टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर ( 07 सितम्बर ) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 7 सितंबर 2013

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर ( 07 सितम्बर )

निर्वाचन आयोग की पेड न्यूज पर पेनी नजर रहेगी, विषय विशेषज्ञ श्री भाटिया ने बतायीं बारीकियां
  • पेड न्यूज पर कार्यशाला संपन्न

tikamdarh
टीकमगढ़, 7 सितंबर 2013 । भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार पेड न्यूज पर नियंत्रण रखने के संबंध में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कार्यशाला आयोजित की गई । कार्यशाला को विषय विशेषज्ञ जनसंपर्क विभाग के संयुक्त संचालक श्री प्रदीप भाटिया ने संबोधित किया । इस अवसर पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 सुदाम खाडे, एस.पी. श्री अमित सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनय द्विवेदी, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह, एस.डी.एम., तहसीलदार एवं संबंधित अधिकारी मीडिया प्रतिनिधि, राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि एवं संबंधित लोग उपस्थित रहे तथा पेड न्यूज के संबंध में विस्तार से चर्चा की ।

निर्वाचन आयोग की पेड न्यूज पर पेनी नजर रहेगी
कार्यशाला के प्रारंभ में श्री भाटिया ने पेड न्यूज, इसकी पृष्ठभूमि, इसके दुष्प्रभाव, इस पर रोक लगाने के उपाय, इस संबंध में निर्वाचन आयोग द्वारा उठाये गये कदमों तथा एम.सी.एम.सी. के संबंध में विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद ने ऐसे समाचार अथवा ऐसे निर्वाचन विश्लेषण, जिसके प्रकाशन और प्रसारण के लिये शुल्क का भुगतान किया है, को पेड न्यूज माना है। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद की मार्गदर्शिका के अनुसार सभी प्रकाशनों में न्यूज को स्पष्ट रूप से सीमांकित किया जाना चाहिये तथा विज्ञापन से भिन्न होना चहिये । श्री भाटिया ने बताया कि राजनैतिक दलों तथा मीडिया गु्रप्स द्वारा पेड न्यूज के संबंध में कड़े कदम उठाने के लिये भारत निर्वाचन आयोग से संपर्क किया गया । संसद में भी पेड न्यूज का मुद्दा विभिन्न अवसरों पर उठाया गया है । सभी राजनैतिक दलों की सर्व-सम्मति से 4 अक्टूबर 2010 और 9 मार्च 2011 की बैठक के अनुसार निर्वाचन आयोग ने पेड न्यूज के विरूद्ध कड़े उपाय करने का निर्णय लिया ।

पेड न्यूज के दुष्प्रभाव
पेड न्यूज के दुष्प्रभाव के संबंध में उन्होंने बताया कि पेड न्यूज आमजन को बहकाती है तथा जनता की स्पष्ट राय बनाने की योग्यता को बाधित करती है । पेड न्यूज से मतदाता सही निर्णय नहीं ले पाता है । पेड न्यूज मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव का कारण बनता है और यह भी उनके सूचना के अधिकार को प्रभावित करता है। पेड न्यूज निर्वाचन व्यय कानून की सीमा को दरकिनार करने की कोशिश है । पेड न्यूज मैदानी स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है । राजनैतिक दल और उनके प्रत्याशी अपने दल एवं उम्मीदवार को प्रचार करने के लिये छद्म नाम अथवा संस्थाओं की ओर से ऐसी खबरों को छपवाकर इसके खर्च का ब्यौरा छिपाते हैं तथा नाजायज प्रचार करते हैं। इस तरह यह कृत्य निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न करता है । 

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उठाये गये कदम
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उठाये गये कदमों के संबंध में श्री भाटिया ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जून 2010 के शुरू में पेड न्यूज के मामलों की चिन्हित करने, संवीक्षा करने तथा इनकी जानकारी आयोग को देने के निर्देश राज्य और जिला अधिकारियों कोे जारी किए गये हैं ।

एम.सी.एम.सी
श्री भाटिया ने बताया कि आयोग ने पेड न्यूज की जांच के लिए जिला और राज्य स्तर पर एक मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (डब्डब्) नियुक्त की है । एम.सी.एम.सी. में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और राज्यों के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है । समिति मीडिया में जारी समाचार की आड़ में राजनैतिक विज्ञापन की पहचान करने के लिए अपने क्षेत्राधिकार के भीतर पेड न्यूज की जाँच करेगी तथा एम.सी.एम.सी. भी सक्रिय रूप से पेड न्यूज के मामलों तथा व्यय प्रेक्षक की ओर से भेजे गये मामलों पर विचार करेगी ।

अपील की प्रक्रिया
श्री भाटिया ने बताया कि जिला एम.सी.एम.सी. पेड न्यूज के मामले पाए जाने पर रिटर्निंग अफसर को सूचित करेगी। सूचना के आधार पर रिटर्निंग अफसर अभ्यर्थी को पेड न्यूज के व्यय को निर्वाचन व्यय में शामिल किये जाने के लिए नोटिस जारी करेंगे । उन्होंने बताया कि नोटिस की प्रति, निर्वाचन व्यय प्रेक्षक को भी दी जाएगी । जिला एम.सी.एम.सी. से संदर्भ प्राप्त होने पर प्रकाशन/प्रसारण/सीधा प्रसारण/शिकायत की प्राप्ति के 96 घंटों के भीतर रिटर्निंग आफिसर, अभ्यर्थी को नोटिस देंगे कि क्यों नहीं यह व्यय निर्वाचन व्यय में शामिल किया जाये। जिला एम.सी.एम.सी. अपने फैसले से शीघ्र अभ्यर्थी/पार्टी को अपने अंतिम निर्णय से अवगत करायेगी । यदि संबंधित अभ्यर्थी से एम.सी.एम.सी को नोटिस जारी होने के 48 घंटे के अंदर जवाब न मिलने पर एम.सी.एम.सी. निर्णय अंतिम होगा । उन्होंने बताया कि यदि जिला स्तर एम.सी.एम.सी का निर्णय अभ्यर्थी के लिए स्वीकार्य नहीं है, तो वह निर्णय की प्राप्ति के 48 घंटे के भीतर जिला एम.सी.एम.सी को जानकारी देते हुए राज्य स्तर पर एम.सी.एम.सी के लिए अपील कर सकते है । श्री भाटिया ने बताया कि राज्य एम.सी.एम.सी. अपील प्राप्त होने के 96 घंटे में प्रकरण का निराकरण करेगी । राज्य एम.सी.एम.सी. अपने निर्णय से अभ्यर्थी और जिला एम.सी.एम.सी. को सूचित करेगी । राज्य एम.सी.एम.सी. के निर्णय के विरूद्ध अभ्यर्थी आदेश प्राप्त होने के 48 घंटे में भारत निर्वाचन आयोग में अपील कर सकेगा। तथा इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग का निर्णय अंतिम होगा ।

रोजगार हेतु जानकारी कार्यालय में दे  

टीकमगढ़, 7 सितंबर 2013 । जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल जे.पी. शर्मा ने टीकमगढ़ जिले के सभी पूर्व सैनिकों को सूचित किया है कि जिन भूतपूर्व सैनिकों के पास शस्त्र लाइसेंस है वह उनके कार्यालय मे जल्द से जल्द जानकारी भेजें ताकि उनके लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सके । इस संबंध में कार्यालय के दूरभाष नं. 07683-240709 पर जानकारी दी जा सकती है । 

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