भारत का सबसे लंबा पुल असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाया जा रहा है। यह पुल पूर्वोत्तर के लिए न सिर्फ लाइफ लाइन साबित होगा बल्कि देश की सुरक्षा के लिहाज से भी काफी अहम होगा। 4.94 किमी लंबाई वाले इस पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2016 तक पूरा होने की उम्मीद है। पुल पर ट्रेन के लिए पटरी और सड़क दोनों की सुविधा होगी।
असम के बोगीबील में बन रहे इस रेल एवं सड़क पुल पर आवागमन शुरू हो जाने के बाद ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश सीधे जुड़ जाएंगे। यही नहीं चीन के साथ लगती सीमा तक भारतीय सेना की पहुंच आसान हो जाएगी और दस घंटे समय की बचत भी होगी। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे द्वारा बनाए जा रहे इस पुल की आधारशिला 2002 में रखी गई थी। लेकिन धन की कमी और साल में करीब आठ महीने बारिश के मौसम के कारण निर्माण कार्य पूरा करने का समय आगे बढ़ता गया। यही नहीं 2007 में केंद्र सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने के बावजूद कार्य में तेजी नहीं आई और लागत कई गुना बढ़ गई।
पुल का निर्माण डिब्रूगढ़ से 17 किमी दूर किया जा रहा है। पुल के निर्माण से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। हालांकि पुल को लेकर स्थानीय नाविक इस बात से भयभीत हैं कि उनका रोजगार छिन जाएगा। लेकिन पंडित ने कहा कि नाविकों का डर निराधार है। इस पुल के निर्माण से उनके रोजगार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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