प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि वह देश की अर्थव्यवस्था के प्रति चिंतित है तो उसे संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने देनी चाहिए। मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में कहा, "संसद देश की सर्वोच्च संस्था है और सत्र-दर-सत्र उसे काम नहीं करने दिया गया है।" उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि प्रमुख विपक्षी दल ने संसद में आम राय की जरूरत को महसूस किया है। लेकिन आम राय बनाने की जिम्मेदारी प्रमुख विपक्ष और सरकार दोनों की होती है। लेकिन सदन में उनका कार्य दूसरा है।"
उन्होंने कहा, "प्रमुख विपक्षी दल इस बात को कभी पचा नहीं पाया कि वह 2004 में सत्ता से बाहर हो गया।" इस टिप्पणी पर सदन में हंगामा हुआ और भाजपा सदस्यों ने इसका जोरदार विरोध किया। उप सभापति पी.जे. कुरियन के हस्तक्षेप के बाद सदन में व्यवस्था कायम हुई।
मनमोहन सिंह ने कहा, "आपने किसी भी संसद में ऐसी स्थिति के बारे में सुना है, जहां प्रधानमंत्री को अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों को परिचित कराने की अनुमति नहीं दी जाती है। आपने किसी भी देश में ऐसा सुना है कि प्रमुख विपक्षी दल के सदस्य सदन के बीचोबीच आकर 'प्रधानमंत्री चोर है' का नारा लगाते हैं।"

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