बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर ( 12 अगस्त) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 12 अगस्त 2013

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर ( 12 अगस्त)

 एस.एस.डी.जी. परियोजना के अंतर्गत  चार जिलों  के अधिकारियों को दिया गया  प्रशिक्षण

प्रदेश के नागरिकों को त्वरित, पारदर्शी, सरल एवं सुविधाजनक रूप  से शासन की विभिन्न योजनाओं  का लाभ एक ही वेवसाईट के जरिये सुलभ कराने के लिए केन्द्र शासन एवं प्रदेश शासन के संयुक्त तत्वावधान में स्टेट सर्विस डिलीवरी गेटवे एस.एस.जी.डी. परियोजना के अंतर्गत 12 अगस्त से बालाघाट में चार जिलों के अधिकारियों के दो दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। यह प्रशिक्षण 13 अगस्त को भी चलेगा। सरदार पटेल कालेज  बालाघाट में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में  बालाघाट, छिंदवाड़ा, मंडला  एवं सिवनी जिले के जनसम्पर्क, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, मत्स्य, उद्यानिकी एवं  महिला बाल विकास विभाग  के अधिकारियों को प्रशिक्षण  दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेस लिमिटेड द्वारा दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान टाटा कन्सलटेंसी के श्री नीलेश अग्रवाल  ने बताया कि स्टेट सर्विस डिलीवरी गेटवे एस.एस.जी.डी. परियोजना के अंतर्गत प्रारंभिक  चरण में पांच विभागों  की सेवाओं को वेवसाईट www.mp.gov.in पर डाला गया है। इस वेवसाईट पर कोई भी व्यक्ति अपना पंजीयन करा सकता है और विभिन्न विभागों की सेवाओं से संबंधित ई-फार्म भर कर सेवाओं के लिए आनलाईन आवेदन कर सकता है। आवेदन का शुल्क भी आनलाईन भुगतान किया जायेगा। जिस व्यक्ति के पास कम्प्यूटर की सुविधा नहीं है तो वह नागरिक सुविधा केन्द्र सी.एस.सी. के माध्यम से आवेदन कर सकता है। प्रशिक्षक श्री नीलेश अग्रवाल ने बताया कि देश की सभी सरकारी संस्थाओं को एक वेवसाईट के माध्यम से जोड़ा जा रहा है।  यह कार्य देश के सभी राज्यों  में किया जा रहा है। स्टेट  सर्विस डिलीवरी गेटवे एस.एस.जी.डी. परियोजना के अंतर्गत राज्य एवं देश के स्तर पर सभी तरह के निर्देशों संबंधी परिपत्रों को एक ही वेवसाईट के माध्यम से प्राप्त किया जा सकेगा। म्.प्र. की वेवसाईट www.mp.gov.in के माध्यम से विभागों द्वारा नागरिकों के आवेदनों पर की गई कार्यवाही को देखा भी जा सकेगा। आने वाले समय में यह वेवसाईट आम जनता के लिए बहुत ही उपयोगी सिध्द होगी।

15 अगस्त  को शालाओं में परोसा  जायेगा विशेष भोजन, मध्यान्ह  भोजन में सब्जी खीर पुरी के साथ मिलेंगें लड्डू

स्वतंत्रता  दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को शासकीय एवं शासन से अनुदान प्राप्त प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं के बच्चों को मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में विशेष भोजन परोसा जायेगा। विशेष भोजन में बच्चों को सब्जी, खीर पुरी या सब्जी, पूरी हलुवा तथा इनके साथ लड्डू का वितरण किया जायेगा। कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम समन्वयक को निर्देशित किया है कि वे 15 अगस्त को सभी शासकीय शालाओं में बच्चों को मध्यान्ह भोजन में सब्जी, खीर, पुरी के साथ हलुवा या लड्डू का वितरण सुनिश्चित करें। बच्चों के साथ विशेष मध्यान्ह भोजन में शामील होने के लिए अधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं और उन्हें 15 अगस्त को बच्चों के साथ शाला में भोजन करने कहा गया है। मध्यान्ह भोजन तैयार करने में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने कहा गया है। 15 अगस्त को  शालाओं के बच्चों को विशेष भोज कराने के लिए जनसहयोग भी लिया जा सकता है। विशेष भोज के लिए जनसहयोग करने वाले व्यक्तियों को बच्चों के साथ भोजन करने के लिए विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित करने कहा गया है।

15 अगस्त  को कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर  करेंगें ध्वजारोहण

स्वतंत्रता  दिवस 15 अगस्त को जिला मुख्यालय बालाघाट में आयोजित मुख्य  समारोह में कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ध्वजारोहण  करेंगें और मुख्यमंत्री  के संदेश का वाचन करेंगें। सामान्य प्रशासन विभाग  द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्य समारोह पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित किया जायेगा।

डिप्लोमा पाठयक्रम के लिए 14 अगस्त को काउंसिलिंग

शासकीय पालीटेक्निक  कालेज बालाघाट में संचालित  डिप्लोमा पाठयक्रम की द्वितीय  काउंसिलिंग के उपरांत कम्प्यूटर  साइंस ब्रांच में शेष/रिक्त कुल 15 सीटों के लिए आगामी 14 अगस्त को संस्था स्तर की काउंसिलिंग का आयोजन किया गया है। इसमें 6 सीट अनारक्षित, 2 सीट अनारक्षित महिला, 2 सीट अन्य पिछड़ा वर्ग, 2 सीट अन्य पिछड़ा वर्ग महिला,  एक सीट अजजा तथा दो सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। काउंसिंलिंग के लिए योग्य उम्मीदवारों को 14 अगस्त को प्रात: 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक अपने आनलाईन पंजीयन की रसीद, समस्त मूल दस्तावेज, तीन रंगीन पासपोर्ट फोटो के साथ उपस्थित होना होगा। चयन के उपरांत प्रवेश की प्रक्रिया 14 अगस्त को ही सम्पन्न करा दी जायेगी। चयन पी.पी.टी. परीक्षा 2013 में शामिल उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते हुए प्राप्त अंकों के आधार पर किया जायेगा।

धान फसल  में कीट व्याधि नियंत्रण के लिए कृषि विभाग की सलाह

धान की फसल  में नर्सरी अवस्था से लेकर पकने की अवधि तक विभिन्न प्रकार के कीड़े एवं बीमारियों का प्रभाव होता है। जिसके कारण फसल को क्षति होती है और उत्पादन कम मिलता है। इस स्थिति से निपटने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी और उस पर अमल करने की अपील की गई है। उप संचालक कृषि श्री बी.एल. बिलैया ने किसानों  को सुझाव दिया है कि वे खेत में लगी धान की फसल का सतत निरीक्षण करते रहें। धान के पौधों में बीमारियों का प्रभाव दिखते ही तत्काल पौध संरक्षण उपाय अपनायें।

कम्बल कीट  होने पर

धान की फसल  में कामलिया कीट(कम्बल  कीट), हेयरी केटर पिलर सेमीलुपर इल्ली का प्रकोप होने पर क्विनांलफास 1.5 प्रतिशत या मिथाईल पैराथियान डस्ट 2 प्रतिशत का 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करने की सलाह दी गई है। इसके लिए क्लोरोपायरीफास 20 प्रतिशत ई.सी. 1250 से 1500 मि.ली. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव भी किया जा सकता है। इसके लिए मेढ़ों तथा बंधानों को दवा से उपचारित करने की सलाह दी गई है।

तना छेदक व गंगई कीट के नियंत्रण के उपाय

धान की फसल  में कंसे निकलने या गभोट अवस्था में तना छेदक या गंगई कीट  का प्रकोप देखा जाता है। इसके नियंत्रण के लिए धान के पौधों को रोपाई के पूर्व  जड़ो को एक प्रतिशत यूरिया एवं 0.02 प्रतिशत क्लोरोपायरीफास 20 प्रतिशत ई.सी. के घोल में 3 से 4 घंटे डूबाकर उपचारित करने की सलाह दी गई है। इनके नियंत्रण के लिए खेतों में प्रकाश प्रपंच का भी उपयोग किया जा सकता है। धान की फसल में फोरेट 10 जी 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से रेत में मिलाकर भुरकाव किया जा सकता है। इसके अलावा मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिशत एस.एल. 700 से 750 मि.ली. मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव किया जा सकता है।

पत्ती मोड़क कीट का नियंत्रण

धान की फसल  में पत्ती मोड़क कीट का प्रकोप होने पर इसके नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे कीट ग्रसित पत्तों को तोड़कर खेत के बाहर नष्ट कर दें। इसके साथ ही फसल पर मिथाईल पैराथियान 50 प्रतिशत ई.सी. 700 से 750 मि.ली. मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी गई है। इसके नियंत्रण के लिए मिथाईल पैराथियान डस्ट 2 प्रतिशत या क्यूनालफास 1.5 प्रतिशत चूर्ण की 25 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव भी किया जा सकता है।

हरा, सफेद एवं भूरा फुदका कीट नियंत्रण के उपाय

धान की फसल  में हरा, सफेद भूरा फुदका  कीट होने पर इसके नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। इस कीट के नियंत्रण के लिए क्यूनालफास 1.5 प्रतिशत या कार्बोरिल डस्ट 10 प्रतिशत की 25 किलोग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करने की सलाह दी गई है। इसके नियंत्रण के लिए मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिशत एस.एल. 700 से 750 मि.ली. प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव किया जा सकता है। फोरेट 10 जी दानेदार दवा की 10 किलोग्राम मात्रा को दोगुनी रेत के साथ मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव किया जा सकता है। इन प्रयोगों के दौरान खेत में पानी एक से 2 से.मी. रखने और 5 से 6 दिन तक बाहर नहीं जाने देने की सलाह दी गई है।

ब्लास्ट या झुलसा होने पर

धान की फसल  में ब्लास्ट या झुलसा  रोग होने पर बेनलेट 0.3 प्रतिशत 500 ग्राम  से एक किलोग्राम  का घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी गई है। इस रोग के नियंत्रण के लिए ब्लाईटाक्स 50 प्रतिशत 700 से 1500 ग्राम का घोल प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव किया जा सकता है। इसके अलावा कीटाजिन 48 प्रतिशत 0.1 प्रतिशत 250 से 500 मि.ली. के घोल का प्रति हेक्टेयर की दर से या डायथेन एम. 45, 0.3 प्रतिशत 600 लिटर पानी में घोलकर छिड़काव या ट्राईसाईक्लोंजोल 300 मि.ली. का प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव किया जा सकता है। धान की फसल  में भूरा धब्बा होने पर डायथेन एम. 45, 1500 कि.ग्राम का पानी में घोल बानकर प्रति  हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी गई है। 

फौजी कीट  के नियंत्रण के उपाय

धान की फसल में बालियां आने पर कटुवा(फौजी कीट) का आक्रमण होता है। धान की फसल पर फौजी कीट की एक भी इल्ली दिखाई देने पर क्यूनालफास 1.5 प्रतिशत या 0.4 प्रतिशत फेनवेलरेट या मिथाईन पैराथियान डस्ट 2 प्रतिशत की 25 किलोग्राम मात्रा का प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करने की सलाह दी गई है। भुरकाव शाम के समय करने एवं फोरेट 10 जी का उपयोग कम से कम करने की सलाह दी गई है। इस कीट के नियंत्रण के लिए क्यूनालफास 25 प्रतिशत ई.सी. या फेनोट्रोथियान 50 प्रतिशत ई.सी. का एक लिटर प्रति हेक्टेयर की दर से भी छिड़काव किया जा सकता है।

आंखों में  चश्मा एवं हाथों में दस्ताने पहन कर छिड़काव करें

किसानों को उनकी सुरक्षा के लिए सलाह दी गई है कि वे कीटनाशक दवाओं  का छिड़काव या भुरकाव करते समय  पूरी सावधानी बरतें। इस समय  आंखों में चश्मा एवं  हाथों में दस्ताने अनिवार्य रूप से पहनना चाहिए। इस समय धूम्रपान भी नहीं करना चाहिए।

जिले में 970 मि.मी. वर्षा रिकार्ड, बैहर तहसील  में सबसे अधिक 1219 मि.मी. वर्षा 

जिले में चालू वर्षा सत्र के दौरान एक जून से 12 अगस्त 2013 तक 970 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 698 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई थी। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1447 मि.मी. है। चालू वर्षा सत्र में सबसे अधिक 1219 मि.मी. वर्षा बैहर तहसील में तथा सबसे कम 584 मि.मी. वर्षा लांजी तहसील में रिकार्ड की गई है।

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