भारतीय भूभाग में चीनी सेना की घुसपैठ की कई घटनाओं के बावजूद दोनों देश तकरीबन पांच साल के अंतराल के बाद चेंगदू क्षेत्र में 4 नवंबर से युद्धाभ्यास करेंगे।
भारतीय और चीनी सैन्य अधिकारियों के बीच बैठक में 4 से 14 नवंबर तक युद्धाभ्यास करने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि युद्धाभ्यास के दौरान दोनों पक्ष संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत उग्रवाद निरोधी और आतंकवाद निरोधी कौशल का प्रदर्शन करेंगे।
अभ्यास के तीसरे संस्करण का आयोजन दिसंबर 2008 में बेलगाम में आयोजन के करीब पांच साल बाद किया जा रहा है। अभ्यास के पहले संस्करण का आयोजन 2007 में चीन में कुनमिंग में किया गया था। तत्कालीन उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल को साल 2010 में चीन द्वारा वीजा देने से इनकार करने के बाद नई दिल्ली ने बीजिंग के साथ सभी द्विपक्षीय आदान-प्रदान को रोक दिया था। दोनों पक्षों ने साल 2012 में संयुक्त अभ्यास को बहाल करने का फैसला किया। यह फैसला तत्कालीन चीनी रक्षा मंत्री जनरल लियांग गुआंगली और उनके भारतीय समकक्ष एके एंटनी के बीच बैठक के बाद किया गया था। हाल में दोनों देशों ने अपनी नौसेना और वायु सेना के बीच संयुक्त अभ्यास के जरिए सैन्य आदान-प्रदान को बढ़ाने का भी फैसला किया।
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