अरुंधती भट्टाचार्य एसबीआई की प्रथम महिला अध्यक्ष - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 7 अक्टूबर 2013

अरुंधती भट्टाचार्य एसबीआई की प्रथम महिला अध्यक्ष

arundhati bhattacharyaअरुंधती भट्टाचार्य देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला हैं। बैंक के शीर्ष पद पर सोमवार को एक महिला की नियुक्ति को देश के कारोबारी क्षेत्र में शीर्ष पदों पर महिलाओं के बढ़ते कदम के रूप में देखा जा सकता है। कई अन्य बैंकों में भी हालांकि महिलाएं इसके पहले शीर्ष पद पर पहुंच चुकी हैं। भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष पद पर पहली बार एक महिला की नियुक्ति से महिलाओं के हौसले को एक नई बुलंदी मिलेगी। भट्टाचार्य ने 30 सितंबर को बैंक के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए प्रतीप चौधरी की जगह ली है।

57 वर्षीय भट्टाचार्य अगस्त 2013 से बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी थीं। वह तीन साल तक अध्यक्ष रहेंगी। बैंकिंग क्षेत्र में निचले पायदान पर जहां बड़ी संख्या में महिलाएं काम कर रही हैं, वहीं शीर्ष पदों पर महिलाओं की भागीदारी को उंगलियों पर गिना जा सकता है। 1996 में तरजनी वकील को एक्सिम बैंक का प्रमुख बनाया गया था। उसके बाद करीब एक दशक पहले इंडियन बैंक की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में एक महिला प्रबंधक रंजना कुमार को नियुक्त किया गया था।

इस वक्त तीन राष्ट्रीयकृत बैंकों में प्रमुख पद महिला प्रबंधकों के हाथों में है। ये हैं बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजयालक्ष्मी आर. अय्यर, युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की प्रमुख अर्चना भार्गव और इलाहाबाद बैंक की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शुभलक्ष्मी पानसे। निजी क्षेत्र में अभी चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जबकि शिखा शर्मा एक्सिस बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

इसी तरह भारत में काम करने वाले विदेशी बैंकों में कल्पना मोरपारिया, जेपी मोर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं और नैना लाल किदवई एचएसबीसी इंडिया की कंट्री हेड हैं। महिलाएं भारतीय रिजर्व बैंक में भी कई प्रमुख पदों पर काबिज रही हैं। इनमें हाल के वर्षों में प्रमुख हैं- केजे उदेशी, श्यामला गोपीनाथ और उषा थोरात। ये सभी भारतीय रिजर्व बैंक की डिप्टी गवर्नर रह चुकी हैं। भट्टाचार्य तीन दशकों से अधिक समय से एसबीआई से जुड़ी रही हैं और बैंक के विभिन्न प्रमुख पद संभाल चुकी हैं। वह कॉरपोरेट विकास अधिकारी, उप प्रबंध निदेशक, मुख्य महाप्रबंधक (बेंगलुरू सर्किल) और मुख्य महाप्रबंधक (नया व्यवसाय) रह चुकी हैं।

यूं तो महिला सशक्तीकरण और समावेशीकरण की दिशा में काफी कुछ किए जाने की जरूरत है, लेकिन भारतीय स्टेट बैंक के शीर्ष पद पर एक महिला की नियुक्ति को इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए।

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