बिहार में गंगा नदी का रौद्र रूप अब भी पूर्ववत बना हुआ है। राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में बसे लोग जगह खाली कर सुरक्षित स्थानों को जा रहे हैं। इस वर्ष गंगा सहित अन्य प्रमुख नदियों में बाढ़ से राज्यभर में 132 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पटना बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि लगातार जारी है। सहायक अभियंता एस़ क़े सहाय ने शनिवार को बताया कि गंगा नदी दीघा, गांधीघाट, हाथीदह, मुंगेर, भागलुपर, कहलगांव और बक्सर में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। कई इलाकों में बाढ़ पीड़ितों के लिए खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है। बिहार में गंगा सहित 13 नदियों में आई बाढ़ का पानी 12 जिलों में पहुंच चुका है। बाढ़ से प्रभावित 49 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक बाढ़ से 132 लोगो की मौत हो चुकी है।
इधर, जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगले एक-दो दिनों में गंगा के जलस्तर में कमी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पटना सहित राज्य के दूसरे जिलों में भी गंगा के तटों की निगरानी की जा रही है। पटना में एहतियात के तौर पर अधिकारियों को सावधान कर दिया गया है तथा सुरक्षा बांधों को सील कर दिया गया है।
पटना के जिलाधिकारी एऩ सरवन कुमार ने बताया कि राजधानी पटना बाढ़ से सुरक्षित है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन के लिए पटना में 209 नावों की व्यवस्था की गई है। बाढ़ प्रभावित जिलों में पटना, भागलपुर, कटिहार, सारण, बक्सर, भोजपुर, वैशाली, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर और समस्तीपुर शामिल है।
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