दागी सांसद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की पुनर्विचार याचिका ठुकराई. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 4 सितंबर 2013

दागी सांसद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की पुनर्विचार याचिका ठुकराई.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधियों से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में अहम फैसले दिए। दो साल से ज्यादा सजा सुनाए जाने पर किसी भी सांसद की संसद सदस्यता खत्म होने से जुड़े मामले में केंद्र सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। हालांकि जेल से चुनाव न ल़ड पाने के मामले में दायर केंद्र सरकार की ऐसी ही याचिका कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर कर ली।

गौरतलब है कि पिछले महीने की 10 और 11 तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने जन प्रतिनिधियों से जुड़े दो अहम मामलों में ऐतिहासिक फैसे दिए थे। 10 जुलाई के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी भी मामले में कोई भी कोर्ट अगल किसी सांसद को दो साल से अधिक की सजा सुनाती है तो सांसद भले उस सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करे, उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो जाएगी। पहले अपील करने के बाद ऊपरी कोर्ट का फैसला आने तक सदस्यता बनी रहती थी। अगले दिन यानी 11 तारीख को सुनाए एक अन्य फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई शख्स किसी वजह से जेल में बंद है यानी वह वोट देने की स्थिति में नहीं है तो उसे चुनाव लड़ने का भी अधिकार नहीं होगा। अब तक कई नेता जेल के अंदर से भी चुनाव लड़ सकते थे। उनमें से कई तो जीत कर भी आ जाते थे।

इन दोनों फैसलों ने राजनीतिक और गैरराजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी थी। आम तौर पर माना जा रहा था कि इन फैसलों से राजनीति को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी। मगर, इन फैसलों को नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने वाला भी बताया जा रहा था। केंद्र सरकार ने दोनों फैसलों के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी।

बुधवार को ये याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के सामने आईं। पहले मामले में (यानी दो साल से ज्यादा सजा होने पर सदस्यता खारिज होने वाले मामले में) केंद्र की याचिका कोर्ट ने सीधे खारिज कर दी। कोर्ट का साफ कहना था कि इस फैसले में कोई गड़बड़ नहीं है। मगर, दूसरे मामले में कोर्ट ने लचीला रुख अपनाते हुए याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली। जेल से चुनाव लड़ने से जुड़े इस मामले में केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर कार्रवाई आगे बढाते हुए चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया गया है।

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