आपदा राहत कार्यों को छोड़ बहुगुणा फिर पहुंचे दिल्ली
देहरादून, 23 जुलाई, )। भले ही विकास और आपदा प्रबंधन के मुददे पर मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और उनकी सरकार फेल हो गयी हो, लेकिन अभी भी उन्हें केवल सरकार की छवि निखारने की पड़ी है। बीते दिन जहां आपदा के एक माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद उन्होंने केदारनाथ धाम जाकर वहां श्रमदान और पूजा अर्चना की, वहीं मंगलवार को मुख्यमंत्री एक बार फिर दिल्ली दरबार पहुंच गये है उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार ही उन्हें आपदा से उबार सकती है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अम्बिका सोनी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और उन्हें राज्य में आपदा के बाद किये गये राहत और बचाव कार्याे की जानकारी दी। सोनिया से मिलने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सोनिया गांधी राज्य मे चल रहे आपदा राहत और पुर्नवास के कार्याे पर नजर बनाए हुए है और इस संदर्भ में वह जल्दी ही राज्य के दौरे पर आ सकती है। धरातल पर स्थिति का जायजा लेने के लिए जल्द राज्य का दौरा करने का आश्वासन उन्हें दिया गया है तथा हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने यहां इलाज के लिए नेशनल हार्ट इनस्ट्रयूट में भर्ती स्वामी स्वरुपानन्द सरस्वती से भी मिलकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उन्हें आश्वासन दिया कि केदारनाथ में शीघ्र ही सापफ-सफाई का काम पूरा कर लिया जायेगा और वहां पूजा अर्चना शुरु हो जायेगी। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने धारचूला की घायल किशोरी की ऐम्स में मौत हो जाने पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि हमने उसे बचाने के बहुत प्रयास किये लेकिन सफल नहीं रहे। मुख्यमंत्री यहां कुछ और ही कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करेंगे।
प्रधानाचार्य व अध्यापक पहले चखेंगे मीड डे मील
देहरादून, 23 जुलाई, । प्रदेश का शिक्षा महकमा बिहार में मध्याह्न भोजन खाने से हुई बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौत के बाद सर्तक हो गया है अधिकारियों ने इस मामले में सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि राज्य के सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की शुद्धता सुनिश्चित की जाय। राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील की गुणवत्ता सुनिििश्चत करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सभी स्कूलों को दिशा निर्देश जारी किए है इन निर्देशों मे सबसे अहम बात यह है कि अब मध्याह्न भोजन तैयार होने पर यह भोजन पहले बच्चों को नहीं परोसा जायेगा पहले स्कूल के प्रधानाचार्य और स्कूल के शिक्षक खाना खायेंगे और उसके बाद यह भोजन बच्चों को खिलाया जायेगा। यह निर्णय खाने की गुणवत्ता और उसकी शुद्धता पहले प्रार्चाय और शिक्षकों द्वारा परखे जाने के मददेनजर लिया गया है। खाने में अगर किसी तरह की अशुद्धता हो तो वह बच्चों को न परोसा जाय। मध्याह्न भोजन की यह व्यव्स्था स्कूली छात्र-छात्राओं में कुपोषण की समस्या का समाधान और उन्हें संतुलित आहार मिल पाने के उददेश्य से शुरु की गयी थी लेकिन इस योजना में विभिन्न स्तरों पर तमाम तरह की खामियां सामने आती रही हैं और बच्चों को घटिया भोजन देकर इसकी खानापूर्ति किए जाने की शिकायतें भी मिलती रही है लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं थे बिहार में अभी विषाक्त भोजन परोसे जाने से 23 छात्रों की मौत हो जाने के बाद सभी राज्यों में मध्याह्न भोजन की इस व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तराखंड में भी अब इसकी गुणवता को लेकर कवायद की जा रही है।
छात्रों पर गोली चलाने वाले तीन और आरोपी गिरफ्तार
देहरादून, 23 जुलाई, । डीएवी कालेज के दो छात्रों पर दिन दहाड़े गोली चलाने वाले तीन आरोपी छात्रों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है, उनके पास से एक मोटर साईकिल व तमंचा भी बरामद किया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि डीएवी कालेज के दो छात्रों पर दहाड़े फायरिंग करने वाला आरोपी एक छात्र अमन निवासी ऋषिनगर देहरादून को आईएसबीटी के पास देखा गया, जिसकी सूचना पर पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए टीम बनाई और आईएसबीटी के पास से अमन को गिरफ्तार कर उसके पास से गोली चलाने में प्रयोग की गई पल्सर मोटर साईकिल को बरामद कर लिया गया। पुलिस ने उससे कड़ी पूछताछ की तो उसके अपने दो अन्य साथियों के नाम भी बता दिए। जिसके बाद पुलिस ने पंडितवाडी निवासी दिलवर थापा और सोनू को उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया, जिनके पास से पुलिस ने एक तमंचा भी बरामद किया है। वहीं इनसे पहले पुलिस एक छात्र को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी।
डीएवी और डीबीएस अनिश्चितकाल के लिए बंद
देहरादून, 23 जुलाई, । पहले मैरिट बेस पर प्रवेश का विरोध के बाद अब इवनिंग क्लासेज चलाने का, वहीं इस सब के बीच छात्र नेताआंे के बीच आपसी टकराव और खूनी संघर्ष, पिछले पन्द्रह दिनों से दोनों कालेजों डीएवी और डीबीएस में छात्रों के धरने प्रदर्शन और हुडदंग के कारण प्रवेश और सभी कार्यालयी कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है। कालेज प्रशासन द्वारा छात्रों के आंदोलन जारी रहने और कामकाज न हो पाने के कारण दोनों की कालेजों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया। हांलाकि डीबीएस कालेज में सेल्फ फाइनेंस मोड़ पर इवनिंग क्लासेज चलाये जाने को लेकर चल रहा धरना आज भी जारी रहा वहीं डीएवी में छात्रों ने इसके विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया लेकिन छात्रों के इस हंगामे के कारण प्रवेश से लेकर अन्य सभी तरह के कामकाज पूरी तरह ठप हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यायल द्वारा इस साल मैरिट के आधार पर सीमित संख्या में छात्रों को प्रवेश दिए जाने की व्यवस्था लागू की गयी थी जिस पर छात्रों द्वारा विरोध किया जा रहा था और राज्य के छात्रों को मैरिट में दस प्रतिशत की छूट की मांग की जा रही थी जिसे लेकर छात्रों ने प्रवेश प्रक्रिया को बाधित कर दिया था। जबकि कालेज प्रशासन का कहना है कि वह विश्वविद्यायल के नियमानुसार ही प्रवेश दे पायेंगे इसके बाद इन दोनेां की कालेजों में इवनिंग क्लासेज चलाये जाने के र्फाेमूले को समस्या को हल्के रुप में देखा गया लेकिन छात्रों द्वारा इस पर भी विरोध किया जा रहा है। प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो चुकी है वहीं पुर्न परीक्षा भी अधर मे लटक गयीं हैं अन्ततः कालेज प्रशासन ने मंगलवार को कालेजों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है।
मौलिक नियुक्ति की मांग को लेकर टीईटी प्रशिक्षुओं का धरना जारी
देहरादून, 23 जुलाई, । विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षु (टीईटी) शिक्षकों ने मौलिक नियुक्ति की मांग को लेकर लाठीचार्ज के बाद तीसरे दिन भी राजधानी में धरना दिया। प्रशिक्षु शिक्षकों ने धरना स्थल पर पुलिस और शासन-प्रशासन विरोधी नारे लगाए। टीईटी प्रशिक्षुओं ने कहा कि जब तक उनकी मौलिक नियुक्ति के संबंध में शासनादेश जारी नहीं हो जाता आंदोलन जारी रहेगा। टीईटी प्रशिक्षुओं के लिए नियुक्ति की आयु सीमा 35 वर्ष से बढ़ाकर 40 वर्ष किए जाने, पुलिस लाठीचार्ज में घायल टीईटी प्रशिक्षु शिक्षकों को मुफ्त इलाज के साथ ही दस-दस हजार रुपये की सहायता देने और उन पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की सीएम की घोषणा के बाद भी प्रदेशभर के टीईटी प्रशिक्षु धरना स्थल पर डटे हैं। प्रशिक्षु शिक्षकों को सरकार की घोषणाओं पर तब तक यकीन नहीं है जब तक कि वह क्रियान्वित नहीं हो जाती, क्योंकि सरकार प्रशिक्षु शिक्षकों को पहले भी कई बार मौलिक नियुक्ति के संबंध में आश्वासन दे चुकी है। प्रशिक्षु शिक्षकों का कहना है कि मौलिक नियुक्ति का जीओ जारी होने के बाद ही वह यहां से हटेंगे। पौड़ी, टिहरी, चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, हरिद्वार, अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत, उधमसिंहनगर, बागेश्वर जिलों के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षु शिक्षकों ने सोमवार को भी देहरादून में लैंसडाउन चैक स्थित पुराने रायपुर बस अड्डे पर धरना दिया। प्रशिक्षु शिक्षकों ने लाठीचार्ज के विरोध में और अपनी एकसूत्री मौलिक नियुक्ति की मांग को लेकर धरना स्थल पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी प्रशिक्षु शिक्षकों का कहना है कि लंबे आंदोलन के बाद भी सरकार उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पाई है। प्रदेश के 2,253 विशिष्ठ बीटीसी प्रशिशु शिक्षक अपनी मौलिक नियुक्ति को लेकर पिछले काफी समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में कोई सकारात्मक कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। प्रशिक्षुओं का कहना था कि प्रदेश सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। राज्य के दुर्गम व अतिदुर्गम राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में उनकी छह माह की प्रशिक्षण अवधि काफी पहले पूर्ण हो चुकी है। सरकार के उदासीन रवैये के चलते अभी तक उन्हें मौलिक नियुक्ति नहीं मिल पाई है, जिस कारण उन्हें आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है। मौलिक नियुक्ति न मिल पाने से प्रशिक्षित अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। प्रशिक्षु शिक्षकों ने मौलिक नियुक्ति न दिए जाने पर उग्र आंदोलन शुरु करने की चेतावनी दी है। धरने में अनूप जदली, महेश सकलानी, सुशील जोशी, अनिल कोटनाला, चन्द्र प्रकाश उनियाल, ध्मेन्द्र सिंह रावत, प्रमिला ममर्गाइं, अनिता नेगी, प्रदीप बिष्ट, अवतार सिंह, राजेश कुमार, पवन कुमार, प्रदीप बिष्ट, आरके उनियाल, वंदना शर्मा, मंजू सैनी, संजीव कुमार शर्मा, संगीता जोशी, हर्षिता शर्मा, अमित महेंदू्र, नीरज कुमार, राकेश कुमार, त्रिलोक रावत समेत सैकड़ों टीईटी प्रशिक्षु शामिल हुए।
अभी भी बंद पड़े पौड़ी जनपद के 37 मार्ग
देहरादून, 23 जुलाई, । जनपद पौड़ी में रुक-रुक कर हो रही वर्षा से जनपद के बन्द मार्गाे की संख्या लगातार बढ़ रही है। आपदा परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद के कुल मार्गों मे से 321 मार्ग बन्द हो गये थे जिनमें से 284 मार्ग लोनिवि द्वारा खोल दिये गये हैं तथा 37 मार्ग अभी भी बन्द हैं जिन्हें युद्व स्तर पर खोलने के निर्देश जिलाधिकारी चन्द्रेश कुमार द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिये गये हैं। इसके साथ ही जनपद में वर्षा व भूस्खलन से 10 सेतु बन्द हो चुके थे जिनमें से 9 सेतुओं को लोनिवि द्वारा खोल दिया गया तथा 1 सेतु को खोलने हेतु लोनिवि द्वारा कार्य जारी है। अधिकारियों का कहना है कि वर्षा के लगातार होने के कारण मार्ग अवरूद्व होते जा रहे है तथा सम्बन्धित विभाग द्वारा उक्त मार्गाे को खोलने का प्रयास युद्व स्तर पर किया जा रहा है।
अवैध खनन के कारण हुआ कटावरू मर्ताेलिया
पिथौरागढ़/देहरादून, 23 जुलाई,। भाकपा माले के जॉच टीम के मुखिया जिला सचिव जगत मर्ताेलिया ने मुख्यालय पहुंचने के बाद बताया कि मदकोट तथा भदेली में गोरी नदी का कटाव अवैज्ञानिक तरीके से हुए रेता, बजरी के वैध व अवैध खनन के कारण हुआ है। मदकोट तथा भदेली में खेत तथा बसासत की तरफ खनन किया गया। इसलिए नदी ने अपना रूख बदल लिया। जौलजीवी से लेकर भदेली तक सरकार तथा शासन, पुलिस, वनविभाग व प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण खनन तस्करों का राज चल रहा है। सेरा, देवीबगड़, मदकोट, भदेली, फगुआबगड़, कोलीगराली, जौलजीवी के निकट तस्करों ने नदी तक अवैध रूप से सड़कों का निर्माण तक कर लिया है। धारचूला के विधायक हरीश धामी के संरक्षण के बाद अवैध खनन का कार्य जोरों से चल रहा है। कांग्रेसी विधायक पहले खननकर्ता रह चुके है। इसलिए उनके जीत के बाद गोरी घाटी खनन तस्कारों का अड्डा बन गई है। धारचूला और मुनस्यारी के उपजिलाधिकारी, पुलिस व वनविभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और गोरी नदी में खनन पर प्रतिबंध लगना चाहिए। इसके लिए भाकपा माले ने राज्यपाल को पत्र भी भेजा है। उन्होंने बताया कि ग्राम खिम के आपदा के पीडि़त 27 परिवारों ने कंच्यौती में हेलीपैड बना दिया है। पांच दिनों से उक्त परिवार हैली से राशन आने का इंतजार कर रहे है। धारचूला के उपजिलाधिकारी को इसकी सूचना भेजते हुए प्रभावितों की सूची नोट कराई गई है। उसके बावजूद मौसम के ठीक होने के बाद भी राशन नहीं भेजा जा रहा है। खिम के कुछ परिवार इंटर कालेज धारचूला के राहत शिविर में रह रहे और शेष परिवार अभी भी खिम में बने हुए है। जिन्हें राशन अभी तक न भेजना प्रशासन की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि राजकीय आश्रम पद्वति विद्यालय बलुवाकोट में आपदा पीडि़तों की दयनीय स्थिति का मामला भाकपा माले ने जोरदार तरीके से उठाया। इसके बाद इस शिविर के प्रभारी और जिला युवा कल्याण अधिकारी नरेश कुमार द्विवेदी ने आज आपदा पीडि़त परिवारों को बच्चों के लिए पांच चारपाई उपलब्ध कराई है। उन्होंने दरी की डिमांड भी भेज दी है। माले ने उन पीडि़त परिवारों को तत्काल गद्दे उपलब्ध कराने की मांग की है। जिला अधिकारी को इस संदर्भ में पत्र भी लिखा गया है।
वैन एसोसिएशन ने किया एआरटीओ का घेराव
देहरादून, 23 जुलाई, । बीते दिन पुलिस प्रशासन द्वारा स्कूल वैन के खिलाफ की गयी कारवाई के विरोध मे उत्तराखंड स्कूल वैन एसोसिएशन के अध्यक्ष के नेतृत्व में मंगलवार को एक प्रतिनिधि मंडल ने एआरटीओ का घेराव किया और उनसे कहा कि वह अपनी गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए तैयार है। उल्लेखनीय है कि कल रजिस्ट्रेशन न होने के कारण पुलिस ने 38 स्कूल वैन सीज कर दी थी एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि प्रशासानिक लापरवाहियों का खामियाजा वैन चालकों और स्वामियों को भोगना पड़ रहा है प्रदेश सरकार 2012 में ही कैबिनेट की बैठक में इन वैनों के रजिस्ट्रेशन कराये जाने का निर्णय लिया था लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण इनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो चुका है जिसकी वजह से इन वैन चालकों को पुलिस और प्रशासन का उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है आरटीओ से उन्हें दो दिन मंें कारवाही पूरी करने का आश्वासन दिया गया है। वैन चालकों द्वारा आरटीओ से मांग की गयी थी वह शीघ्र इसकी व्यवस्था करें और वह अपने वाहनों के तत्काल रजिस्ट्रेशन कराने को तैयार है।
धार्मिक ग्रंथ चुराये जाने को लेकर तनाव
रूद्रपुर/देहरादून, 23 जुलाई, । शहर में तनाव की स्थिति धार्मिक ग्रंथ चुराये जाने को लेकर उत्पन्न हो गयी जिसके चलते रूद्रपुर, बिलासपुर सहित जनपद भर का पुलिस बल विभिन्न स्थानों पर तैनात कर दिया गया है और आलाधिकारी मामले पर नजर बनाये हुए हैं। गौरतलब है कि रविवार की शाम रेलवे स्टेशन में आयी एक पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों की आरपीएफ कर्मी तलाशी ले रहे थे। इसी दौरान एक युवक भागने लगा। शक होने पर जवानों ने उसका पीछा किया तो वह अपना एक बैग छोड़कर भाग गया। जब आरपीएफ ने बैग की तलाशी ली तो उसमें सिक्ख समाज का धर्मिक ग्रंथ निकला। आरपीएफ कर्मी बिलासपुर कोतवाली क्षेत्र, सोढी कालोनी स्थित गुरूद्वारे में दे आये। रात लगभग 9 बजे बिलासपुर क्षेत्र के दर्जनों युवक रेलवे स्टेशन पहुंच गये और जमकर तोड़फोड़ की। विरोध जताने पर एक जवान के साथ भी मारपीट की और उसकी वर्दी फाड़ दी। युवकों का कहना था कि आरपीएफ ने ग्रंथ चुराने वाले को जानबूझकर छोड़ दिया। सूचना मिलने पर रूद्रपुर के एएसपी यशवंत सिंह चैहान, सीओ रेनू लोहनी, कोतवाल राकेश थपलियाल, एसएसआई विक्रम राठौर, सीओ बिलासपुर योगेंद्र बिलाल सहित तमाम पुलिस फोर्स स्टेशन पहुंच गया और मामले की जानकारी ली। पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए आरोपियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया लेकिन कोई हत्थे नहीं चढ़ा। इसी को लेकर रूद्रपुर में सोमवार को भी माहौल तनावपूर्ण रहा। जिसको लेकर रूद्रपुर पुलिस के जवानों को कई स्थानों पर तैनात कर दिया था ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। वहीं रेलवे स्टेशन पर भी रामपुर के जीआरपीएफ के कमांडेंट सहित तमाम पुलिस बल तैनात कर दिया। उधर सोढी कालोनी में हुई सिक्ख समुदाय की बैठक में धार्मिक ग्रंथ चोरी होने की निंदा की गयी और इस घटना के आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। साथ ही समाज के लोगों ने निर्णय लिया कि धार्मिक ग्रंथ को पूरे आदर के साथ गुरूद्वारे में रखा जायेगा। सोढी कालोनी में हुई सिक्ख समाज की बैठक में सभी वक्ताओं ने घटना की घोर निंदा की और कड़े शब्दों में गहरा रोष जताया।
राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति से मिले राज्यपाल
देहरादून, 23 जुलाई, । उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ0 अजीज कुरैशी ने दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा उपराष्ट्रपति डॉ0 हामिद अंसारी से भंेट की। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से हुई भेंट के दौरान राज्यपाल ने उन्हें राज्य में आई भीषण प्राकृतिक आपदा से व्यापक स्तर पर हुए जान-माल के नुकसान के विषय में बताया। राज्यपाल ने उन्हें सैन्य, अर्द्धसैन्य बलों सहित अन्य विभिन्न संगठनों के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा संचालित राहत बचाव एवं पुनर्वास सम्बन्धी कार्यों से भी अवगत कराया। विगत माह अतिवृष्टि/जलप्रलय से उत्तराखण्ड में हुई तबाही पर चर्चा के दौरान राज्यपाल ने राष्ट्रपति को यह भी बताया कि उन्होंने स्वयं सड़क मार्ग से उत्तरकाशी की यात्रा करके कई आपदग्रस्त गाँवों की बर्बादी का दर्दनाक मंजर देखा है। राज्यपाल ने राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास की योजनाओं सहित चार धाम क्षेत्र के सुनियोजित विकास पर भी गंभीर चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रपति को यह भी अवगत कराया कि राज्य सरकार श्रद्धालुओं की अपेक्षा के अनुरूप केदारनाथ मंदिर में विधि-विधान व परम्परागत रूप से यथाशीघ्र पूजा-अर्चना शुरू कराने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। 04 दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान राज्यपाल की कई अन्य विशिष्ट महानुभावों से भी मुलाकात हुई। इस बीच उन्होंने एक गैर सरकारी संगठन द्वारा नई दिल्ली के तीन मूर्ति में आयोजित कार्यक्रम में भी मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया जिसमें स्वर्गीय कर्नल अजय मुश्रान की स्मृति में आयोजित सातवें व्याख्यान माला में ’हीरोज ऑफ उत्तराखण्ड’ तथा ’उत्तराखण्ड से सबक’ विषय पर गहन वैचारिक मंथन हुआ। इस व्याख्यान माला में राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड में आयी त्रासदी ने जिस तरह अपना रौद्र रूप दिखाया उसके आगे सभी तरह के एहतियात लाचार होते। उन्होंने कहा कि प्रकृति की इस चुनौती का सामना उसे सम्मान देकर ही किया जा सकता है। हमें अपनी जीवन शैली व विकास की गतिविधियों को प्रकृति के इर्द-गिर्द केन्द्रित करके ही संचालित करना होगा तभी इंसान का अस्तित्व बरकरार रहेगा। वहीं राज्यपाल 24 जुलाई को ’’अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’’ ऋषिकेश के प्रथम स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में ऋषिकेश पहुंचेंगे।
अभी भी श्रद्धालुओं के शव केदारनाथ में दबे हुए हैं खण्डूडी
देहरादून, 23 जुलाई, । पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूडी ने कहा है कि प्रदेश में आई आपदा के एक माह बाद से अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी राहत सामग्री प्रभावित लोगों तक नहीं पहंुच पाई है और कई गांव ऐसे है जहां पर लोग काफी परेशान है, जहां पर अभी तक सरकारी सुविधा नहीं मिल पाई है। इतना ही नहीं की अभी तक सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जिससे आवागमन में भारी दिक्कतों का सामाना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि केदारनाथ में अभी भी श्रद्धालुओं के शव दबे हुए है, इस ओर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। यहां यमुना कालोनी स्थित अपने आवास में पत्रकारों से रूबरू होते हुए खंडूड़ी ने कहा कि 16 व 17 जून की इस घटना से आज सभी को मिलजुलकर सबक लेने की आवश्यकता है और इसके लिए सरकार को ठोस योजना तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं रूद्रप्रयाग, चमोली एवं उत्तरकाशी जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया और वहां के लोगों को उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। उनका कहना है कि आपदा के कारण केदारनाथ घाटी का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और यदि 16 जून को तत्काल प्रभाव से कार्यवाही हो जाती तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता, क्योंकि वहां पर वायलैस सेट मौजूद थे और जो लोग 17, 18 जून को केदारनाथ मंदिर में जा रहे थे वह वहीं पर रूक जाते, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से इस दिशा में ठोस पहल नहीं की गई और यह हादसा हो गया। उनका कहना है कि केन्द्र सरकार का राहत के प्रति रवैया निराशाजनक रहा है और प्रभावित क्षेत्रों के लिए 20 रूपये गेहूं एवं 26 रूपये चावल प्रदान किये जा रहे है और उत्तर प्रदेश में सवा चार रूपये गेहूं एवं 5.65 रूपये किलो चावल दिये जा रहे है, ऐसा सौतेला व्यवहार किस आधार पर किया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा के आधार पर यह राहत सामग्री प्रदान की जानी चाहिए, वही कैरोसीन को भी घटा दिया गया। 20 हजार किलोलीटर के स्थान पर 9 हजार किलोलीटर कर दिया गया, आज भी कई गांव कट आफ विलैज हो गये है, वहां पर पहंुचना भी मुश्किल हो गया है। उनका कहना है कि आज तक राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की तेजी प्रभावित क्षेत्रों में दिखाई नहीं दे रही है, यहां तक की लोगों को खाद्यान नहीं मिल पा रहा है और सरकारी मशीनरी पूर्ण रूप से नाकाम रही है। केन्द्र व प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों के कारण आज प्रभावित लोग परेशान व हताश दिखाई दे रहे है। प्रदेश की सरकार ने अभी तक सड़क की मरम्मत के लिए बीआरओ को किसी भी प्रकार की कोई धनराशि उपलब्ध नहीं कराई है जिससे वहां पर सड़कों का काम धीमी गति से चल रहा है, उनका कहना है कि उन्होंने स्वयं ही जोशीमठ में जाकर अधिकारियों से इस बारे में वार्ता की, बीआरओ को मिलने वाली 275 करोड़ की राशि में केवल 20 करोड ही उपलब्ध कराया गया। उनका कहना है कि जोशीमठ से लामबगड, गोविन्दघाट, उखीमठ से केदारघाटी, रामबाडा तक सड़क का नामोनिशान नहीं है और वहां पर अभी तक मार्ग का निर्माण नहीं हो पाया है। वहीं जोशीमठ के पास पिछले एक माह से फंसे हुए खच्चरों को उनके द्वारा दिये गये निर्देशों के बाद दो दिन में सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया, वहां पर खच्चरों के स्वामियों में भारी असंतोष था। उनके प्रयास से यह कार्य आसान हो पाया। उन्होंने केन्द्रीय सड़क मंत्री को वस्तु स्थिति से अवगत कराया, उन्होंने कहा कि अभी भी मृतकों की संख्या स्पष्ट नहीं है और केदारनाथ मंदिर के पास किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जाना चाहिए। वार्ता में उमेश अग्रवाल, बालेश्वर पाल, संदीप मुखर्जी, गोपाल पुरी, विशाल गुप्ता आदि मौजूद थे।
तीन घरों में चोरों ने किया हाथ साफ
देहरादून, 23 जुलाई, । चोरांे ने बंद मकानों को अपना निशाना बना रखा है। लेकिन पुलिस उन चोरों को पकड़ पाने में सफल नहीं हो पा रही है। दो रोज पूर्व ही जहां नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में चोरों ने दिन दहाड़े बंद घर पर हाथ साफ किया वहीं महज चैबीस घंटों के अंदर तीन घरों से लाखों का माल चोरी कर लिया है। तीनों ही मामलों में पुलिस की जांच महज औपचारिकताओं तक ही सिमट कर रह गयी है। उधर चोरों की हरकतों से आवाम में डर की भावना बनी हुई है। राजधानी पुलिस के अभियान भले ही आम आदमी के लिए मुसीबत बन रहे हों लेकिन बदमाशों एवं चोर-उचक्कों केा इन अभियानों से कुछ लेना-देना नहीं है। अकेले डालनवाला में ही चोरों ने दो मकानों के ताले तोड़ कर यहां से लाखों के माल पर हाथ साफ कर दिया है। पहली वारदात बीस जुलाई को एमडीडीए कॉलोनी में अंजाम दी गयी। यहां अनूप कुमार शर्मा के घर चोरों ने तसल्ली से हाथ साफ किए। पुलिस को दी गयी शिकायत में अनूप ने बताा कि वह बीस जुलाई को अपने घर पर ताला लगा कर गए थे और जब लौट कर आए तो उनका घर लुट चुका था। चोरों ने घर के एक-एक कमरे की तसल्ली से छानबीन कर यहां से लाखों रूपए के गहने एवं नगदी चोरी कर ली थी। इस घटना के 24 घंटों के भीतर ही डालनवाला में ही दूसरी घटना को भी अंजाम दिया गया। इस बार चोरों ने मालियान मौहल्ला में सरस्वती बिष्ट के घर से लाखों की नगदी, जेवरात व अन्य कीमती सामान चोरी कर लिया। पुलिस को दी गयी शिकायत में हालांकि सरस्वती बिष्ट ने पास के ही कुछ लड़कों को नामजद किया है लेकिन अब तक चोरी गया माल बरामद नहीं हो पाया है। यहां से चोर एक मंगल सूत्र, दो टॉप्स, एक सोने की अंगूठी, सोने के झुमके सहित पंद्रह हजार रूपए नगद एवं अन्य सामान चोरी कर ले गए है। कैंट थाना क्षेत्र में भी चोरों ने एक बंद मकान पर अपने हाथ दिखाते हुए ग्राम पौंधा प्रेमनगर निवासी काव्या शालिनी के घर का ताला तोड कर सामान चोरी कर लिया है। तीनों मामलों में पुलिस का दावा है कि कुछ संदिग्धों को हिरासतं में लेकर पूछताछ की जा रही है लेकिन सूत्रों की मानें तो फिलहाल कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।
ओवरलोडिंग पर नहीं लग पा रहा अंकुश
देहरादून, 23 जुलाई, । जौनसार-बावर क्षेत्र में वाहनों में ओवरलोडिंग की समस्या पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ओवरलोडिंग के चलते क्षेत्र के रूटों पर आए दिनों सड़क दुर्घटनाएं घट रही हैं लेकिन न विभाग चेत रहा है और नहीं वाहन चालक सबक सीख रहे हैं। दस सीट के वाहन पर 35 से 40 तक सवारी ढोई जाती हैं। क्षेत्र में ओवरलोडिंग का एक बड़ा कारण बसों का न चलना भी है। जौनसार-बावर की यातायात व्यवस्था राम भरोसे है। वहां खस्ताहाल सड़कों पर ओवरलोडेड वाहन दौड़ रहे हैं, जो कि आए दिनों दुर्घटना का कारण भी बन रहे हैं। एक तरफ खस्ताहाल सड़कों के चलते लोग दुर्घटनाओं में जान गवां रहे हैं, वहीं क्षेत्र में पर्याप्त बसें न चलने के कारण लोगों को यूटीलिटियों व अन्य चैपहिया वाहनों की छतों पर बैठकर जोखिम भरा सफर करना पड़ता है। परिवहन विभाग व प्रशासन के अधिकारी जौनसार बावर क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को सुधारने के दावे करते हैं, लेकिन हकीकत उससे काफी जुदा है। हर बार आरटीओ व जिलाधिकारी क्षेत्र के रूटों पर पर्याप्त बसें चलाने के दावे करते हैं लेकिन अमल नहीं होता। साहिया-पजिटिलानी, बैराटखाई-बिसोगलानी, कालसी-खंडकांडी, कोटा-डिमऊ, कालसी-लखवाड़, नागताथ-कालसी, हाजा-दसोई-फिडोलानी, देहरादून-माक्टी मोटर मार्ग पर एक भी बस का संचालन नहीं हो रहा है। इन मोटर मार्गों से क्षेत्र के कई गांव जुड़े हुए हैं। बसें संचालित न होने से लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यूटिलिटी में क्षमता से अधिक सवारी बैठने पर क्षेत्र में आए दिनों दुर्घटनाएं हो रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ता खजान सिंह का कहना है कि क्षेत्र के रूटों पर बसों के संचालन के संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों को लिखा जा चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि क्षेत्र के रूटों पर न परिवहन निगम की बसों का पर्याप्त संख्या में संचालन हो पा रहा है और नहीं निजी बसों का। बसें न चलने के कारण ही यूटिलिटियों में ओवरलोडिंग की समस्या बनी रहती है।
पहली बार श्रावण मास में केदारधाम में नहीं किया श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक
देहरादून, 23 जुलाई। देश के इतिहास में शायद यह पहला श्रावण माह है, जब भगवन केदारनाथ के मंदिर में कोई जलाभिषेक नहीं हुआ। हालांकि बीते दिन कुछ राजनीतिक दलों के लोगों ने वहां जलाभिषेक का नाटक तो किया, लेकिन धर्माचार्यों ने उनके जलाभिषेक को इसलिए नकार दिया कि केदारनाथ मंदिर का अभी शुद्धिकरण नहीं हुआ है, लिहाजा ऐसे में जलाभिषेक का कोई औचित्य नहीं। देश के इतिहास में यह पहला मौका है, जब शिव के 12वें ज्योर्तिलिंग में श्रावण मास में जलाभिषेक की परंपरा टूटी हो। इससे पहले प्राचीनकाल से शिव के द्वादश ज्योर्तिलिंग में श्रावण के पहले सौमवार से जलाभिषेक के लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का वो हुजूम उमड़ता था कि केदारपुरी में तिल रखने की जगह भी नहीं होती थी। श्रावण में शिव के ज्योर्तिलिंग पर जलाभिषेक का विशेष महत्व है, इसी महत्व को देखते हुए श्रद्धालु शिव के मंदिरों में जलाभिषेक ही नहीं करते, बल्कि शिवलिंग का पंचगब्य स्नान भी करते रहे हैं। इस बार 16-17 जून को आए महाप्रलय ने श्रद्धालुओं को शिव के द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक भगवान केदारधाम के शिवालय में जल चढ़ाने का अवसर अपने श्रद्धालुओं से छीन लिया। शिवधाम में सन्नाटा पसरा हुआ है और बोल बम, हर-हर महादेव, जय केदारबाबा के नारे जो कभी पिछले वर्ष तक यहां सुनाई देते थे, वे इस बार नहीं सुनाई दे रहे हैं। केवल केदारधाम से एक किलोमीटर उपर भैरव बाबा के मंदिर में जरूर रोज पूजा-अर्चना पूर्व की भांति अभी भी की जा रही है, लेकिन वह मंदिर भी सूना-सूना है, क्योंकि केदारधाम की यात्रा तब ही पूरी मानी जाती थी, जब श्रद्धालु भैरव बाबा के दर्शन करने के बाद केदारनाथ धाम में जलाभिषेक कर अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भगवान के दरबार में सर नवाते थे। हालांकि बीते दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित, कृषि मंत्री, भाजपा नेता उमा भारती, भगत सिंह कोश्यारी और डा. रमेश पोखरियाल निशंक सहित तमाम राजनेताओं ने द्वादश ज्योर्तिलिंग के दर्शन तो किए, लेकिन धर्माचार्यों की नजर में वह गलत था, धर्माचार्यों के अनुसार जब तक केदार मंदिर परिसर का शुद्धिकरण नहीं हो जाता और विधिविधान से जब तक वहां पूजा-अर्चना शुरू नहीं हो जाती, तब तक जलाभिषेक का कोई औचित्य नहीं है। वहीं केदारधाम के रावल का कहना है कि केदारधाम की सफाई होने तक श्रावण के बावजूद जलाभिषेक का कार्यक्रम उखीमठ स्थिति ओमकारेश्वर मंदिर में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ओमकारेश्वर मंदिर में भगवान केदार की विगृह मूर्ति शीतकाल में रखी जाती है और यह स्थान भी केदारनाथ का शीतकालीन गद्दी के रूप में प्राचीन समय से पूज्यनीय रहा है। उन्होंने कहा कि केदारधाम के शुद्धिकरण के बाद मंदिर में जल्द ही पूजा शुरू कर दी जाएगी।
श्रद्धांजलि दी
श्रीनगर गढ़वाल/देहरादून, 23 जुलाई,। हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विवि के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के छात्र- छात्राओं एवं शिक्षकों ने उत्तराखण्ड आपदा में दिवगंत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान छात्रों ने दो मिनट का मौन रखकर गत आत्माओं की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो0 ए0 आर0 डंगवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा से पूरा देश शोक में है, उन्होने कहा कि इस दुःख की घड़ी में सभी को मिल जुलकर आपदा पीडि़तों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए। श्रद्धांजलि सभा में डॉ0 विक्रम बत्र्वाल, डॉ0 दिनेश भट्ट, छात्र मीडिया परिषद् के अध्यक्ष दीवान सिंह चैहान, कार्यक्रम अधिकारी पंकज मैन्दोली, सुमित थपलियाल, मनीष पंत, संदीप वर्मा, राजन मिश्रा, अंकिता, कुसुम, संदीप बिन्जोला, निर्मलकांत, आलोक, प्रीति आदि उपस्थित थे।
पंजाबी व उर्दू अकादमी की नियमावली मंजूर करने पर मुख्यमंत्री बधाई के पात्ररू नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा
देहरादून, 23 जुलाई, । उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने पंजाबी एवं उर्दू अकादमी की नियमावली मंजूर करने पर मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के अल्पसंख्यकों के उत्थान के साथ-साथ अल्पसंख्यकों को शिक्षा में बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्य कर रही है। इसी के तहत राज्य में पंजाबी एवं उर्दू अकादमियों की स्थापना की गई है। बिन्द्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री बहुगुणा को अल्पसंख्यक समुदाय के परिवारों की ओर से भी धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि इन अकादमियों की स्थापना से अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को शिक्षा में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन अकादमियों में भाषा ज्ञान रखने वाले अच्छी शिक्षा प्राप्त बुद्धिजीवी एवं समाज के प्रतिष्ठित समाज सेवी को सदस्य के रूप में नामित किया जाय।
कांवड़ मेले की तैय्यारी के लिए रूप-रेखा तैयार, स्वास्थ्य मंत्री ने ली बैठक.
देहरादून.२३.जुलाई प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने विधान सभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कांवड यात्रा व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा बैठक करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि 26 जुलाई से 4 अगस्त 2013 तक चलने वाले कांवड मेले में साफ-सफाई एवं चिकित्सा व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाये रखने के लिए संबंधित विभागों को युद्धस्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कांवड मेले के दौरान हरिद्वार एवं ऋषिकेश महवपूर्ण स्थल हैं। कांवड में आने वालों को शुद्ध पेयजल, चिकित्सा सुविधा आसानी से सुलभ हो इसके लिए संबंधित विभाग मुख्य-2 स्थानों पर उपलब्ध सुविधाओं का स्थान एवं दूरी की सूचना से संबंधित सूचना पट एवं बैनर भी लगवायें। चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कांवड के दौरान शुद्ध भोजन मिले इसके लिए खाद्य निरीक्षकों को होटलों, ढाबों पर निगरानी, निरीक्षण व सैम्पलिंग भी करें, विषाक्त भोजन का कोई प्रकरण न होने पायें। कांवड के दौरान यात्रियों को चिकित्सा व्यवस्था की समुचित सुविधा मिले। पर्याप्त मात्रा में दवाई, चिकित्सक, फार्मेसिस्ट की व्यवस्था की जाय तथा सभी चिकित्सालयों में बैडों की व्यवस्था की जाय। सुरेन्द्र सिंह नेगीको हरिद्वार नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने अवगत कराया कि हरिद्वार में कांवड यात्रा व्यवस्था के अन्तर्गत 200 शौचालय बनायें जा रहे हैं। ाौचालयों के समीप गन्दगी न हो वहां पानी की टंकियों के लिए प्लेटफार्म बनाया जाय तथा पानी रूकने न पाये ऐसे स्थलों पर विलिचिंग का भी प्रयोग किया जाय ताकि लारवा न पैदा हो। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिये कि संक्रामक रोग एवं जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए कारगर कार्य योजना बनाकर अमल में लायी जाय। उत्तराखण्ड में प्रवेश करने वाले बीमार कांवडियों की सैम्पलिंग भी की जाय। उन्होंने कहा कि कांवड मेला क्षेत्र के तालाबों एवं रूके हुए पानी में डेगू मच्छर के लारवा पैदा न हो इसके लिए लोगों को जागरूक करने के साथ ही मत्स्य विभाग से समन्वय बनाकर तालाबों में लारवा खाने वाली मछलियों को डालने की व्यवस्था की जाय। शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए जल संस्थान बिलिचिंग एवं क्लोरीन का भी उपयोग करें। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि कांवड क्षेत्र को पांच जोन में बांटते हुए प्रभारी अधिकारी तैनात किये गये हैं व 13 अस्थाई शिविर बनाये गये हैं, साथ ही दो कन्ट्रोल रूम बनाये गये हैं। अस्थायी शिविरों पर चिकित्सक, फार्मेसिस्ट एवं पर्याप्त मात्रा में दवाईयां, एम्बुलेंस एवं 108 की व्यवस्था की गई है। बैठक में चिकित्सा व स्वास्थ्य महानिदेशक डा0 वाईएस शर्मा, अपर निदेशक डा0गीता जोशी,डा0 आशा सिंह, नगर स्वास्थय अधिकारी देहरादून डा0गुरूपाल सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून डा0 एएस सेंगर, नगर स्वास्थ्य अधिकारी हरिद्वार डा0 मनोज कुमार वर्मा, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी हरिद्वार डा0एलडी पंत, खाद्य सुरक्षा अधिकारी हरिद्वार आरएस रावत, देहरादून मनोज कुमार थपलियाल, पौडी प्रमोद सिह रावत, टिहरी राजेन्द्र सिंह पाल आदि मौजूद थे।
(मनोज इष्टवाल)

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