प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच व्हाइट हाउस में बैठक तय कार्यक्रम के मुताबिक 27 सितंबर को होगी। अधिकारियों ने बताया कि ओबामा और मनमोहन के बीच रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में जी 20 शिखर सम्मेलन से इतर किसी औपचारिक बैठक की योजना नहीं है, लेकिन दोनों नेताओं के इस हफ्ते एक दूसरे से बातचीत करने की उम्मीद है।
दोनों देशों के अधिकारियों ने सीरियाई संकट के चलते ओबामा और मनमोहन के बीच 27 सितंबर को होने वाली बैठक के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में किसी तरह के बदलाव की संभावना से कल इनकार कर दिया। ओबामा ने सीरिया के असद शासन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने का फैसला किया है और उन्होंने इस सिलसिले में कांग्रेस से अनुमति मांगी है। कांग्रेस में अगले हफ्ते के शुरू में इस पर मतदान होने की उम्मीद है।
सैन्य कार्रवाई के लिए किसी समय अवधि की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन ओबामा को कांग्रेस की अनुमति मिल जाने पर ही उनके द्वारा सैन्य कार्रवाई किए जाने का आदेश देने की उम्मीद है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के मुताबिक वाशिंगटन ने सीरिया मुद्दे पर 100 से अधिक देशों से संपर्क साधा जिनमें से 34 देशों ने किसी न किसी रूप में इसका समर्थन करने का वायदा किया। ओबामा प्रशासन ने सीरिया के मुददे पर भारत से विचार विमर्श किया, हालांकि दोनों के बीच सार्वजनिक रूप से इस पर मतभेद हैं।
भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि वह एक संप्रभु राष्ट्र के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी के बगैर सैन्य कार्रवाई का समर्थन नहीं करेगा, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस वैश्विक संगठन को नजरअंदाज करते हुए यह दलील दी कि इसके वीटो शक्ति से लैस दो देश, रूस और चीन असद शासन को रासायनिक हथियारों के कथित इस्तेमाल के लिए जवाबदेह ठहराने के प्रति अनिच्छुक हैं।
बहरहाल, सीरियाई संकट के बीच मनमोहन और ओबामा के बीच 27 सितंबर को होने वाली चर्चा में सीरिया का मुद्दा भी एक विषय होगा।
.jpg)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें