प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मंगलवार की शाम भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित करने में सहयोग करने का आह्वान किया और कोयला ब्लॉक आवंटन विवाद को लेकर जारी गतिरोध खत्म करने की अपील की। यह जानकारी विश्वस्त सूत्रों ने दी। जी-20 शिखर सम्मेलन में रूस रवाना होने से एक दिन पहले बैठक आयाजित की गई थी। सूत्रों ने बताया कि बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को बुलाया गया था।
मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में हंगामा होता रहा क्योंकि सदस्य प्रधानमंत्री से गुमशुदा फाइलों पर स्पष्टीकरण की मांग कर रहे थे। अपने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में भाजपा ने प्रधानमंत्री पर तीखे प्रहार किए और गुमशुदा फाइलों पर सच छिपाने का आरोप लगाया।
भाजपा ने यह भी संकेत दिया कि वह राज्यसभा में भूमि अधिग्रहण विधेयक पारित करने में सरकार का साथ नहीं निभा सकती है। इस विधेयक को लोकसभा ने पारित कर दिया है। भाजपा के नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यदि सरकार सोचती है कि सरकारी कामकाज होता रहेगा और जवाबदेही का मुद्दा गौण रख दिया जाएगा तो कतई मंजूर नहीं किया जाएगा। सहयोग एकतरफा नहीं होता है।"

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