पड़ोसी देशों से बेहतर संबंध प्राथमिकता : सुजाता सिंह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


गुरुवार, 1 अगस्त 2013

पड़ोसी देशों से बेहतर संबंध प्राथमिकता : सुजाता सिंह


sujata singh
भारत की विदेश सचिव का पदभार ग्रहण करने वाली सुजाता सिंह ने गुरुवार को कहा कि पड़ोसी देशों से बेहत संबंध भारत की तात्कालिक प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "अपने निकट पड़ोसियों से बेहतर संबध निभाना हमारी तात्कालिक प्राथमिकताएं होंगी और यही हमारे तात्कालिक हित हैं। हमारी सर्वाधिक प्रगाढ़ वार्ता का उद्देश्य भी यही है।" 1976 बैच की भारतीय विदेश सेवा अधिकारी 59 वर्षीय सुजाता सिंह का कार्यकाल दो वर्ष का होगा।

पाकिस्तान के साथ संबंधों पर उन्होंने कहा कि भारत की सदैव यही नीति रही है कि पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण एवं सहयोगी संबंध विकसित किए जाएं। स्वाभाविक रूप से इसके लिए हिंसा और आतंक से मुक्त माहौल जरूरी है। पाकिस्तान के साथ वार्ता के संबंध में उन्होंने कहा, "यह 2011 में बहाल की गई थी। उसके बाद दो दौर की वार्ता हो चुकी है, हम इसे वहीं से शुरू करेंगे। पाकिस्तान में अब नई सरकार है। जहां पुरानी सरकार के साथ वार्ता छूटी थी, हम वहीं से शुरू करेंगे।" सिंह ने कहा कि पूरे विश्व के रणनीतिक साझेदारों के साथ संबंध प्रगाढ़ करना भी महत्वपूर्ण है। 

पाकिस्तान में एक ताजा वीडियो में एक सैनिक द्वारा कैप्टन सौरभ कालिया की 1999 में की गई हत्या को स्वीकार किए जाने के बारे में उन्होंने कहा, "हम अपने सैनिकों के साथ ऐसे किसी व्यवहार की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं जो जिनेवा अधिवेशन के अनुरूप न हो। इसीलिए इस मसले को बार-बार उठाया जाता रहा है। इसकी शुरुआत तब हुई थी जब जसवंत सिंह ने अपने तत्कालीन समकक्ष सरताज अजीज के साथ यह मामला उठाया था।" "जिनेवा में भी यह मामला उठाया गया था और हम पाकिस्तान सरकार के साथ निरंतर यह मामला उठाते रहे हैं। यदि कुछ नए तथ्य उभरकर सामने आते हैं, तो हम उनका मूल्यांकन करेंगे और तब यह निर्णय लेंगे कि इस मामले को किस तरह आगे बढ़ाया जाए।"

कोई टिप्पणी नहीं: