सरकार की बैशाखी में हलचल, सहयोगी विधायकों ने खोला मोर्चा
देहरादून 6 सितम्बर प्रदेश की कांग्रेस सरकार की बैशाखी का काम कर रहे बसपा यूकेडी समेत तीन अन्य निर्दलीय विधायकों ने प्रोटोकाॅल को मुद्दा बनाकर मोर्चा खोल दिया है। इनमें शामिल 3 बसपा एक यूकेडी और दो निर्दलीय विधायकों ने यहां एक बैठक कर अपनी रणनीति बनाई जिसकी खबरें बाहर आने के बाद राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार उपरोक्त सात विधायकों ने राजधानी के विधानसभा भवन पर गोपनीय बैठक की जिसमें नौकरशाही द्वारा सहयोगी विधायकों के साथ अच्छा रवैया न अपनाने की बात पर चर्चा हुई और यह तय हुआ कि यदि सरकार इस पर कोई कठोर कदम नहीं उठाती तो उक्त सभी लोग सरकार को समर्थन आगे बढाने के मुद्दे पर पुनर्विचार कर सकते है। बताते चले कि गत् मंगलवार को कैबिनेट बैठक में कैबिनेट मंत्री और बसपा विधायक सुरेन्द्र राकेश ने मुख्यमंत्री से नौकरशाहों के रवैये को लेकर गहरी आपत्ति जताई गई थी। नाराज मंत्री का कहना है कि यदि सरकार उनके सम्मान से संबंधित विषय को गंभीरता से नहीं लिया तो वे कांग्रेस के पिछलग्गू नहीं है और समर्थन वापसी पर भी विचार किया जा सकता है। कैबिनेट बैठक में फूटा मंत्रियों का वो गुस्सा शांत पड़ता नहीं दिख रहा है। सरकार को समर्थन दे रहे सभी गैरकांग्रेसी विधायक अब इस मुद्दे पर गोलबंद होते दिख रहे है। विधानसभा हुई बैठक में सरकार को समर्थन दे रहे सात में से छह विधायक शामिल हुए और कहा कि किसी भी कीमत पर नौकरशाहों द्वारा जनप्रतिनिधियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नहीं किया जा सकता। बैठक में मौजूद रहे बसपा विधायक दल के नेता हरिदास ने बताया बैठक में यह तय किया गया कि नौकरशाहों की मनमानी की बात मुख्यमंत्री को बताई जाएगी और यदि इस पर वे कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाते तो हम सरकार के पिछलग्गू नहीं है और कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि मुख्यमंत्री इस मामले में अफसरों को पहले ही लिखित आदेश जारी कर दिया है। अफसरों को लिखित निर्देश में सीएम ने उन्हें बैठकों से संबंधित सूचनाएं मंत्रीगणों को समय से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इस बैठक में शामिल कई विधायकों का कहना था कि बैठक में विकास के मुद्दे पर एकजुटता के साथ काम करने पर चर्चा हुई। बहरहाल कैबिनेट में हंगामे कुछ ही अन्तराल पर सहयोगी विधायकों की इस तरह की रणनीतिक बैठक ने प्रदेश के सियासी गलियारें में हलचल मचा दी है। बैठक में शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी,परिहवन मंत्री सुरेन्द्र राकेश,शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार,श्रम सेवा योजन मंत्री हरीश दुर्गापाल,जीएमवीएन के अध्यक्ष दिनेश धनै,बसपा विधायक दल के नेता हरीदास प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
सुषमा स्वराज के उत्तराखंड आपदा के बयान पर मुख्यमंत्री ने जताई आपत्ति
देहरादून 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने उत्तराखंड आपदा में राज्य सरकार पर लापरवाही बरतने का संकेत किया था। सीएम ने सुषमा पर राज्य से कोई हमदर्दी न रखने का आरोप लगाते हुए उन्हें घडि़याली आसंू बहाने वाली नेता बताया है। मुख्यमंत्री ने आज यहां कहा कि भाजपा नेता ने लोकसभा में जिस तरह से उत्तराखंड सरकार पर आपदा में लापरवाही बरतने का संकेत किया वह बेबुनियाद है और राज्य सरकार आपदा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने कहा कि श्रीमती स्वराज को यदि उत्तराखंड से कोई लगाव होता तो आपदा के बाद वह कम से कम एक बार तो राज्य के लोगों के आंसू पोछने आती लेकिन वह पूरी आपदा के दौरान राज्य में नही आई तो फिर अब उनको घडि़याली आंसू बहाने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को लेकर गंभीर है और उन्हें पूरी राहत देने का प्रयास निरंतर चल रहा है। उन्होंने भाजपा नेताओं को आपदा पर राजनीति करने से बाज आने को कहा। बताते चले कि भाजपा नेता ने गत् दिनों लोकसभा में उत्तराखंड आपदा पर चर्चा के दौरान राज्य सरकार पर आपदा को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था और कहा था मुख्यमंत्री की नासमझी के चलते उत्तराखंड जाने वाले पर्यटकों का मोहभंग हुआ है और उनमें राज्य में आपदा को लेकर भ्रम फैला है जिसके चलते पर्यटकों ने वहां जाने से मुंह मोड़ लिया है और राज्य लोगों की आर्थिक रीढ़ टूट गई है। भाजपा नेता का कहना था कि मुख्यमंत्री के बयान से पूरे राज्य के आपदा ग्रस्त होने का भ्रम फैला है जबकि आपदा सिर्फ केदारनाथ,बदरीनाथ और उत्तरकाशी क्षेत्र में ही प्रभावी है। नैनीताल,मसूरी,धनोल्टी,रामनगर,हल्द्वानी,अल्मोड़ा आदि कई पर्यटन स्थल इससे अछूते है लेकिन पर्यटक वहां जाने से भी कतरा रहे हैं।
उत्तराखंड में भूकंप की दस्तक,उत्तरकाशी रहा केन्द्र
उत्तरकाशी/देहरादून 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के कहर बरपाने के बाद सूबा अभी ठीक से संभल भी नहीं पाया है कि आपदाओं की दस्तक दोबारा होने लगी है। इसी क्रम में आपदा से बुरी तरह से प्रभावित उत्तरकाशी जिले में भूकंप की दस्तक से लोगों में दहशत फैल गई है। हालांकि इस भूकंप में किसी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जिले में देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टल स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 आंकी गई है। इसका केन्द्र जिले का शहरी क्षेत्र रहा। इस भूकंप के दौरान किसी नुकसान की कोई सूचना नहीं है। लेकिन आपदा का दंश झेल रहे लोगों के बीच भूकंप के झटके ने दहशत फैला दी है। दूसरी तरफ उत्तरकाशी में धरासू और नालूपानी में आज भी मलबा आने से जिला मुख्यालय जाने वाले रास्तें बंद हो गए है जिससे लोग जगह-जगह फंसे हुए हैं।
राज्यपाल से मिली पर्वतारोही जुड़वा बहनें ताशी और नुंगशी मलिक
देहरादून 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ0 अजीज कुरैशी से शुक्रवार को राजभवन में पर्वतारोही जुड़वा बहनों ताशी मलिक और नुंगशी मलिक ने शिष्टाचार भंेट की। राज्यपाल डाॅ0 कुरैशी ने कहा कि इन जुड़वा बहनों ने एशिया की सबसे ऊंची चोटी माउण्ट एवरेस्ट के साथ ही अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो एवं यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रूस पर आरोहण कर उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है। हमें उन पर गर्व है। उन्होंने दोनों बहनों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि विश्व के अन्य पर्वत शिखरों पर भी वे अपने कदम रखने में सफल होंगी। राज्यपाल ने दोनों बहनों के अदम्य साहस की सराहना करते हुए उन्हें यथासंभव सहयोग का भी आश्वासन दिया। ताशी और नुंगशी ने बताया कि उनका लक्ष्य विश्व के सात महाद्वीपों के सात शिखरों पर आरोहण करने का है। इस दिशा में अब तक तीन चोटियों का आरोहण वे कर चुकी हैं और आगामी 22 अक्टूबर को पापुआ न्यू गिनी की चोटी कारस्टैंज पिरामिड़ पर चढ़ाई करेंगी। इस अवसर पर दोनों जुड़वा बहनों के पिता कर्नल वीरेन्द्र सिंह मलिक भी उपस्थित थे।
शिक्षकों के वर्तमान स्थानान्तरण नीति से होगी फजीहत
देहरादून 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखण्ड सरकार विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के किये गये स्थानान्तरण को लेकर विभाग व सरकार के बीच खींची तलवारों के चलते उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद विभाग के गले में तलवार पुनः लटक गई है । प्राप्त समाचार के अनुसार पिछले दिनों विभाग द्वारा शिक्षकों के आनन फानन मे स्थानान्तरण को लेकर की गई अध्यापकों की सूची पर शिक्षक संघ ने हंगामा खडा कर दिया था जिन्होेने सुगम व दुर्गम के कोटिकरण कोे लेकर अपना विरोध जताया था । विरोध के चलते उत्तराखण्ड सरकार ने स्थानान्तरण सूची जारी किये जाने के बाद आई गढ़वाल में प्राकृतिक आपदा के चलते स्थानान्तरण को जहां फिलहाल स्थगित किये जाने के आदेश जारी किये थे वहीं इसी मामले को लेकर कुछ अध्यापकों ने हाई कोर्ट की ओर रूख किया था । जिसपर हाईकोर्ट ने स्थानान्तरण नीति को सही मानते हुए उस पर अमल किये जाने की मांग की । वहीं शिक्षक संगठन उक्त स्थानान्तरण को लेकर मुखर हो गया जिसे लेकर संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि स्थानान्तरण नीति मे सुगम व दुर्गम विद्यालयों के कोटिकरण में तो भारी खामियां है ही साथ ही विभाग द्वारा जारी रिक्त पदों की सूचि भी आधी अधुरी है। साथ ही स्थानान्तरण के समय में मिलने वाले टी.ए. डीए का कोई जिक्र नहीं है । यहां यह भी बताते चले कि वर्तमान समय में टी.ए. डी. ए. का औसत खर्चा प्रति शिक्षक लगभग 10 हजार रू. है जो कि आपदा पीडि़त राज्य की सरकार के लिए वर्तमान मंे वहन करना आसान नहीं होगा । उनका कहना है कि आपदा के चलते राज्य में आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ी हुई है लेकिन विभाग व सरकार अपनी बात पर अड़ा है। यहंा तक की पदोन्नति की सूची भी अभी तक जारी नहीं हुई । जबकि इस समय स्थानान्तरण की जद में आए कई शिक्षकों के पदोन्नति मंे होने की सम्भावना है । ऐसी स्थिति में सरकार को दो बार टी.ए. डी.ए. देना पड़ेगा जो कि राजस्व की हानि होगी। उधर, शिक्षा विभाग ने 15 सितम्बर तक तबादलों को किए जाने के निर्देश जारी कर दिये है यह निर्देश आपदा प्रभावित पांचों जिलों में भी प्रभावी रहेंगे। विभाग को उक्त आदेशों के पालन करने के लिए हाईकेार्ट ने सख्त आदेश दिये हैं । जिसे 10 सितम्बर तक स्थानान्तरण को लेकर आई आपत्तियों का निस्तारण भी किया जाना है जबकि विद्यालय खुलने के बाद स्कूलों में सत्र का मध्याहन चल रहा है जिसके चलते शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री को शिक्षक संगठनो के साथ बच्चों के भविष्य को लेकर दबाव भी झेलना पड़ रहा है। जिनका कहना है कि उक्त स्थानान्तरण नीति लागू होने से बच्चों का भविष्य अधर मे लटक जायेगा क्योंकि आपदा के चलते पिछले काफी समय से पढ़ाई में काफी व्यवधान उत्पन्न हो चुका है। उन्होंने कहा कि विभाग व सरकार के मंत्री पहुंच वालों के दबाव में आकर अपने हिसाब से स्थानान्तरण करते रहे हैं जिसके चलते जिनकी पहुंच होती है वह तो अपने हिसाब से स्थानान्तरण करा लेते है और जिनकी पहुंच नहीं होती उन्हें उक्त स्थानान्तरण का उत्पीड़न झेलना पड़ता है। कुल मिलाकर शिक्षा विभाग द्वारा 15 सितम्बर तक किए गए स्थानान्तरण नीती को हरहाल मंे लागू कराने के लिए विवश होना पड़ रहा है। पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि बिना सोचे समझे यदि वर्तमान नीति के तहत स्थानान्तरण किये जाते है तो शिक्षकों को तो उत्पीड़न झेलना ही पड़ेगा साथ ही सरकार व विभाग की फजीहत भी निश्चित है।
आपस मे भिड़ी बाइकें एक की मोैत एक घायल
ऋषिकेश/देहरादून 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। ऋषिकेश दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर काले की ढाल पुलिया के समीप बाइकांे मंे हुई आमने सामने की भीड़ंत मंे सिर पर गंभीर चोट लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए । पेशे से ठेकेदार मोतीलाल 48 वर्ष पुत्र गण्ेाश सिंह निवासी न्यू चंद्रेश्वनगर बाइक से श्यामपुर में निर्माणाधीन भवन की साइट देखने के लिए घर से निकले थे। इसी बीच हरिद्वार ऋषिकेश हाईवे पर काले की ढ़ाल की पुलिया के समीप विपरीत दिशा से आ रही एक अन्य बाइक पर आ रहे शुभंाग शर्मा 18 वर्ष पुत्र एसपी शर्मा निवासी गढ़ी श्यामपुर रूहीश 18 वर्ष पुत्र प्रेमलाल निवासी नंदूफार्म से भिडंत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक पर सवार लोग छिटककर सड़क पर जा गिरे जिससे गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरांे ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सको ने मोतीलाल को मृत घोषित कर दियां जबकि ंगंभीर घायल युवको को हायर सेंटर रेफर कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मोतीलाल ने यदि हेलमेट पहना होता तो जान बच जाती । उसके सिर पर गंभीर चोट आई है।
महिला से नोट छीनकर दो युवक फरार
देहरादून 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। कुछ समय की शांति के बाद टप्पेबाजों ने एक बार फिर पुलिस की चाक चैबंद व्यवस्था के दावों की धज्जियां उडाते हुए आईडीपीएल पुलिस चैकी अन्तर्गत नंदूफार्म में एक हजार रूपये का नोट खुलवाने का झांसा देकर दो युवक महिला के हाथ से रूपये छीनकर फरार हो गए। आस पड़ोस के लोग उन्हें पकड़ने के लिए दौडे लेकिन आरेापी हत्थे नहीं चढे।पीडि़ता ने घटना की सूचना पुलिस को दे दी है। नंदूफार्म में संजय की इलेक्ट्रिक की दुकान और आवास है। बताया जा रहा है कि पूर्वाहन वह दुकान पर पत्नी आरती को बैठाकर बिजली का सामान लेने बाजार गए थें । इसी बीच दो युवक दुकान पर पहुंचे और महिला को एक हजार रूपये का नोट दिखाकर उसके खुले देने को कहा। महिला ने गल्ले से सौ सौ रूपये निकाले और खुले करने के लिए उन्हंे गिनने लगी तभी एक युवक ने उसके हाथ से रूपये छिनकर साथी युवक के साथ फरार हो गयां । महिला ने इस बारे में आसपड़ोस के लोगों को बताया जिस पर कुछलोग युवको को पकड़ने दौडे लेकिन उनका कुछ पता नही चला।
नोट की जगह कागज की गड्डी थमाकर ठगा
देहरादून 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। रायवाला बैंक मंे लोन की किस्त जमा कराने गया युवक ठगी का शिकार हो बन गया । शातिर झांसा देकर 20 हजार असली नोट के बदले रूमाल मंे बंधी कागज की गडडी थमाकर चलते बने। जिसे उन्हांेने डेढ़ लाख रूपये बताए थे । श्यामपुर निवासी युवक लोन की किस्त जमा करने रायवाला स्थित एक बैंक गया था वह रूपये जमा करने का फार्म भर रहा था इसी बीच दो युवक उसके पास आए और रूपये जमा करने के फार्म भरने का आग्रह कियां । बताया जा रहा है युवक ने उन्हें फार्म भरकर दिया तो वह बोले गलती हो गई उनका खाता समीप दूसरे बैंक में है । वहां चलकर फार्म भरने में मदद कर दो ।युवक उनके साथ बैंक से बाहर आ गया। बताया कि बैंक से कुछ कदम आगे ही चले थे कि उन युवको ने बताया जहां वे नौकरी करते है उनके मालिक ने काफी समय से वेतन नहीं दिया है जिस पर मौके लगते ही मालिक की आलमारी से डेढ़ लाख रूपये चुरा लिए । मालिक उनकी तलाश कर रहा है। यदि वह 20 हजार रूपये उपलब्ध करा दे तो बदले मे डेढ़ लाख की गडडी दे देंगे। युवक उनके झांसे में आ गया लोन की किस्त के 20 हजार रूपये उन्हें दे दिए जिस पर उन्होंने रूमाल में बंधी डेढ़ लाख की गड्डी युवक को थमा दी औेर चलते बने । जैसे युवक ने रूमाल खोला होश उड़ गए। रूपये की जगह कागज निकले। बदहवास युवक रायवाला थाने मंे शिकायत लेकर गया। पुलिस ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
शराब गिरा रही हैं तीर्थनगरी की गरीमा - बसपा
ऋषिकेश/देहरादून 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। बहुजन समाज पार्टी ने तीर्थनगरी ऋ़षिकेश में हरियाणा पंजाब हिमाचल राज्यों से अवैधनिक रूप से लाकर की जा रही अवैध शराब की तस्करी में शामिल नौनिहालों व चैका चूल्हा सम्भालने वाली महिलाओं के होने के कारण बिगड़ रही गरीमा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। बसपा के ऋषिकेश विधानसभा कोर्डिनेटर लल्लन राजभर द्वारा ऋषिकेश की गिर रही आए दिन गरीमा को देखते हुए मुख्यमंत्री सहित जिले के तमाम आला अधिकारियों को प्रदर्शनों व ज्ञापनो के माध्यम से अवगत भी कराया गया । उसके बावजूद भी ऋषिकेश शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रांे में अवैध शराब की बिक्री खुब धड़ले से की जा रही है। जिसकी शिकायत बसपा के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ता समय - समय पर प्रशासन को शिकायत करते रहते हैें । मगर बसपा की शिकायत को नजर अंदाज कर दिया जाता है । उनका कहना है कि हमें दुख इस बात का है कि हमारी सरकार में भागीदारी रहते हुए भी प्रशासन हमारी बातो को तरजीह नहीं देता है जिससे सभी बसपा कार्यकर्ताओ के मनोबल पर बुरा असर पड़ रहा है । ऋषिकेश के हर गली मौहल्ले में अवैध शराब आसानी से उपलब्ध होने के कारण सबसे ज्यादा दलित पिछडे एंव गरीब समाज के परिवार प्रभावित हो रहे है वहीं संभ्रांत महिलाओं का शाम निकलते ही घरों से बाहर निकलना दुभर हो गया है। यहां तक की गली मौहल्लों में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है । लल्लन राजभर ने अधिकारियों को यह भी अवगत कराया कि जिन नौनिहालों के हाथों मे स्कूली किताब व पैन पेन्सिल होनी चाहिए उनके हाथों मे दिन ढ़लते ही शराब माफियाओं द्वारा शराब के पव्वे थमाकर उनकी बिक्री करवाई जा रही है जिससे उनका जीवन बर्बाद हो रहा है इतना ही नहीं घरों मे चूल्हा संभालने वाली महिलाएं भी दिनभर जहां रायवाला, रानीपोखरी, लालतप्पड़, नरेन्द्रनगर से अवैध शराब का ढूलान कर शाम को घर - घर मंे सप्लाई कर रही है । यहां यह भीबताते चलें की ऋषिकेश तीर्थनगरी होने के कारण यहां शराब की बिक्री को अवैध घोषित किया गया है उसके बावजूद भी लाखों रूपये की अवैध शराब की बिक्री की जा रही है।उक्त शराब की बिक्री के खेल में आबकारी विभाग के अधिकारियों से लेकर सफेदपोश नेता व मंत्री भी शामिल हेैं ।
नेत्रदान को लेकर निकाली जनजागरण रैली
ऋषिकेश्/देहरादून 6 सितम्बर (राजेन्द्र जोशी)। निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान ऋषिकेश द्वारा नेत्रदान किये जाने को लेकर नगर में विशाल जनजागरण रैली निकाली गई। उक्त रैली का शुभारम्भ मायाकुण्ड स्थित निर्मल हास्पिटल से हुआ जो कि नगर के मुख्य मुख्य मार्गों से होकर निर्मल आश्रम पहंुचकर समाप्त हुआ । रैली निर्मल आश्रम के महंत रामसिंह के नेतृत्व में निकाली गई जो कि हरिद्वार रोड, लक्ष्मणझूला, रोड, त्रिवेणीघाट, तिलक मार्ग से होती हुई गई । रैली में जहां बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने भाग लिया वहीं स्कूली छात्र छात्राएं भी शामिल थे जिनके हाथों में नेत्रदान महादान की तख्तियां थी जो कि लोगों को नेत्रदान के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे। निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान के आत्मप्रकाश ने बताया कि श्यामपुर स्थित नेत्र संस्थान मंे अभी तक 40 लोगों द्वारा अपनी आंखो को दान दिया गया है। आखें दान देने के लिए उनकी संस्थान की ओर से 24 घंटे सुविधा उपलब्ध की गई है। यह आंखे मृत्यु के 6 घंटे बाद तक निकालकर दूसरे व्यक्ति को लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि मरने के उपरान्त उस व्यक्ति को आंखे यदि मिल जाए जो कि दुनिया में आने के बाद देख नहीं सकता और वह उन आंखो से देख ले तो इससे बड़ा दान कोई और हो नहीं सकता । इस रैली को निकाले जाने के पीछे भी लोगों को अपनी आंखो को दान दिये जाने का मकसद है। रैली मंे बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें