नेपाल के प्रमुख अखबार कांतिपुर का दावा है कि अब्दुल करीम टुंडा और यासीन भटकल को नेपाल में गिरफ्तार कर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया। लेकिन नेपाली अधिकारियों ने इसका खंडन किया है। रपट में कहा गया है कि इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक भटकल को नेपाली सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को काठमांडू के मध्य से गिरफ्तार किया और भारत-नेपाल सीमा पर रक्सौल में उसे भारत का सौंप दिया। उच्च पदस्थ खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि भटकल को बागबाजार इलाके से पकड़ा गया और उसे नेपाल के सीमावर्ती कस्बे बीरगंज ले जाया गया और भारतीय अधिकारियों को सुपूर्द कर दिया गया। इसके बाद उसे बिहार के मोतिहारी जिले में ले जाया गया।
रपट के अनुसार भारत के अति वांछित आतंकवादियों में से एक भटकल दुबई और पाकिस्तान से पांच बार काठमांडू आ चुका था। इसी तरह भारतीय सुरक्षा एजेंसियां लश्कर-ए-तैयबा के बम विशेषज्ञ टुंडा के काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरने के समय से ही सतर्क हो गई थीं। टुंडा काठमांडू के बागबाजार स्थित जामा मस्जिद से बाहर निकल रहा था, उसी समय उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
टुंडा, बिहार के मोतिहारी में स्थित जामिया आईबीएन ताई मिया मंदित इस्लाम मुस्लिम कॉलेज में अक्सर आता रहता था। यह संस्थान भारत-नेपाल सीमा से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लेकिन नेपाल पुलिस और गृह मंत्रालय ने इस रपट का खंडन किया है। नेपाल गृह मंत्रालय के प्रवक्ता शंकर प्रसाद कोईराला ने कहा, "हमें गिरफ्तारियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।"
नेपाल पुलिस के प्रवक्ता नवा राज सिलवल ने कहा, "हम भारत के साथ खुफिया जानकारी साझा करत हैं। लेकिन इन मामलों में हमें नहीं पता कि नेपाली पक्ष ने इनको भारत को सौंपा है।" पुलिस सूत्रों के अनुसार इस वर्ष तक भारत के 400 से अधिक अपराधी या आतंकवादी संबंध वाले लोग नेपाल से गिरफ्तार किया जा चुके हैं।

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