- पार्षद पंकज चोकेसे से लेकर विधायक आरिफ अकील और प्रशासन सोता रहा !!
- लोगो ने खुद ही बचाई अपनी जान !!!
भोपाल, राजधानी में हालत उस समय बद से बदतर हो गये जब रात भर की वर्षा के बाद भोपाल के DIG बंगला के चोकेसे नगर कॉलोनी, रम्भा नगर मोहल्ले के घरो में पानी घुस गया ! लोगो को अपनी जान बचाने के लिए घरो के छत पर चढ़ गए. मध्य प्रदेश की राजधानी में रात भर की वर्षा के बाद चोकसे नगर में उत्तराखंड जैसे हालत हो गये. एक छोटे से नाले में कचड़ा फस जाने के बाद पानी घरो में घुसने लगा. हालत इतने बिगड़ गए के लोगो को अपनी जान बचने के चक्कर में छतो पर चढ़ना पड़ा. सुबह 05 :00 बजे से ही लोगो ने अपनी जान बचानी शुरू दी ! कुछ पड़ोस के घर में जा बैठे। तो वही लोगो के लिये फ़रिश्ता बन के आए दो पुलिस कर्मी ने अपनी जान पर खेल कर लोग को घर से निकाला। चोकेसे नगर कॉलोनी की हाउस नंबर 44 में एक महिला को DIG बंगला के एस आई ने अपनी जान पर खेल कर महिला को घर से निकला ! तो वही कॉलोनी के रहने वाले लोगो ने भी लोगो को बचाव कार्य में मदद की !
लगातार 5 घंटे की बारिश में फंसे 50 परिवार प्रशासन की मदद के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं आया. भोपाल उत्तर के विधायक का क्षेत्र होने के बाद भी न तो विधायक जी दिखे और न वार्ड पार्षद और न कोई प्रशासन का अधिकारी , लोगो ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई ! चोकेसे नगर कॉलोनी की जनता का अगर माने तो विधायक आरिफ अकील को सुबह से इस इस बात की जानकारी थी कि 50 से अधिक परिवार घरो में बारिश के चलते कैद हो गए है , फिर भी विधायक जी ने सुबह 9 तक अपनी सूरत तक नहीं दिखाई. तो वही वार्ड नंबर 4 के पार्षद पंकज चोकेसे ने अपने क्षेत्र में फसे लोगो से मिलना तक गवारा भी नहीं समझा ! वही दूसरी और प्रशासन का कोई भी आदमी लोगो की जान बचाने तक नहीं आया ! गस्त कर रहे दो पुलिस कर्मचारियों ने मानवता का उदाहरण देते हुए , अपनी जान पर खेल कर लोगो को घर से निकला !
हमारे घर में पानी घुस गया था तो हम लोगो ने अपनी जान बचाने के लिए घरो की छत पर सुबह 5 बजे से ही चढ़े है ! (इस्मत खान , चोकेसे नगर कॉलोनी ,रम्भा नगर (इस्मत खान , चोकेसे नगर कॉलोनी भोपाल )
अपनी मम्मी के साथ अपनी जान बचाकर छत की और भागे (मुहम्मद मुस्तुफा, इस्मत खान , चोकेसे नगर कॉलोनी ,रम्भा नगर भोपाल
अपनी जान बचाकर पडोसी के घर में आना पड़ा,रम्भा नगर ( किज्ज़रा खान, चोकेसे नगर कॉलोनी भोपाल ,)
50 से अधिक लोगो को घरो से निकाला है , कई परिवार अभी भी फसे हुए है ( नोशाद अली आसमी)
एक महिला घर में फसी हुई थी उस को निकाला है , जनता की सेवा हमारा कर्तव्य है ! ( अनूप सिंह शिखार्वर )
बरहाल इस घटना ने प्रशासन के काम की पोल खोल कर रख दी है, जहा एक और सरकार बड़े बड़े दावे पेश कर रही है तो वही राजधानी भोपाल में हालत बद से बदतर है। राजधानी में यह हालत है तो पुरे मध्य प्रदेश का अनुमान लगाना कठिन नहीं होगा
---आमिर खान---


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