खाद्य सुरक्षा बिल पर लोकसभा में अहम चर्चा चल रही है। खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने चर्चा की शुरुआत की। बिल में विपक्ष की ओर संशोधन के 318 प्रस्ताव दिए गए हैं। विपक्ष की ओर से सबसे पहले बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने बिल की कई खामियों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल को लाने में जल्दबाज़ी कर रही है। वह चार साल से इस बिल को लेकर बैठी है, फिर भी उसमें कई खामियां छोड़ दी हैं।
कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हिन्दी में दिए गए भाषण में खाद्य सुरक्षा बिल को ऐतिहासिक बताया। सोनिया ने कहा कि देश के भूखे लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का ऐतिहासिक मौका है, जिसमें सभी को साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बिल के लिए धन जुटाने की बात पर उनका कहना है कि सर्वाधिक महत्वपूर्ण योजना है इसलिए इसके लिए धन जुटाया ही जाएगा। उन्होंने कहा कि पीडीएस सिस्टम में सुधार की जरूरत है। इस बिल से भारत के पास इतिहास बनाने का मौका है। उन्होंने माना कि अंत्योदय योजना और मिड-डे मील योजना भी इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं। इन कार्यक्रमों के कार्यांवयन में खामियां हैं, जिसे दूर करने का प्रयास जारी है।
भाजपा नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बिल सरकार दूसरे कार्यकाल के चौथे वर्ष ही क्यों लाई। उन्होंने कहा कि इस बिल को प्रस्तुत किए जाने के समय से स्पष्ट है कि सरकार फूड सिक्योरिटी नहीं, वोट सिक्योरिटी बिल लाई है।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अनदेखी की गई है। बिना सलाह लिए बिल को तैयार किया गया है। उन्होंने गरीबी रेखा और गरीबों की संख्या पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि योजना से राज्यों पर बोझ पड़ेगा। आखिर इससे राज्यों पर जो बोझ पड़ेगा उसकी भरपाई कैसे होगी। किसानों की उपज खरीदने के बारे में बिल में भी कोई जिक्र नहीं है। बिल में संशोधन की मांग करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि इस बिल से किसान बरबाद हो जाएगा।
बहस के लिए छह घंटे का समय दिया गया है। दरअसल, कांग्रेस ने मौजूदा सत्र में इस बिल को पास करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है हालांकि एआईएडीएमके ने साफ कर दिया है कि मौजूद प्रारूप में वह इस बिल के विरोध में वोटिंग करेगी। जयललिता ने केंद्र सरकार पर खाद्य सुरक्षा बिल में खुद के सुझाए संशोधनों को शामिल नहीं करने का आरोप लगाया है। वहीं इस मामले में कांग्रेस के साथ जेडीयू व बीएसपी खड़ी है। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी को भी लगभग कांग्रेस ने मना ही लिया है।
अगर बीजेपी बिल के समर्थन में वोट करती है तो इसे पास होने में कोई मुश्किल नहीं आएगी। इधर, कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को थ्री लाइन व्हिप जारी कर सदन में उपस्थित रहने को कहा है ताकि बिल को पास करवाने में कोई दिक्कत ना आए, लेकिन हंगामे के चलते अभी तक बहस संभव नहीं हो पाई है। तमाम बहस और विवाद के बाद खाद्य सुरक्षा बिल में कई संशोधनों पर सरकार और कुछ विपक्षी दलों के बीच सहमति बनी है। सबसे पहले तो इसमें से कैश ट्रांसफर सब्सिडी को हटा दिया गया है। इसके अलावा अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों का कोटा नहीं घटाने की बात कही गई है। साथ ही राज्यों को छह महीने की जगह सालभर की मोहलत दी जाने की बात है।
प्रस्तावित संशोधन के तहत ठेकेदारों को आंगनबाड़ी से बाहर रखा जाएगा। रेडी टू ईट मील की जगह हॉट कुक्ड मील का इस्तेमाल करने का प्रावधान होगा, लेकिन अनाज का प्रति परिवार कोटा नहीं बढ़ाने की बात कही गई है। गौरतलब है कि आज संसद की शुरुआत वीएचपी की 84 कोसी यात्रा को लेकर हंगामे से हुई। इसी के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा।
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