जनहित को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर द्वारा पुलिस सुरक्षा के साथ इन दोनों स्थानों पर शीघ्र ट्रासफार्मर लगाने के निर्देश दिये गये है।
निर्माणाधीन पुलिया गिरने से दो श्रमिकों की मौत का मामला
ठेकेदार के विरूध्द एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश
माह जून 2013 में बैहर तहसील के ग्राम पौनिया में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्य में एक निर्माणाधीन पुलिया के धसक जाने दो श्रमिकों की मृत्यु हो गई थी। कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए श्रम पदाधिकारी को सख्त निर्देश दिये है कि वे सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार से मृत श्रमिकों के परिवार को एक लाख रु. की राशि दिलवायें और उस ठेकेदार के विरूध्द लापरवाही से कार्य करके दो श्रमिकों की हत्या का मामला भी थाने मे दर्ज करायें। उन्होंने निर्माण ऐजेंसी के अधिकारी द्वारा ऐसी घटनाओं को हल्के से लेने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि श्रमिकों के साथ इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
हिर्री में जंगल की भूमि पर चल रहे क्रेशर को हटाने के निर्देश
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने बालाघाट के एस.डी.एम. को निर्देशित किया है कि वे किरनापुर तहसील के ग्राम हिर्री में जंगल की भूमि पर लगाये गये क्रेशर प्लांट को वहां से हटाने की कार्यवाही करें। उन्होंने क्रेशर प्लांट को वहां से अब तक नहीं हटाने पर नाराजगी भी व्यक्त की और कहा कि उनके द्वारा प्लांट को केवल बंद करने के नहीं बल्कि प्लांट को हटाने के भी निर्देश दिये गये थे। इन निर्देशों का सख्ती से पालन करें। उल्लेखनीय है कि नियम विरूध्द संचालन के कारण माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पी.आई.एल. कंपनी के इस क्रेशर प्लांट को हटाने के आदेश दिये गये है।
बसों का सतत निरीक्षण करने के निर्देश
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी एवं कटंगी के एस.डी.एम. को निर्देशित किया है कि वे जिले में चलने वाली यात्री बसों का सतत निरीक्षण करें। यात्री बसों में क्षमता से अधिक यात्री नहीं होना चाहिए। बस के ड्राईवर, कंडेक्टर यूनीफार्म होना चाहिए और उसमें बैच लगा होना चाहिए। बस में किराया सूची लगी होना चाहिए और यात्रियों को एक निर्धारित प्रारूप में टिकट दिया जाना चाहिए। इन नियमों के अनुसार बस का संचालन नहीं होने पर तत्काल चालान काटने और बस का लायसेंस निरस्त करने की कार्यवाही करने कहा गया है।
मेनरोड पर दुकान का सामान फैलाने वालों पर कार्यवाही के निर्देश
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने बालाघाट के एस.डी.एम. को निर्देशित किया है कि वे शहर की सभी मेन रोड पर दुकान का सामान फैलाकर बेचने वाले एवं आवागमन में बाधा पैदा करने वालों पर सख्त कार्यवाही करें। आज टी.एल. बैठक में एस.डी.एम. को निर्देशित किया गया कि वे एक ट्रेक्टर लेकर शहर कर मेन रोड का भ्रमण करें और जिस किसी भी दुकान में अपने शटर के बाहर सामान फैलाकर बेचा जा रहा है उसके सामान को जब्त कर ट्रेक्टर में भर कर लायें। इसके बाद भी दुकानदारों द्वारा अपनी सीमा के बाहर आकर सड़क तक सामान फैलाया जाता है तो उस दुकान को सीलबंद कर दिया जाये। एस.डी.एम. से कहा गया है कि वे इन निर्देंशों का कड़ाई से पालन करें।
36 सेवा निवृत्त कर्मचारियों को कलेक्टर ने किया पी.पी.ओ. का वितरण
- 15 कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के साथ ही मिला पी.पी.ओ.
जिला पेंशन कार्यालय द्वारा विभिन्न विभागों के सेवानिवृत्त 36 कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण माह जून में तैयार किये गये है। इनमें से 15 कर्मचारी ऐसे है जो 30 जून 2013 को ही सेवानिवृत्त हुए है। कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में इन कर्मचारियों को पी.पी.ओ. का वितरण किया। जिला पेंशन अधिकारी श्री जे.एस. पटियाल ने बताया कि 01 जुलाई को वन विभाग के अयुब मो.कुरैशी, पटवारी श्रीमती अनिता जामुरे, किरनापुर की शिक्षक सुनीता तुलसीकर, बैहर की भृत्य रमिया बाई, भारी मशीनरी संभाग के जम्मन मतेल, लांजी की शिक्षक किरण मानकर, वैनगंगा संभाग के मधुकर रणदिवे, लालबर्रा की कला गजभिये, वन विभाग के नारायण पवार, प्रधान पाठक हस्तकला भौरजार, उपजेल बैहर के मनसुखलाल राजपाल, वन विभाग के सुखदेव डोंगरे, परसवाड़ा के रसोईया मेहतलाल टेकाम, वन विभाग के भाउजी भंडारकर, मंगरूलाल कटरे, वैनगंगा संभाग के यशवंत राव मेश्राम, कृषि विभाग की अंगूरी देवी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के गनपत राव जाचक, भू-अभिलेख शाखा के मोरोतीराव हट्टेवार, स्वास्थ्य विभाग की लता उईके व वन विभाग के विष्णुलाल त्रिवेदी को पी.पी.ओ. का वितरण किया गया है। श्री पटियाल ने बताया कि 30 जून 2013 को सेवा निवृत्त होने वाले राजीव सागर परियोजना के सुभाष कुमार मोटवानी, वन विभाग के इन्द्रसेन गौतम, भूनेशचन्द भारद्वाज, विनोद कुमार नायडू, प्रधान पाठक बलीराम भैरम, भारी मशीनरी संभाग के टीकराम परते, शौकत अली, जल संसाधन विभाग के हरिराम रिनाईत, भरतलाल फुलबांधे, महिला एवं बाल विकास विभाग की निर्मला झा, वैनगंगा संभाग के शारदा सिंह, कृषि विभाग के सुरेश श्यामराव कोठे, प्रधान पाठक नान्हूसिंह उईके, शिक्षक आशा श्रीवास्तव तथा प्रधान पाठक कन्हैयालाल बिसेन को भी सेवानिवृत्ति के एक दिन बाद ही पी.पी.ओ. का वितरण कर दिया गया है।
स्टाफ नर्स मिथलेश गौतम को शासकीय आवास खाली करने के निर्देश
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. खोसला ने जिला चिकित्सालय बालाघाट में पदस्थ स्टाफ नर्स श्रीमती मिथलेश गौतम को सात दिनों के भीतर अपने आधिपत्य में रखे गये किरनापुर के शासकीय आवास को रिक्त करने के निर्देश दिये है। आवास रिक्त नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। स्टाफ नर्स मिथलेश गौतम का किरनापुर से 7 जून 2011 को बालाघाट जिला चिकित्सालय में स्थानांतरण हो गया है। लेकिन उनके द्वारा किरनापुर के शासकीय आवास को अब तक खाली नहीं किया गया है। शासन के नियमों के अनुसार स्थानांतरण के बाद कर्मचारी बच्चों की शिक्षा के लिए 4 माह तक ही शासकीय आवास को अपने आधिपत्य में रख सकता है। श्रीमती गौतम द्वारा किरनापुर से आना-जाना कर बालाघाट जिला चिकित्सालय में अपनी सेवायें दी जा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि उनके द्वारा अपने नियत मुख्यालय में निवास नहीं किया जा रहा है। श्रीमती गौतम को तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा गया है कि क्यों न उनके विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। श्रीमती गौतम को सात दिनों के भीतर किरनापुर का शासकीय आवास खाली करने करने कहा गया है। अन्यथा एक पक्षीय कार्यवाही कर आवास खाली कराया जायेगा बाजार दर पिछले दो सालों का किराया वसूल किया जायेगा।
नवनियुक्त संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं 3 के लिए इंडक्शन प्रशिक्षण का आयोजन
- दो चरणों में होगा प्रशिक्षण
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाईट बालाघाट द्वारा नवनियुक्त संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं 3 के लिए इंडक्शन प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण दो चरणों में विकासखंडवार आयोजित किया जायेगा। डाईट प्राचार्य ने बताया कि संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के इंडक्शन प्रशिक्षण का प्रथम चरण में 10 से 19 जुलाई तक चलेगा। इसमें विकासखंड बालाघाट, किरनापुर, लांजी, लालबर्रा एवं वारासिवनी विकासखंड के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। द्वितीय चरण में 01 अगस्त से 10 अगस्त तक विकासखंड खैरलांजी, कटंगी, बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। माध्यमिक शाला में नवनियुक्त संविदा शिक्षक वर्ग-02 का प्रशिक्षण 20 से 29 जुलाई तक डाईट में आयोजित होगा।

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