बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर ( 24 जुलाई ) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 24 जुलाई 2013

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर ( 24 जुलाई )

कलेक्टर ने सर्व शिक्षा अभियान के कार्यों  की समीक्षा

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कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने आज बी.आर.सी. की बैठक लेकर सर्व शिक्षा अभियान के कार्यों एवं योजनाओं  की प्रगति की समीक्षा की।  बैठक में सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक श्री विनय रहांगडाले, जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती निर्मला पटले एवं सहायक यंत्री श्री भास्कर शिव भी उपस्थित थे।

शाला त्यागी बच्चों को शाला में प्रवेश दिलाने के निर्देश

कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने बैठक में शालाओं में बच्चों के प्रवेश की स्थिति की समीक्षा के दौरान बी.आर.सी. को निर्देशित किया कि वे वी.ई.आर. सर्वे के आधार पर सभी शाला त्यागी बच्चों का शाला में प्रवेश सुनिश्चित करायें। जो बच्चे गत वर्ष जिस कक्षा में दर्ज थे उनमें पास होने वाले शत प्रतिशत बच्चों का अगली कक्षा में प्रवेश होना चाहिए। समीक्षा के दौरान पाया गया कि विकासखंड स्तर पर शाला त्यागी बच्चों की संख्या कम है। जबकि यथार्थ में यह काफी अधिक होना चाहिए। इससे प्रतीत होता है कि शिक्षकों द्वारा वी.ई.आर. सर्वे ठीक से नहीं किया गया है। कलेक्टर द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे शाला की छुट्टी होने के बाद गांव में जाकर पता लगाये कि किस बच्चे का शाला में प्रवेश नहीं हुआ है और कितने परिवार गांव से पलायन कर गये है। जिला स्तर से अधिकारियों को भेज कर शिक्षकों द्वारा किये गये सर्वे का सत्यापन भी करने के निर्देश दिये गये।

पाठय पुस्तकों का शीघ्र वितरण करने के निर्देश

नि:शुल्क  पाठय पुस्तक वितरण योजना  की समीक्षा के दौरान बताया  गया कि शालाओं में बच्चों की संख्या के अनुसार पाठय पुस्तकें प्राप्त नहीं हुई है, जिसके  कारण कुछ बच्चों को पुस्तकों का वितरण नहीं हो पाया है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे सिस्टम की कमजोरी का खामियाजा बच्चों को भुगतने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने सभी बी.आर.सी. को निर्देशित किया कि वे अगली कक्षा में जा चुके बच्चों से पुरानी पुस्तकें प्राप्त कर नये बच्चों को पुस्तकों का वितरण करें।

25 प्रतिशत  गरीब बच्चों का निजी  स्कूलों में प्रवेश अनिवार्य

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत  निजी स्कूलों में पास  की बसाहट के 25 प्रतिशत कमजोर  एवं गरीब बच्चों के प्रवेश की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने कहा कि मात्र कुछ बच्चों को प्रवेश देकर खानापूर्ति कर लेना स्वीकार नहीं किया जायेगा। इस अधिनियम के अंतर्गत निजी स्कूलों में कच्चे मकान व झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मजदूर वर्ग के ही 25 प्रतिशत बच्चों को अनिवार्य रूप से प्रवेश देना है। इस अधिनियम की आड़ में सक्षम परिवार के बच्चों का प्रवेश मान्य नहीं किया जायेगा। इस अधिनियम के अंतर्गत निजी स्कूलों में प्रवेशित बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। किसी भी निजी स्कूल में ऐसे बच्चों की अलग कक्षा लगाना या अन्य किसी प्रकार का भेदभाव करने की शिकायत मिलेगी तो उस स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।

कर्मकार मंडल की छात्रवृत्ति का लाभ देने के निर्देश

कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने बैठक में सभी  शालाओं के प्रधान पाठकों एवं  प्राचार्यों को निर्देशित  किया है कि वे भवन संनिर्माण एवं कर्मकार मंडल द्वारा श्रमिकों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति का लाभ अधिक से अधिक बच्चों को दिलायें। जिस ग्राम में शाला स्थित है वहां के पंचायत सचिव का दायित्व है कि वह ग्राम के पंजीकृत परिवारों की सूची शाला के प्रधानपाठक प प्राचार्य को लाकर देगा। जो भी सचिव ऐसे पंजीकृत परिवारों की सूची उपलब्ध नहीं करायेगा उसे सेवा से पृथक कर दिया जायेगा। पंजीकृत परिवारों की जानकारी मिलने के बाद शाला के प्रधानपाठक व प्राचार्य की जिम्मेदारी बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ दिलाने की होगी।

बड़ी कक्षायें सुबह की पाली में लगायें

बैठक में  बताया गया कि जिले के जिन  हाई स्कूलों का हायर सेकेंडरी स्कूलों में उन्नयन किया गया है वहां पर भवन के अभाव में कक्षायें लगाने में  दिक्कतें आ रही है। इस पर कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने कहा कि प्राथमिक व माध्यमिक शाला के बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिये जाने के कारण उनकी कक्षायें दोपहर की पाली में लगाई जायें और कक्षा 9 से 12 तक की कक्षायें प्रात: की पाली में लगाये। हायर सेकेंडरी स्कूल का भवन नहीं बनने तक इस व्यवस्था का कड़ाई से पालन किया जाये।

आंगनवाड़ी कार्र्यकत्ता एवं सहायिका के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित
  • 3 अगस्त  तक जमा करना होगा आवेदन


एकीकृत बाल  विकास परियोजना लालबर्रा के अंतर्गत तीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्र्यकत्ता एवं सहायिका के रिक्त  पदों की पूर्ति के लिए इच्छुक महिला उम्मीदवारों से आवेदन  पत्र आमंत्रित किये गये है। आवेदन पत्र 25 जुलाई से 3 अगस्त 2013 तक बाल विकास परियोजना कार्यालय लालबर्रा में प्रस्तुत किये जा सकते है। बाल विकास  परियोजना अधिकारी श्री श्यामसिंह  ठाकुर ने बताया कि लालबर्रा परियोजना के ग्राम ददिया  के आमाटोला आंगनवाड़ी केन्द्र  व ग्राम कामथी के केन्द्र क्रमांक-03 में कार्र्यकत्ता का पद रिक्त है। इसी प्रकार ग्राम अतरी के आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक-02 में सहायिका का पद रिक्त है। इन केन्द्रों में कार्र्यकत्ता एवं सहायिका के रिक्त पद नियुक्ति की इच्छुक महिलायें 25 जुलाई से 3 अगस्त के बीच कार्यालयीन समय में अपने आवेदन प्रस्तुत कर सकती है। आवेदक महिला की आयु 01 जनवरी 2013 को 18 से 45 वर्ष के बीच होना चाहिए और आवेदक को संबंधित ग्राम का स्थाई निवासी होना चाहिए। आवेदक महिला का नाम बी.पी.एल. सूची में होना चाहिए।

अप्रशिक्षित शिक्षक 31 जुलाई तक डाईट में करा सकेंगें पंजीयन

शासकीय शालाओं में कार्यरत अप्रशिक्षित  शिक्षक जो किन्ही कारणों से डी.एङ प्रशिक्षण के लिए  डाईट में अपना पंजीयन कराने  से छूट गये है, वे आगामी 31 जुलाई 2013 तक अपना पंजीयन करा  सकते है। जिला शिक्षा एवं  प्रशिक्षण संस्थान डाईट के प्राचार्य ने बताया कि डी.एङ प्रशिक्षण के लिए पंजीयन कराने अप्रशिक्षित शिक्षक को प्रथम नियुक्ति आदेश, अनुभव प्रमाण पत्रों की छायाप्रति के साथ पंजीयन के लिए उपस्थित होना होगा। शासकीय शालाओं में कार्यरत समस्त अप्रशिक्षित शिक्षक जिन्होंने डी.एङ प्रशिक्षण के लिए 30 अप्रैल 2013 एवं उसके बाद भी डाईट में पंजीयन कराया है, उन्हें पुन: पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है।

बीज प्रमाणीकरण संस्था में पंजीयन की अंतिम  तिथि 31 जुलाई तक

खरीफ फसलों  के बीज उत्पादन कार्यक्रम  लेने वाले किसानों एवं संस्थाओं के लिए बीज प्रमाणीकरण संस्था में पंजीयन की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2013 रखी गई है। इस तिथि के बाद पंजीयन नहीं किया जायेगा। उप संचालक कृषि श्री बी. एल. बिलैया ने इस संबंध में बताया कि खरीफ फसलों धान, मक्का, मूंग, उड़द, तिल, सोयाबीन, मूंगफल्ली, कोदो, कुटकी आदि के बीज उत्पादन कार्यक्रम लेने वाले किसानों एवं संस्थाओं को बीज प्रमाणीकरण संस्था में 31 जुलाई 2013 तक अपना पंजीयन कराना अनिवार्य है। बीज उत्पादन कार्यक्रम लेने वाले जिले के समस्त किसान, म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास बालाघाट, शासकीय कृषि प्रक्षेत्र पिपरझरी, किन्ही, गढ़ी एवं जिले की पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी समितियों से कहा गया है कि वे नियत तिथि के पूर्व पंजीयन का कार्य पूर्ण करा लें। इस तिथि के बाद खरीफ फसलों के बीज का पंजीयन संभव नहीं होगा।

बीज संघ के प्रमाणित बीज का वितरण सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से हो--मंत्री श्री बिसेन
  • बालाघाट में बनेगा बीज संघ का क्षेत्रीय कार्यालय


सहकारिता  मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन  ने कहा है कि बीज संघ द्वारा उत्पादित प्रमाणित बीज का अधिक से अधिक वितरण सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाना चाहिये। इसके लिये उन्होंने प्रदेश की 4,536 सहकारी समितियों को बीज वितरण कार्य में सजग होकर कार्य किये जाने के लिये भी कहा। श्री बिसेन गत दिवस भोपाल में बीज संघ के संचालक मण्डल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में किसान-कल्याण मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एम.एम. उपाध्याय एवं पंजीयक सहकारिता श्री मनीष श्रीवास्तव भी मौजूद थे। सहकारिता मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि बीज  उत्पादक किसानों को गेहूँ, सोयाबीन के अलावा अन्य दलहन फसलों के बीज उत्पादन  की ओर प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है। किसान-कल्याण मंत्री डॉ. कुसमरिया ने कहा कि बरसीम और ढेंचा के उत्पादन को बढ़ाकर रासायनिक उर्वरक पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। इसके लिये उन्होंने किसानों को भी प्रोत्साहित किये जाने की बात भी कही। बैठक में  बताया गया कि प्रदेश में 2,316 से अधिक बीज उत्पादक समिति हैं। करीब 2 लाख किसान प्रमाणित बीज के उत्पादन में लगे हुए हैं। प्रदेश में पिछले 5 वर्ष में प्रमाणित बीज का उत्पादन लगभग दोगुना हो गया है। वर्ष 2012-13 में 11 लाख 50 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज का उत्पादन हुआ है। जानकारी दी कि पूर्व में प्रदेश की 400 प्रजनक बीज उत्पादन समितियाँ अलग-अलग क्षेत्र में जाकर प्रजनक बीज एकत्र किया करती थीं। इससे होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिये अब यह कार्य केन्द्रीय-स्तर पर बीज संघ द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश में चालू खरीफ में 2,010 क्विंटल प्रजनक बीज बीज उत्पादक सहकारी समितियों को उपलब्ध करवाया गया है। बैठक में बताया गया कि अगले वित्त वर्ष में बीज संघ की आवश्यकता को देखते हुए विदिशा, बैतूल, बालाघाट, जबलपुर, खण्डवा, पन्ना एवं ग्वालियर में क्षेत्रीय कार्यालय खोला जायेगा।

जिले में 715 मि.मी. वर्षा रिकार्ड, बैहर तहसील  में सबसे अधिक 910 मि.मी. वर्षा 

जिले में  चालू वर्षा सत्र के दौरान  एक जून से 24 जुलाई 2013 तक 715 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 353 मि.मी. वर्षा  रिकार्ड की गई थी। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1447 मि.मी. है। चालू वर्षा सत्र में सबसे अधिक 910 मि.मी. वर्षा बैहर तहसील में तथा सबसे कम 404 मि.मी. वर्षा लांजी तहसील में रिकार्ड की गई है। 24 जुलाई को प्रात: 8 बजे समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान जिले में सर्वाधिक 10 मि.मी. वर्षा कटंगी तहसील में रिकार्ड की गई है।

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