जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को जम्मू क्षेत्र में हिंदू एवं मुस्लिम समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की और तनावग्रस्त क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं को न घुसने देने के फैसले को सही ठहराया। अब्दुल्ला ने कहा कि ईद-उल-फितर के मौके पर शुक्रवार को दो प्रमुख समुदायों के बीच टकराव का मामला सामने आया था। उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा, "मैं शुरुआती संघर्ष के लिए किसी राजनीतिक दल को जिम्मेदार नहीं ठहराऊंगा। लेकिन संघर्ष के बाद मदद करने की जगह उन्होंने ठीक उलटा काम किया।" उन्होंने कहा, "मैं पूरी कोशिश करूंगा कि ये लोग अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकें।"
ईद-उल-फितर के दिन शुक्रवार को किश्तवाड़ में हुई हिंसा में दो लोग मारे गए थे। स्थिति को काबू में करने में पुलिस के नाकाम रहने के बाद सेना की सहायता ली गई। उसके बाद संघर्ष की स्थिति कुछ दूसरे क्षेत्रों में भी फैल गई। हिंसा के बाद से किश्तवाड़ में कर्फ्यू लागू है। अधिकारियों ने जम्मू शहर और राजौरी शहर में भी कर्फ्यू लगा दिया है। उमर ने कहा, "यह दो समुदायों का आपसी संघर्ष है, जो आम तौर पर शांति से साथ रहा करते हैं।"
उन्होंने कहा, "हिंदुओं और मुस्लिमों को एक साथ रहना है और यह उनके हित में है कि वे सामान्य स्थिति बनाने में मदद करें।" उन्होंने रविवार को भाजपा नेता अरुण जेटली को किश्तवाड़ जाने से रोकने के फैसले को सही ठहराया। उन्होंने कहा, "क्या वह देश के ऐसे दूसरे क्षेत्रों में गए हैं, जहां इस तरह की स्थिति पैदा हुई हो। सिर्फ जम्मू एवं कश्मीर और खास तौर से जम्मू क्षेत्र में ही क्यों?"
उन्होंने कहा, "कश्मीर में जब शिया-सुन्नी टकराव हुआ था, तो क्या वे यहां आए थे।" उन्होंने कहा, "यदि आप सहायता करने के लिए आएं, तो मैं आपकी भूमिका के लिए काफी उदारता दिखाऊंगा। 2008 और 2010 में उनकी भूमिका से स्पष्ट हो गया है कि वे स्थिति का फायदा राजनीति स्वार्थ साधने में उठाते हैं।" एक सवाल के जवाब में उमर ने कहा, "किश्तवाड़ में एक तीसरा शव मिलने की रिपोर्ट मिली है, लेकिन मैं इसकी पुष्टि तभी करूंगा, जब यह स्पष्ट हो जाएगा कि मौत संघर्ष की वजह से ही हुई है।"
उनसे पूछा गया था कि ग्राम रक्षा समितियों को आतंकवादियों से सामना करने के लिए जो हथियार दिए गए थे, क्या उनका इस्तेमाल इस टकराव में हुआ था। उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने में प्रशासन ने कोई कोताही नहीं बरती है। उन्होंने कहा कि पुलिस से स्थिति नहीं संभल पाने के बाद रात घिरने से पहले सेना बुलाकर तैनात कर दी गई थी।

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