निर्माण कार्यों को पूर्ण नहीं करने पर दो उपयंत्रियों को कारण बताओ नोटिस
विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत किये गये निर्माण कार्यों को अब तक पूर्ण नहीं कराने पर कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के दो उपयंत्रियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। इन उपयंत्रियों को तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण पेश करने कहा गया है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री एस.एस. अली ने बताया कि जनपद पंचायत खैरलांजी के उपयंत्री श्री व्ही. कौशिक को ग्राम साकड़ी में नदी का कटाव रोकने के लिए एक करोड़ रु. का कार्य, जराहमोहगांव से गजपुर सड़क पर बाक्स कल्वर्ट के लिए एक करोड़ 5 लाख रु. का कार्य, कन्हड़गांव में स्टापडेम के 29 लाख रु. के कार्य, कुम्हली नाला में स्टापडेम के लिए 26 लाख रु. का कार्य तथा मानेगांव में ग्रेवल सड़क के लिए 6 लाख रु. का कार्य सौंपा गया था। लेकिन इनमें से कोई भी कार्य अब तक पूर्ण नहीं किया गया है। ये कार्य वर्ष 2009-10 एवं 2010-11 में स्वीकृत किये गये थे। जनपद पंचायत कटंगी के उपयंत्री श्री बी.आर. लांजेवार को वर्ष 2008-09 में बोथवा में तालाब निर्माण के लिए 36 लाख 18 हजार रु., अर्जुननाला में प्राथमिक शाला भवन के लिए 8 लाख 9 हजार रु., वर्ष 2009-10 में कोसमी से कटेरा तक ग्रेवल सड़क निर्माण के लिए 13 लाख 75 हजार रु., धनकोषा से डोंगरगांव ग्रेवल सड़क के लिए 16 लाख 55 हजार रु., कटेरा में स्टापडेम के लिए 14 लाख 82 हजार रु., मोहनटोला नाले में स्टापडेम निर्माण के लिए 13 लाख रु., वर्ष 2010-11 में जनपद पंचायत कटंगी में पार्किंग शेड के लिए एक लाख रु. तथा वर्ष 2011-12 में खमरिया के रान तालाब के सुधार के लिए 24 लाख 27 हजार रु. का कार्य सौंपा गया था। लेकिन ये सभी कार्य अब तक अपूर्ण है। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने निर्माण कार्यों के काफी समय से अपूर्ण रहने को गंभीरता से लेते हुए उपयंत्री श्री कौशिक एवं लांजेवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। इन उपयंत्रियों को तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण पेश करने कहा गया है। समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एक पक्षीय कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
जिले में लक्ष्य से अधिक मत्स्य बीज का हुआ उत्पादन
बालाघाट जिले में अधिक वर्षा होने एवं मौसमी व मध्यम आकार के तालाबों की अधिक संख्या होने के कारण मत्स्य पालन के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध होता है। जिले में मत्स्य पालन का कार्य भी बड़े पैमाने पर किया जाता है और इससे काफी अधिक संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलता है। मत्स्य पालन के साथ ही मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में भी बालाघाट म.प्र. का अग्रणी जिला है। इस वर्ष जिले में निर्धारित लक्ष्य से अधिक मत्स्य बीज का उत्पादन किया गया है। जिले के मत्स्य पालकों को मत्स्य बीज प्रदाय करने के साथ ही प्रदेश के 13 अन्य जिलों को भी यहां से मत्स्य बीज प्रदाय किया गया है।
रिकार्ड 15.14 करोड़ मत्स्य बीज का उत्पादन
उप संचालक मत्स्योद्योग श्री आर.के. राय ने इस संबंध में बताया कि इस वर्ष जिले को 15 करोड़ स्पान मत्स्य बीज उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य के विरूध्द 15 अगस्त तक 15 करोड़ 14 लाख स्पान का उत्पादन किया गया है। विभाग द्वारा जिले में स्पान मत्स्य बीज को संवंर्धित कर एक करोड़ 25 लाख फ्राई मत्स्य बीज उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। इस लक्ष्य के विरूध्द अब तक 64 लाख फ्राई का उत्पादन किया जा चुका है। सबसे अधिक मांग वाले कतला मछली बीज के उत्पादन में बालाघाट जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। इस वर्ष 4 करोड़ एक लाख कतला मछली बीज का उत्पादन किया गया है। से कम समय में अधिक आय हो सकती है।
13 जिलों को प्रदाय किया गया मत्स्य बीज
उप संचालक श्री राय ने बताया कि इस वर्ष बालाघाट जिले से प्रदेश के 13 जिलों को 5 करोड़ 82 लाख स्पान मत्स्य बीज प्रदाय किया गया है। इसमें भोपाल को 30 लाख, जबलपुर को 40 लाख, ग्वालियर को 44 लाख, छिंदवाड़ा को एक करोड़ 10 लाख, बैतूल को 40 लाख, सिहोर को 40 लाख, दमोह को 20 लाख, शाजापुर को 36 लाख, रतलाम को 60 लाख, उज्जैन को 85 लाख, मंडला को 20 लाख, मंदसौर को 7 लाख तथा नरसिहंपुर जिले को 50 लाख स्पान मत्स्य बीज प्रदाय किया गया है।
जिले के मत्स्य पालकों को 4.03 करोड़ स्पान का प्रदाय
जिले के लघु, मध्यम एवं मौसमी तालाबों में मत्स्य पालन के लिए मत्स्य बीज प्रक्षेत्र मुरझड़ से मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को 4 करोड़ 03 लाख स्पान मत्स्य बीज प्रदाय किया गया है। मुरझड़ प्रक्षेत्र से मत्स्य बीज विक्रय से विभाग को लगभग 10 लाख रु. की आय हुई है।
नदियों के डोह में भी डाला जायेगा मत्स्य बीज
उप संचालक श्री राय ने बताया कि मुरझड़ प्रक्षेत्र में उत्पादित मत्स्य बीज में से 72 लाख स्पान बालाघाट प्रक्षेत्र में, 80 लाख स्पान गर्रा प्रक्षेत्र में, 80 लाख स्पान बैहर प्रक्षेत्र में, 70 लाख स्पान बम्हनवाड़ा प्रक्षेत्र में तथा 17 लाख स्पान मुरझड़ प्रक्षेत्र में संवर्धन के लिए रखा गया है। इस बीज को संवंर्धित कर फ्राई एवं फिंगरलिंग आकार तक बड़ा किया जायेगा और उसके बाद मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को विक्रय किया जायेगा। इसमें से 6 लाख फिंगरलिंग मत्स्य बीज आगामी अक्टूबर एवं नवम्बर माह में जिले की नदियों के गहरे डोहों में डाला जायेगा। तिरोड़ी के प्रक्षेत्र पर चायनिज कार्प के 19 लाख स्पान का उत्पादन भी किया गया है।
45 क्विंटल प्रजनक मछलियों का उपयोग
श्री राय ने बताया कि मत्स्य बीज उत्पादन की प्रक्रिया जटिल एवं परिश्रम वाली होती है। इसके लिए मत्स्य निरीक्षक विजय मेश्राम द्वारा मुरझड़ प्रक्षेत्र पर जनवरी माह से ही मत्स्य बीज उत्पादन के लिए तैयारियां प्रारंभ कर दी जाती है। 15 जून तक कतला, रोहू, मृगल प्रजाति की प्रजनक मछलियों को एकत्र कर लिया जाता है। इन प्रजनक मछलियों को प्रोटीनयुक्त पौष्टिक आहार दिया जाता है। मत्स्य बीज उत्पादन के लिए इस वर्ष 45 क्विंटल प्रजनक मछलियां एकत्र की गई थी। इन मछलियों को इंजेक्शन लगाकर उत्तेजित किया जाता है, जिससे वे नर मछलियों से समागम के बाद अंडे देती है। अंडे राई के दाने के आकार के होते है। इन अंडों के फुटने के बाद 24 घंटे के बाद जीरा के आकार का मत्स्य बीज निकलता है।
2 सितम्बर को होगी वन समिति की बैठक
आगामी 30 अगस्त को होने वाली जिला पंचायत की वन समिति की बैठक अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है। अब यह बैठक आगामी 2 सितम्बर को दोपहर 2 बजे से जिला पंचायत कार्यालय सभाकक्ष में होगी। बैठक की अध्यक्षता समिति के सभापति श्री राकेश डहरवाल करेंगें।
29 अगस्त को खेल दिवस का आयोजन
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आगामी 29 अगस्त को जिले में खेल दिवस का आयोजन किया जायेगा। मुलना खेल परिसर बालाघाट में खेल दिवस के अवसर पर 29 अगस्त को कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर स्थान अर्जित करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया जायेगा। जिले के ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर स्थान अर्जित किया है उनसे अपने प्रमाण पत्रों की छाया प्रति 27 अगस्त तक मुलना खेल परिसर में जमा करने कहा गया है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए मुलना स्टेडियम परिसर बालाघाट में श्री तपेश असाटी, श्री विजय शर्मा या श्रभ् अजय सोनी से सम्पर्क किया जा सकता है।
आंगनवाड़ी कार्र्यकत्ता एवं सहायिका की अनंतिम चयन सूची जारी
एकीकृत बाल विकास परियोजना लालबर्रा के अंतर्गत तीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्र्यकत्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए चयनित आवेदकों की अनंतिम सूची जारी कर दी गई है। बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री श्याम सिंह ठाकुर ने बताया कि ग्राम कामथी के केन्द्र क्रमांक-03 में आंगनवाड़ी कार्र्यकत्ता के लिए सिलवंता बिसेन को प्रथम, मंजूलता बिसेन को द्वितीय व कविता पटले को तृतीय वरियता प्रदान की गई है। इसी प्रकार ग्राम ददिया केन्द्र में कार्र्यकत्ता के लिए ममता महोबे को प्रथम, उर्मिला हिरकने को द्वितीय व उषा चौधरी को तृतीय वरियता प्रदान की गई है। ग्राम अतरी के केन्द्र में सहायिका के लिए चन्नेश्वरी हट्टेवार को प्रथम, ज्योति को द्वितीय व दीक्षा मेश्राम को तृतीय वरियता प्रदान की गई है। जिस किसी भी व्यक्ति को इस अनंतिम चयन सूची पर आपत्ति हो तो वह आगामी 30 अगस्त 2013 तक अपने दावे आपत्ति प्रमाण सहित बाल विकास परियोजना कार्यालय लालबर्रा में प्रस्तुत कर सकता है।
जिले में 1213 मि.मी. वर्षा रिकार्ड, बैहर तहसील में सबसे अधिक 1655 मि.मी. वर्षा
जिले में चालू वर्षा सत्र के दौरान एक जून से 23 अगस्त 2013 तक 1213 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 827 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई थी। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1447 मि.मी. है। चालू वर्षा सत्र में सबसे अधिक 1655 मि.मी. वर्षा बैहर तहसील में तथा सबसे कम 816 मि.मी. वर्षा लांजी तहसील में रिकार्ड की गई है।

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