नदियों के किनारे मकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के निर्माण पर पूरी तरह रोक लगाते हुए विजय बहुगुणा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में योजना एवं विकास पर गौर करने के लिए पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण प्राधिकरण स्थापित किए जाने की घोषणा की।
पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। यह निकाय आगामी दशकों में आने वाली चुनौतियों के मददेनजर सुरक्षा उपायों पर भी गौर करेगा। उल्लेखनीय के भारी बारिश के बाद बाढ़ एवं भूस्खलन से राज्य में व्यापक तबाही हुयी है। बहुगुणा ने यहां एक सम्मेलन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुए भारी नुकसान पर विचार करते हुए कैबिनेट ने यह फैसला किया। उन्होंने कहा कि इस प्राधिकरण में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
बहुगुणा ने इस आपदा में मारे गए लोगों की संख्या के बारे में अनुमान लगाने से इंकार कर दिया और कहा कि अभी भी प्रभावित क्षेत्रों में मलबे का ढेर पड़ा हुआ है और उनसे शवों को निकाला जाना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कथित तौर पर लापता बताए जा रहे तीन हजार लोगों के बारे में अभी पता लगाया जाना है। बहुगुणा ने कहा कि ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री होने के नाते मैं कोई संख्या बताने पर जोर नहीं दूंगा। प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 500.600 शव दिख रहे हैं, कई मलबे के ढेर में हो सकते हैं और कई कथित तौर पर लापता हैं और उनका पता लगाया जाना है। उन्होंने यह टिप्पणी संवाददाताओं के सवालों के जवाब में की।
बहुगुणा ने कहा कि बड़े पैमाने पर हुयी तबाही को देखते हुए राहत एवं पुनर्वास के प्रावधानों में संशोधन करते हुए इसका दायरा छोटी दुकानों और ढाबों से बड़े होटलों तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह एक प्रगतिशील और महत्वपूर्ण कदम है जिससे लोगों में भरोसा पैदा होगा। प्राधिकरण प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र और अन्य स्रोतों से राज्य को मिलने वाली विशाल राशि के उपयोग में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा। रमेश ने कहा कि पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा घोषित एक हजार करोड़ रूपए के पैकेज के अलावा विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से 2,500 से 3,000 करोड़ रुपए तक मिलने की उम्मीद है।
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