जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में लगातार 15वें दिन मुठभेड़ जारी है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केरन सेक्टर में घुसपैठ से पैदा हुए हालात के बीच सोमवार को तीनों सेनाओं के प्रमुख की बैठक बुलाई। इसमें जनरल बिक्रम सिंह ने घुसपैठ और सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी। बैठक में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन भी मौजूद थे। इस दौरान थलसेना ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का अधिकार फिर मांगा। अभी इन हथियारों के इस्तेमाल का अधिकार न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी यानी (एनसीए) के पास है।
प्रधानमंत्री ने सेना के तीनों अंगों को जानकारी साझा करने और चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक बैठक में चीन की तरफ से 'बॉर्डर डिफेंस अरेंजमेंट' के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। चीन ने कुछ दिन पहले भारत सरकार को बॉर्डर डिफेंस अरेंजमेंट बनाने का प्रस्ताव दिया था। इस पर प्रधानमंत्री ने तीनों सेना प्रमुखों की राय मांगी थी। सेना ने मुठभेड़ के इलाके से भारी मात्रा में हथियार और साजो-सामान जब्त किया है। ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ कर्नल संजय मित्रा ने बताया कि पूरे सेक्टर में सर्च ऑपरेशन जारी है। जिस तरह से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं उससे लगता है आतंकी युद्ध की तैयारी के साथ आए थे। उनके पास से 7 एके-47, 4 पिस्टल, 1 स्नाइपर राइफल, 20 यूबीजीएल ग्रेनेड, 2 रेडियो सेट बरामद किए गए हैं। इसके अलावा खाने-पीने की चीजें और दवाइयां भी जब्त की गई हैं।
यह हथियार वे हैं जो मारे गए सात घुसपैठियों के कब्जे से बरामद हुए हैं। इन आतंकियों की मदद के लिए केरन सेक्टर में ही गुज्जर तूर इलाके में तीन आतंकियों ने चार अक्टूबर को घुसपैठ की थी। अगले दिन चार आतंकियों ने फतेहगली में घुसपैठ की। सेना ने सातों को मार गिराया था।
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