और जगत राम वर्मा को भूल गया जौनसारी जन मानस....
कई वर्षों तक जौनसार बावर ही नहीं बल्कि जौनपुर रवाई हिमाचल और गढ़वाल के कई हिस्सों तक अपनी जादुई आवाज का जादू बिखेरने वाले लोककलाकार स्व. जगत राम वर्मा को एक ही साल में जौनसारी समाज ने भुला दिया है...यह पीड़ा इस क्षेत्र की लोक गायिका शान्ति वर्मा तन्हा ने हाहिर की है. ज्ञात हो कि विगत १ अगस्त २०१२ को एक बस दुर्घटना में इस लोकगायक की चिल्हाड गॉव के निकट मौत हो गयी थी...आज भी शोक संतप्त यह परिवार गमगीन दशा में इस लोकगायक को भुला देने की पीड़ा झेल रहा है. स्व. जगत राम वर्मा के भाई पूरण वर्मा ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि हम अपनी संस्कृति के लिए जिंदगी भर कार्य में लगे रहे अपने भाई से इस लिए खुश थे कि उन्होंने अपनी संस्कृति का जो प्रचार प्रसार अपने गीतों के माध्यम से किया वह अतुलनीय है. लेकिन हमारा जौनसारी समाज उन्हें श्रधांजलि देना भी भूल जाएगा इसकी उम्मीद उन्हें कतई नहीं थी.
वहीँ शान्ति वर्मा का कहना है कि इस तरह एक लोककलाकार को बिसरा देना कौन सी सामाजिक परंपरा है..एक और हर कलाकार अपनी धरोहरों को बचाने के लिए रात दिन मुहिम छेड़े हुए रहता है वहीँ दूसरी और स्व. जगत राम वर्मा जैसे लोककलाकार को एक साल में ही भुला देना कहाँ तक उचित रहेगा. शान्ति वर्मा ने लोकगायक स्व. जगत राम वर्मा को जौनसार बावर की सांस्कृतिक विरासत के लिए अतुलनीय क्षति बताते हुए कहा है कि ऐसे गायक बमुश्किल से पैदा होते है. लोकगायक स्व. जगत राम वर्मा के निधन के बात संस्कृति का वह लोक कुछ समय के लिए खो सा गया है जो उन्होंने सांस्कृतिक विरासत के रूप में जौनसारी समाज को दिया है.
ज्ञात हो कि जौनसार बावर जनजातीय कला एवं सांस्कृतिक महासंगठन द्वारा विगत वर्ष स्व. जगत राम वर्मा को श्रधांजलि दी गयी थी लेकिन इस बार यह संस्था भी उनके निधन दिवस यानी १ अगस्त को भूल गयी. शोक संतप्त यह परिवार आज भी इस सदमें से उभर नहीं पाया है..लोककलाकार स्व. जगत राम वर्मा की धर्मपत्नी जग्गो देवी आज भी अपने आप को संयमित नहीं कर पायी हैं. उनका पुत्र राहुल वर्मा और बेटी सुषमा ने अब अपने पिता की विरासत को आगे बढाने के लिए कमर कस ली है.
बहरहाल एक ही साल में संस्कृति का चितेरा जौनसारी समाज जिस तरह स्व. जगत राम वर्मा को भूल गया इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती थी.
तंम्बूओं में तंग जिंदगी जिने को मजबूर हैं आपदा प्रभावित
देहरादून, 12 अगस्त। उत्तराखण्ड त्रासदी के दो महीने होने को हैं, आपदा के बाद आपदा प्रभावित पिछले डेढ़ महीने से तम्बुओं में दिन गुजार रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित केदारघाटी के वो गांव हैं, जहंा प्रकृति ने अपना सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। इन गांवों के लोग तम्बुओं में तंग जिंदगी जीने को मजबूर हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की शिकायत है कि सरकार उन्हें तंबु देकर भूल गई है। आज भी प्रभावित क्षेत्रों के अधिकांश ग्रामीण अपने गांव से इतर तम्बूओं में जीवन काटने को मजबूर है, प्रदेश सरकार उनके स्थाई घरौंदों को लेकर जरा भी गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। उनकी जिंदगी हर रात मौत के खौफ में कटती है और हर दिन कुछ नए आश्वासन के आस में। सरकार द्वारा दिए गए टैंट न उनकी सर्दी ही बचा पा रहे हैं और न ही जंगली जानवरों के खौफ को। टिहरी के हडियाना मल्ला गांव के लोगों के सर की छत आपदा से छीन ली है। खस्ता हाल घरों में रहना खतरे से खाली नहीं है, इस गांव के 26 परिवार पिछले डेढ महीने से टैंट के नीचे जिंदगी बीता रहे हैं, न इनके पास खाने का कोई सामान है और न ही पीने का पानी। सबसे खास बात तो यह है कि जिला प्रशासन ने आज तक इनकी खबर नहीं ली। जहां तक सरकारी दस्तावेजों की बात की जाए, तो सरकारी दस्तावेजों में इस गांव का सिर्फ एक ही परिवार दर्ज, जिसका आशियाना छीना गया है, लेकिन गांव के 26 परिवार आज भी अपना नाम सरकार के उन दस्तावेजों में दर्ज कराने के लिए भटक रहे हैं। कमोबेश यही हालत मंदाकिनी घाटी सहित भ्यूंडार घाटी, गंगा घाटी और देवाल क्षेत्र की भी है राहत के नाम पर दावें तो बहुत बडे-बडे हुए, लेकिन आपदा प्रभावितों तक एक दाना अन्न का भी नहीं पहुंच पाया, हां जहंा तक सड़क है, उसके आस-पास के गांवों तक तो राहत पहुंचने की बात ग्रामीण कबूलतें है, लेकिन दूरस्थ इलाकों में आज भी अन्न के एक-एक दाने के लिए लोग मोहताज हैं। जहां तक भूस्खलन और भूधंसाव के खतरे से जूझ रहे पूर्व के 233 गांवों के अलावा आपदा के बाद रहने योग्य न रहने वाले गांवों की संख्या बढकर लगभग 475 के करीब हो गई को लेकर राज्य सरकार की अभी तक कोई नीति साफ नजर नहीं आई है। यही कारण है कि प्रभावित क्षेत्रों के गांवों के ग्रामीणा में सरकार के प्रति धीरे-धीरे आक्रोश बढता जा रहा है। प्रभावित क्षेत्र के लोग अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर वे तम्बूओं में तंग जिंदगी कैसे जियेंगे।
युद्धवीर सिंह हत्याकाण्ड मामले का किया पुलिस ने खुलासा, महिला को किया गिरफ्तार, दो आरोपी अभी भी फरार
देहरादून, 12 अगस्त, । कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के पूर्व पीआरओ युद्धवीर सिंह हत्याकांड का दून पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने एक महिला को सोमवार को मीडिया के सामने पेश कर दिया जिसमें पुलिस ने एमबीबीएस में प्रवेश से लेन-देन को जोडकर सारी कहानी पेश की है। पुलिस ने बताया कि पौंटा साहिब के एक व्यक्ति ने अपने दो लडकियों के प्रवेश के लिए 14 लाख रूपए युद्धवीर को दिए थे जिसे युद्धवीर ने इस महिला को दिए और बाद में पैसे देने के बावजूद भी प्रवेश नहीं हो पाया। पैसे वापस लेने के फेर में युद्धवीर सिंह को अपनी जान से हाथ धोना पडा। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व पीआरओ युद्धवीर सिंह हत्याकांड के खुलासे का दावा करते हुए सोमवार को दून पुलिस ने सुधा पटवाल निवासी इंद्रा नगर बसंत विहार को रविवार को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस का दावा है कि हत्या का पूरी साजिश सुधा पटवाल के ईशारे पर ही रची गयी थी जिसमें उसका दो पुराने जानकार हरिओम वशिष्ठ निवासी मेरठ एवं एक अन्य व्यक्ति शामिल थे। पुलिस के अनुसार सुधा पटवाल ने महंत इंद्रेश अस्पताल में प्रवेश कराने को लेकर चैदह लाख रूपए लिए थे। पूरा सौदा अटठारह लाख रूपए मंे तय हुआ था। युद्धवीर ने पार्टी से चैदह लाख रूपए लिए और सुधा पटवाल को दे दिए। इधर लंबा समय बीत जाने के बाद भी प्रवेश नहीं हो पा रहा था जिस पर युद्धवीर ने सुधा से जवाब मांगना शुरू किया। युद्धवीर को बरगलाने के लिए सुधा ने उसे अपने एक परिचित हरिओम वशिष्ठ को अनिल श्रीवास्तव बता कर मिलाया और कहा कि महंत इंद्रेश अस्पताल में वह प्रशासनिक कार्य देखता है। हरिओम उर्फ अनिल श्रीवास्तव ने युद्धवीर को कहा कि उसने चैदह लाख अस्पताल के एक अधिकारी नौटियाल को दिए हैं और जैसे ही वह वापस आऐंगे चैदह लाख रूपए वापस कर दिए जाऐंगे। इससे पूर्व सुधा पटवाल ने युद्धवीर को पांच लाख रूपए का एक और ड्राफ्ट बनाने के लिए कहा था जो कि मृतक युद्धवीर की जेब से बरामद किया गया था। पुलिस के अनुसार नौ अगस्त को सुधा अपनी स्कूटी में युद्धवीर को राजपुर लेकर गयी थी, जहां युद्धवीर स्कूटी में बैठ कर अपने किसी परिचित से बात करता रहा कि पैसे मिल रहे हैं और तुम भी राजपुर ही थैला लेकर चले आओ। राजपुर थाना क्षेत्र आनंदमयी आश्रम के पास पहुंचे तो यहां हरिओम वशिष्ठ पहले से ही अपने एक अन्य साथी के साथ मौजूद था। सुधा ने यहां पहुंचते ही हरिओम से कहा कि युद्धवीर ने उसे बहुत परेशान कर दिया है और इसका काम तमाम करना हैं। इनके ईरादे भांप कर युद्धवीर ने वहां से भागने का प्रयास किया लेकिन हरिओम ने उसे सिर पर रॉड से प्रहार किया जिस पर युद्धवीर वहीं पर गिर गया। इसके बाद इन तीनों लोगों ने मिलकर उसका गला घोंट दिया और उसे मौत के घाट उतार कर वहां से चलते बने। हत्या के बाद हरिओम वशिष्ठ बिजनौर चला गया। इधर युद्धवीर की फोन डिटेल से पुलिस सुधा तक पहले ही पहुंच गयी थी। एसएसपी के अनुसार फरार हरिओम वशिष्ठ एवं दूसरे अन्य व्यक्ति की तलाश में पुलिस टीमें दबिशें दे रही है।
सेना के हैलीकाप्टरों की आपात लैंडिंग से मचा हडकंप
रुद्रपुरध्देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। रुद्रपुर से दस किमी दूर कनकपुर गांव के शमशान घाट में हल्द्वानी से उड़े सेना के दो हेलीकाप्टरों की आपात लैंडिग से हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके की और दौड पडे। इस बीच पता चला कि एक हैलीकाप्टर में तकनीकी खराबी आने के कारण दोनों हेलीकाप्टरों ने गांव के शमशानघाट पर ही आपात लैंडिंग कर दी। प्रशासन ने इस घटना की जानकारी सेना की हल्द्वानी यूनिट को दी जिसके बाद सेना का तीसरा हेलीकाप्टर भी कनकपुर पहुंच गया है। इस हेलीकाप्टर में सेना के तकनीकी विभाग के लोग हैं, जो खराब हुए हेलीकाप्टर में हुई खराबी का पता लगाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर बाद कनकपुर के शमशानघाट पर अचानक सेना के हेलीकाप्टर मंडराते देख ग्रामीणों का हुजूम शमशानघाट की ओर दौड पडा। आनन फानन में इस घटना की जानकारी ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासन को दे दी। फिर क्या था पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके की ओर दौैड पडे। पायलेटों से पूछताछ के बाद पता चला कि इनमें से एक हेलीकाप्टर में तकनीकी खराबी आ गई थी। उसके साथ चल रहा दूसरा हेलीकाप्टर भी वहीं उतर गया। अब सेना के इंजीनियरों की टीम को लेकर तीसरा हेलीकाप्टर भी मौके पर पहुंच गया है।
आधा दर्जन पशु चिकित्सालयों में न चिकित्सक न फार्मासिस्ट
देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। देहरादून जनपद के पछवादून क्षेत्र के राजकीय पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सकों और फार्मासिस्टों का टोटा बना हुआ है। क्षेत्र के आधा दर्जन पशु चिकित्सालय बिना पशु चिकित्सक और फार्मासिस्ट के चल रहे हैं। पशु चिकित्सक न होने से पशुपालकों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। पछवादून में विकासनगर विकासखंड में 3, सहसपुर विकासखंड में 5, कालसी विकासखंड में 4 व चकराता विकासखंड में पांच राजकीय पशु चिकित्सालय हैं। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति चकराता ब्लॉक के पशु चिकित्सालयों की है। यहां त्यूणी, क्वानू व लाखामंडल स्थित पशु चिकित्सालयों में न पशु चिकित्सक हैं और नहीं फार्मासिस्ट, सब भगवान भरोसे चल रहा है। पशु चिकित्सालय चकराता में पशु चिकित्सक है लेकिन फार्मासिस्ट नहीं। पशु चिकित्सालय कांडोईभरम में फार्मासिस्ट है लेकिन पशु चिकित्सक नहीं। कालसी ब्लॉक अंतर्गत पशु चिकित्सालय कालसी में पशु चिकित्सक और पशु चिकित्सालय लखवाड में फार्मासिस्ट के पद खाली पडे हुए हैं। विकासखंड सहसपुर अंतर्गत पशु चिकित्सालय गुजराडा में पशु चिकित्सक का पद रिक्त पडा है। विकासनगर ब्लॉक की बात करें तो यहां पशु चिकित्सालय हरबर्टपुर और पशु चिकित्सालय शीशमबाडा में पशु चिकित्सकों के पद लंबे समय से रिक्त पडेे हुए हैं। पशु चिकित्सालय कालसी का पशु चिकित्सक पिछले तीन वर्षों से पशुलोक ऋषिकेश में अटैच है जबकि त्यूणी का पशु चिकित्सक गौसेवा आयोग में अटैच है। पशु चिकित्सक व फार्मासिस्ट न होने से क्षेत्र के पशुपालकों को इन पशु चिकित्सालयों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। चिकित्सकों के अभाव में बीमार पशुओं की समय पर चिकित्सा नहीं हो पा रही है, जिस कारण कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है। पशुओं की मौत होने से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। पशुपालक महेंद्र सिंह, सुरेंद्र चैहान का कहना है कि पशु चिकित्सकों व फार्मासिस्टों के रिक्त पडेे पदों को शीघ्र भरा जाए। पशु चिकित्सक के अभाव में अन्य स्थानों से दवा लानी पडती है।
आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी के छात्रों ने किया हंगामा
देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। एजूकेशन हब के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले देहरादून में अब शिक्षा का एक अलग ही माहौल देखने को मिल रहा है। कॉलेज प्रशासन द्वारा अनुशासन के लिए बनाए गए नियमों का अब छात्रों द्वारा विरोध किया जा रहा है। सोमवार को अपनी मांगों के लेकर आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जमकर हंगामा किया। गुस्साए छात्रों ने मसूरी रोड पर जाम लगा दिया और कॉलेज के मेन गेट का ताला भी तोड डाला। यूनिवर्घि्सटी द्वारा लागू किए गए नए नियमों से गुस्साए छात्रों ने कॉलेज में यह हंगामा खड़ा किया। प्रदर्शन करने वाले छात्रों में मास कम्यूनिकेश, लॉ और बीबीए के छात्र शामिल रहे। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों और छात्रों के बीच इस मामले को लेकर बातचीत की जा रही है। बवाल करने वाले छात्रों में ऐसे छात्र भी थे। जिन्हें कोर्स के दौरान जॉब तो मिल रही है, लेकिन यूनिवर्सिटी ने ऐसे छात्रों को एनओसी देने से इनकार कर दिया है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि पहले ये छात्र अपना लास्ट सेमेस्टर पूरा करें। उसके बाद इन्हें एनओसी दे दिया जाएगा। छात्र इन नियमों को मानने से इनकार कर रहे हैं, वहीं यूनिवर्सिटी ने कॉलेज बंद होने का समय साढे तीन से बढाकर साढे चार कर दिया है, कालेज प्रशासन का कहना है कि एक भी क्लास बंक करने पर छात्रों को 500 रूपए जुर्माना देना होगा साथ ही पैरेंट्स से सीधे फोन पर छात्रों की शिकायत भी की जाएगी, इसके साथ ही कॉलेज बंद होने से पहले कोई छात्र कैंपस से बाहर नहीं जा सकेगा।
गोठी के ग्रामीण 26 अगस्त को करेंगे उपजिलाधिकारी का घेराव
पिथौरागढध्देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। धारचूला में अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा आयोजित महापंचायत में ‘‘गोठी बचाओ’’ का नारा बुलंद किया गया। 26 अगस्त को गोठी के ग्रामीण उपजिलाधिकारी का घेराव करेंगे। सरकार और प्रशासन से पूछा जायेगा कि उसने हमारे मुद्दों के लिए क्या किया? गोठी में हुई महापंचायत किसान महासभा के ब्लॉक संयोजक हरीश धामी के संचालन में हुई। धामी ने कहा कि गोठी की समस्याओं के प्रति सरकार गम्भीर नहीं है। विधायक गोठी की तरफ देख तक नहीं रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी स्वतंत्र होकर कार्य नहीं कर रहे हैं। इस माहौल में हम आन्दोलन से ही सरकार को झंुका सकते हैं। महापंचायत में बसंती दुग्ताल, राजकुमारी, हीरा बोनाल, आशा, जयंती बोनाल ने कहा कि काली नदी से गोठी की सुरक्षा के लिए चैकडैम बनाने का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ। चैक डैम के अभाव में गोठी वासी गोठी की सुरक्षा के लिए चिन्तित हैं। आपदा की घटना से वे एक रात भी चैन की नींद नहीं सोये हैं। उन्होंने कहा कि 40 किग्रा फ्री राशन का पैक भी गोठी में रहने वाले बौन, दुग्तू, कालिका के परिवारों को नहीं मिला। गोठी में बिजली तो आती ही नहीं है। लेकिन हर माह भारी भरकम बिल आ जाते हैं। महिलाओं ने कहा कि गोठी में वोल्टेज की समस्या के हल के लिये नया ट्रान्सफार्मर लगाते हुए 24 घण्टे बिजली दी जाय। किसान महासभा के बैनर तले 26 अगस्त को उपजिलाधिकारी का घेराव होगा। इसकी सूचना उपजिलाधिकारी तथा जिलाधिकारी को दे दी गयी है। भाकपा (माले) के जिला सचिव जगत मर्तोलिया ने कहा कि जनता और आन्दोलन से उठी मांग को आईना समझते हुए प्रशासन और सरकार को इसका हल करना चाहिए। लेकिन धारचूला में तो प्रशासन के अधिकारी विधायक के गुलाम हो गये हैं। जनता के दुःखदर्दों को दूर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य जनता को सुविधा देना है। गुलामी के खिलाफ आन्दोलन ही हथियार हैं। इस मौके पर जितेन्द्र बौनाल, संजय बौनाल, संतोष दुग्ताल, आशा कुमारी, सुरेश राम, कमला, करिश्मा, रूक्मणी, देवकी, प्रकाश कुमार, गोविन्द सिंह, रेखा आदि ने विचार व्यक्त किये।
हरे पेडों पर आरी चलाने वालों में एक तस्कर को धर दबोचा
देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। वन अधिनियम 1980 की धज्जियां उडाते हुए वन तस्करों द्वारा वन विभाग की मिलीभगत के चलते देहरादून वनप्रभाग की बडकोट रेंज मंे तीन हरे पेडों पर तस्करों ने सरेआम आरियां चलाकर अपनी दंबगई का एहसास करा दिया। वहीं उच्च अधिकारियों से की गई शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने कीमती इमारती लकडी के साथ एक तस्कर को धर दबोचा। साथ ही तस्करी में इस्तेमाल किए जा रहे वाहन को कब्जे में ले लिया। वन विभाग के अनुसार तडके चार बजे वनकर्मी रूटीन गश्त पर थे। उन्हे रेंज की माजरी बीट स्थित रानीपोखरी कंपार्ट नं. तीन मंे बाइक चलने की आवाज सुनाई दी। शक होने पर उन्होने बाइक का पीछा किया। कुछ दूरी पर एक लोडर वाहन में सवार तीन तस्कर दिखे । उन्हे रोकने का प्रयास किया गया तो वह वाहन और उसमें लदी सागौन की दस डाटें छोडकर फरार हो गए। बाइक चालक भी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया लेकिन बाइक के पीछे बैठा तस्कर वनकर्मियों के हत्थे चढ गया। रेंज अधिकारी हरि सिंह रावत ने बताया कि उन्होने एक बाइक एक लोडर वाहन में लदे तीन सागौन की दस डाटें बरामद की है। उन्होने लकडी का बाजार मूल्य लगभग ढाई लाख आंका है। रेंजर ने बताया कि पकडेे गये तस्कर की पहचान पथरी रूडकी निवासी साजिद 26 वर्ष पुत्र असगर के रूप में हुई। वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
राष्ट्रपति 26 को दून में
देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी 26 अगस्त को देहरादून आयेंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति पूर्वाह्न में देहरादून पहुंचेगे। विधोली स्थिति यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एण्ड इंजीनियरिंग के दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग के साथ ही भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में भी राष्ट्रपति प्रतिभाग करेंगे। राष्ट्रपति के आगमन व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में सोमवार को मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में मुख्य सचिव सभागार में सम्बन्घित अधिकारियों की बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने अधिकारियों से निर्धारित मानकों के अनुरूप जौलीग्र्रांट एयरपोर्ट, पेट्रोलियम विश्वविद्यालय एवं आईआईपी में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति के भ्रमण कार्यक्रम का स्थलीय निरीक्षण सड़क मार्ग सम्बन्धी व्यवस्था, संचार, कार्यक्रम स्थलों पर हेलीपेड आदि के व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक कार्ययोजना तैयार की जाय। उन्होंने जिलाधिकारी व वरीष्ठ पुलिस अक्षीक्षक से पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, आईआईपी के अधिकारियों से आवश्यक विचार विमर्श कर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में सचिव राज्य सम्पत्ति एवं प्रोटोकाल एमएच खान, सचिव मुख्यमंत्री एसएस रावत, सचिव राज्यपाल अरूण ढौंडियाल, आयुक्त गढवाल सुबर्द्धन, डीआईजी गढ़वाल अमित सिन्हा, जिलाधिकारी देहरादून आर मीनाक्षी सुन्दरम, वरीष्ठ पुलिस अधीक्षक केवल खुराना, राज्य सम्पत्ति अधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, सब एरिया के मेजर दानिश पाण्डे, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एससी विनवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरपाल सिंह, पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के निदेशक एके ढांड आदि उपस्थित थे।
नर्सो ने किया कामकाज ठप
देहरादून, 12 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। नर्सो ने सोमवार दोपहर बाद अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर कामकाज ठप कर दिया। दून गु्रप आफ नर्सेज द्वारा चेतावनी दी गयी है कि 18 अगस्त तक अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो 18 अगस्त के बाद वह राज्य में इमरजेंसी सेवाओं को भी ठप कर देंगे। अभी फिलहाल इन नर्सो द्वारा सुबह दो बजे तक की पारी में काम किया जा रहा है शेष दो पारियों में काम बंद किया गया है लेकिन उनका कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री से कई दौर की वार्ता के बाद भी उनकी समस्याआंे का समाधान नहीं हुआ है और शासन स्तर पर जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तब तक वह अपना आंदोलन वापस नहीं लेगें। नर्सो की इस हडताल के कारण दून अस्पताल जिसमें 411 बैड है और 1700 के आसपास मरीज रोज ओपीडी में आते हैं स्वास्थ्य सेवाएं चरमराना स्वाभाविक है आज नर्सों की हड़ताल की स्थिति में सेवाओं को सुचारु बनाये रखने के संबध में स्वास्थ्य अधिकारी की एक बैठक हुई जिसमें संविदा नर्सो की भर्ती तथा एमबीबीएस डाक्टरांे की सेवाएं लेने पर विचार है।
आयु सीमा 40 वर्ष किये जाने की मांग
देहरादून, 12 अगस्त, (राजेन्द्र जोशी)। सोमवार को छात्रनेताओं व राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य सरकारी सेवा में उपरी आयु सीमा 40 वर्ष किये जाने की मांग को लेकरसचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। सोमवार को आर्यन ग्रुप के साथ डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्र पदाधिकारी जुलूस के रूप में सचिवालय पहंुचे और वहां प्रदर्शन किया। इस दौरान राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने कहा कि सरकार द्वारा राज्य की सरकारी सेवा में उपरी आयु सीमा संशोधित नियमावली 2012 के तहत यहां के निवासियों के लिए 35 वर्ष से बढ़ा कर 40 वर्ष की गयी थी जबकि अन्य राज्य के लिए आयु 35 वर्ष की गयी थी। इस निर्णय राज्यवासी उत्साहित हैं क्योंकि 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुके लोगों के लिए यह एक उपहार ही है। उन्होंने कहा कि एक माह पूर्व उच्च न्यायालय द्वारा संशोधित नियमावली 2012 के तहत जिसमें उपरी आयु सीमा 40 वर्ष की गयी थी उस पर रोक लगा दी गयी जिससे यहां के युवाओं का अहित हुआ है। उच्च न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में पैरवी कर पुनः आयु सीमा 35 से बढा कर 40 वर्ष की जाये। जिससे राज्य के युवक-युवतियां लाभान्वित हो सकें। प्रदर्शन करने वालों में दीपक नेगी, राकेश नेगी, राजीव, सौरभ ममगाईं, संजय चैहान, प्रदीप बिष्ट तथा आशीष आदि शामिल थे।
जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के प्रस्तावित 26 अगस्त 2013 को बिधोली देहरादून स्थित यूनिवर्सिटी आफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज के दीक्षान्त समारोह में प्रतिभाग करने आ रहे है उक्त के सम्बध में जिलाधिकारी देहरादून आर मीनाक्षी सुन्दरम ने आज यूनिवर्सिटी आफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज बिधोली का निरीक्षण किया, तथा आवश्यक व्यवस्थाओं को सम्पन्न करने के लिए यूनिवर्सिटी आफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज बिधोली देहारादून के निदेशक को कार्यवाही करने के लिए कहा। उन्होने निदेशक यूनिवर्सिटी आफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज बिधोली से कहा कि निर्मित हैलीपेड से लेकर जिस स्थान पर यह कार्यक्रम किया जाना है तथा जहां महामहिम के लिए ठहरने की व्यवस्था की गयी है, पूरे स्थल की वीडियो ग्राफी करायें तथा जहां एवार्ड सेरेमनी होनी है वहां पर भी वीडियों ग्राफी करायें तथा कार्यक्रम स्थल पर कितने सीटे लगनी है तथा कितने लोग कार्यक्रम में भाग लेंगे उनकी संख्या से तत्तकाल अवगत कराया जाये। जिसे राष्ट्रपति कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजा जा सके। उन्होने संस्थान के निदेशक से कहा कि अगन्तुकों के लिए 2 तरह के विभिन्न रगों में निमन्त्रण पत्र बनाये जाये इसके साथ ही वी आई पी की कार पार्किगं की समुचित व्यवस्था रखी जाये। उन्होने यूनिवर्सिटी आफ पैट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज बिधोली के निदेशक से कहा कि कार्यक्रम स्थल पर जो साउंड सिस्टम लगाने वाली सस्था है वह गवर्नमेंन्ट से अपरूव होनी चाहिए, तथा राष्ट्रपति के साथ आये स्टाफ के लिए बैठने की व्यवस्था तथा जहां वे ठहरगें वहां शौचालय की माकूल व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होने अधि. अभियन्ता लोनिवि सीएम पाण्डे को निर्देश दिये की जहां पर हैलीपेड बनाया जा रहा है उक्त स्थल का निरीक्षण कर वहां जो टावर है या नजदीक जो बिल्डिंग है तथा जो उंचे पेड है उनकी उंचाई तथा दूरी की रिपोर्ट बनाये जिसे राष्ट्रपति कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजा जाये, उन्होने बताया कि हैलीपेड तैयार होने के बाद कार्यक्रम से 4 दिन पहले हैलीकाप्टर लैन्डिग का ट्रायल भी अवश्य होगा। उन्होने यूनिवर्सिटी में बन रहे पण्डाल का भी निरीक्षण करते हुए कहा कि एयर का सफोकेशन पण्डाल मे बिल्कुल नही होना चाहिए। उन्होने अधि0 अभियन्ता लोनिवि को जो मचं महामहिम के लिए बनाया जा रहा है उसका कार्य पूर्ण होने पर उसका निरीक्षण कर लें। उन्होने निदेशक से कहा कि हैलीपेड का निर्माण उनकी संस्था द्वारा कराया जायेगा जिसकी टैक्निकल देख रेख लोक निर्माण विभाग द्वारा की जायेगी। उन्होने बीएसएनएल के अधिकारियों से कहा कि निर्मित हैलीपेड पर ब्राडबैंड कनैक्टिविटी सुचारू रूप से हो सके, इसके साथ ही जहंा सेफ हाउस बनाये गये वहां पर दूरभाष की व्यवस्था के साथ-2 कंप्यूटर प्रिन्टर, फैक्स, इंटरनेट की समुचित व्यवस्था कराई जाये। उन्होने उन सभी स्थानों का निरीक्षण किया, जहां से महामहिम ले जाये जायेगें। उन्होेने अधि0 अभियन्ता लोनिवि को निर्देश दिये कि जो सडकों पर पैच वर्क कार्य जो अभी बाकी है उसे जल्द पूरा कर लिया जाये, सहायक अभियन्ता रष्ट्रीय राजमार्ग को निर्देश दिये कि प्रेमनगर हाईवे पर जो स्पीड ब्रेकर है उस पर पेन्टिगं के साथ मार्किगं की जाये जिससे की दूर से ही स्पीड ब्रेकर का पता चल सके। उन्होने अधि0 अभियन्ता लोनिवि को कैम्पस से लगती हुई भूमि पर भी यदि एक अन्य चैपर उतारना होगा। उसके लैण्ड मार्क आज ही कर संस्थान को अवगत करा दिया जाये, जिससे संस्थान उसकी मैनटैन्स आदि समय से करवा सके। निरीक्षण में कर्नल एस एस सिद्वू, एसएसपी केवल खुराना, अपर जिलाधिकारी प्रशासन हरक सिंह रावत, अधि. अभियन्ता लोनिवि सीएम पाण्डे, एसडीएम विकासनगर अशोक पाण्डे, एसडीएम सदर रामजीशरण तथा सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।
बहाली की मांग को लेकर डीजीपी कार्यालय कूच
देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। पुलिस सेवा से बाहर किये गये अभ्यर्थियों ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2010-11 की बहाली की मांग को लेकर पुलिस प्रशासन व सरकार के खिलाफ रैली निकालते हुए डीजीपी कार्यालय कूच किया और उग्र आंदोलन चलाये जाने की चेतावनी दी। वहीं एडीजी अनिल रतूडी से एक प्रतिनिधि मंडल मिला और उन्होंने उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में बताया। उन्होंने आश्वासन दिया है कि पुलिस प्रशासन इस दिशा में कार्यवाही करने के लिए तैयार है लेकिन यह मामला शासन स्तर का है और शासनादेश जारी होने के बाद इस पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही कर बहाली को शुरू कर दिया जायेगा। वहीं अब मामला शासन के पाले में पहंुच गया है और वहीं से इसका निर्णय होना शेष है। सोमवार को यहां बडी संख्या में पुलिस सेवा से बाहर किये गये अभ्यर्थी पुराने रायपुर बस अडडे के समक्ष पहंुचे और वहां पर उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन धरने को जारी रखा और उसके बाद गांधी पार्क पहंुचे और जहां से उक्रांद नेत्री प्रमिला रावत के नेतृत्व में डीजीपी कार्यालय कूच किया। रैली गांधी पार्क से शुरू होते हुए राजपुर रोड, घंटाघर, एस्ले हॉल चैक, ग्लौब चैक होते हुए जैसे ही पुलिस मुख्यालय के पास पहंुची तो पुलिस उससे पहले ही बैरीकैडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया और इस दौरान उन्होंने आगे बढने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाये और वहीं पर धरने पर बैठ गये और प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान काफी देर तक प्रदर्शन करते रहे, उनका कहना है कि पूर्व में मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद इस शर्त पर आंदोलन समाप्त किया गया था कि इनकी फाइल संबंधित विधि विभाग के पास भेजी गई है उसी के बाद कोई निर्णय लिया जायेगा, परन्तु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है जिससे सभी में रोष बना है कि उनके बैच के कई कांस्टेबल अभी भी सेवा कर रहे है और उन्हें किस आधार पर बाहर किया गया यह बात समझ से परे है। दो जगह से आवेदन करने के कारण उनकी सेवायें समाप्त की है परन्तु सेवा समाप्त करने में भी भेदभाव का रूख अपनाया गया है। अभी भी कई सेवारत है और जिससे अभ्यर्थी लोगों को मानसिक और आर्थिक तंगी से गुजरना पड रहा है, आरटीआई से 2005 से 2010 तक दो जगह से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की सूची है और आज भी वह कार्यरत है। उनका कहना है कि सरकार व पुलिस प्रशासन उनके साथ दोहरा मापदंड अपना रही है, जिसका विरोध किया जायेगा। आज तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है और आज तक उन्हें छलने का कार्य किया जा रहा है। लगातार उनका उत्पीडन किया जा रहा है और उनके हितों के लिए किसी भी प्रकार की कोई नीति नहीं अपनाई जा रही है। बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने एडीजी अनिल रतूडी से मुलाकात की और समस्याओं के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि यह मामला शासन स्तर का है और शासन से शासनादेश जारी होने पर इस पर तत्काल कार्यवाही की जायेगी। प्रमिला रावत, मनमोहन लखेडा, नर्मदा नेगी, जसपाल सिंह, प्रवीन कुमार, अजीत कठैत, मनोज रतूड़ी, बलवंत सिंह, धीरेन्द्र पंवार, प्रदीप टम्टा, विवेक रणाकोटी, यशपाल चैहान, आशीष चैहान, सुभाष, जसपाल सहित आदि अभ्यर्थी शामिल थे। इसके बाद धरना स्थल पर सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अनिश्चित कालीन धरना जारी रखा और इस दौरान उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया तथा कहा कि सरकार ने उन्हें बहाल करने की आश्वासन दिया लेकिन आज तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जो चिंता का विषय है।
फौजी ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या
देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। सोमवार को अपनी सरकारी राईफल से खुद को गोली मारकर भारतीय सैन्य अकादमी में तैनात एक संतरी ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। हालांकि इतना जरूर बताया जा रहा है कि उक्त सैनिक मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। दून में एक सैनिक द्वारा आत्महत्या करने की घटना से सभी को झकझोर कर रख दिया है। ड्यूटी के समय अपने ही हथियारों से आत्महत्या करने का यह दूसरा मामला है। इससे पूर्व राजभवन में तैनात एक सिपाही ने भी अपनी ही राईफल से खुद को गोली से उडा दिया था, वहीं सोमवार सुबह आईएमए के गेट पर तैनात जवान श्याम सिंह के पास से जब गोली चलने की आवाज आई तो कुछ लोग वहां दौड़े। पास जाकर देखा तो सबके होश फाख्ता हो गए। श्याम सिंह ने अपनी ही राईफल से अपने गले पर गोली मारी जो कि सिर से निकल गयाी। गोली से श्याम सिंह का सिर बुरी तरह से फट चुका था। सूचना मिलने पर सैन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और श्याम सिंह के शव को सैनिक अस्पताल पहुंचाया। आत्महत्या के कारणों पता नहीं चल पाया है। मृतक श्याम सिंह डोगरा रैजीमेंट में तैनात था और मूल रूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला था।
युद्धवीर हत्याकाण्ड की सीबीआई जांच की मांग
देहरादून, 12 अगस्त, (मनोज इष्टवाल)। कृषि मंत्री डा. हरक सिंह रावत के पूर्व पीआरओ युद्धवीर सिंह रावत की हत्या की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों के लोगों ने गांधी पार्क के समक्ष प्रदर्शन करते हुए धरना दिया और कहा कि यदि इस मामले में शीघ्र ही कार्यवाही नहीं की गई तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जायेगा। सोमवार को यहां बडी संख्या में विभिन्न दलों व सामाजिक कार्यकर्ता गांधी पार्क में इकठठा हुए और वहां पर उन्होंने शासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया और कहा कि युद्धवीर सिंह रावत की हत्या ने जहां सभी का दिल दहला दिया है और इस मामले की सीबीआई से जांच किये जाने की जरूरत है, रूद्रप्रयाग क्षेत्र के लोगों ने भी इस मामले में पूर्व में ही सीबीआई से जांच किये जाने की मांग की है लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाही सरकार की ओर से नहीं हो पा रही है। इस दौरान वक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्यप्रणाली से प्रतीत होता है कि मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है और एक महिला को पकडने से कुछ होने वाला नहीं है, इस मामले में अन्य दोषियों की भी तलाश की जानी चाहिए। उनका कहना है कि पुलिस ने युद्धवीर सिंह रावत का शव राजपुर रोड के मसूरी डायवर्जन जहां पर 24 घंटे पिकेट लगी होती है से मात्र 50 मीटर दूर बरामद कर दून अस्पताल भेजा था। यह मामला गहरे षडयंत्र का प्रतीत होता है। लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों को दण्डित किया जाये। वक्ताओं ने कहा कि मृतक युद्धवीर सिंह रावत के परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा मुआवजे के तौर पर 20 लाख रूपये तत्काल प्रदान किया जाये, और उनके बच्चों को राज्य सरकार की ओर से निशुल्क शिक्षा दी जानी चाहिए। इस दौरान एसडीएम के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर सीबीआई जांच की मांग की गई। धरने में प्रमिला रावत, मनमोहन लखेडा, अशोक नेगी, सविता आर्य, नर्मदा नेगी, वासुदेव अली, आलम सिंह, खुशाल सिंह बोरा, राम प्रसाद डोभाल, संजय कुमार, सुलोचना बहुगुणा, मनोज कुमार सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
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