बिहार सरकार ने ग्राम पंचायतों को धूम्रपान रहित बनाने की पहल शुरू की है। शहर के अलावा अब ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक स्थलों पर ध्रूमपान निषेध से संबंधित बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके लिए पंचायती राज विभाग द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पंचायती राज विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि विभाग द्वारा मंगलवार को राज्य के छह जिलों के जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि सिगरेट और अन्य तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित किया जाए।
विभाग का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता के अभाव में लोग तंबाकू, खासकर खैनी एवं बीड़ी का जमकर उपयोग करते हैं। सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थलों पर ध्रूमपान पर पूर्ण प्रतिबंध है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत भवनों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, ग्राम कचहरी, शिक्षण संस्थाओं और प्रमुख चौकों पर धूम्रपान निषेध से संबंधित बोर्ड लगाए जाएंगे।
आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 54 प्रतिशत लोग तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं। इनमें 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार कहते हैं कि सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, लखीसराय, नालंदा और खगड़िया में राज्य स्वास्थ्य समिति और सोशियो इकॉनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीडस) के साथ मिलकर यह अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वैसे तो सभी जिलों में ध्रूमपान निषेध से संबंधित अभियान चलाए जा रहे हैं, परंतु सीड्स के साथ इसके पूर्व मुंगेर, पटना, भोजपुर, दरभंगा, कटिहार, समस्तीपुर और वैशाली में यह अभियान चल रहा है। उन्होंने बताया कि अब इसमें छह और जिलों को जोड़ दिया गया है।

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