विधानसभा चुनाव-2013 : आदर्श आचरण संहिता का सख्ती से होगा पालन
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद गत दिवस कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री बी. चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दिलीप कापसे भी मौजूद थे। बैठक में विधानसभा चुनाव 2013 की तैयारियों की जानकारी देते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री बी. चन्द्रशेखर ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि आदर्श आचरण संहिता का जिले में सख्ती से पालन करवाया जायेगा। आचरण संहिता के उल्लंघन के मामलों को गंभीरता से लिया जायेगा। सभी एस.डी.एम. एवं तहसीलदारों को आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये जा चुके है। मध्यप्रदेश में आचरण संहिता को पालन कराने के लिये राज्य सरकार को निर्देश जारी किये गये हैं। बैठक में बताया गया कि पेड-न्यूज की मॉनीटरिंग के लिये जिले में एमसीएमसी गठित की गई है। राजनैतिक दलों को भी पेड-न्यूज के मामले में स्व-नियंत्रण करने की सलाह दी गई । उन्होंने राजनैतिक दलों से इस बार मतदान का अधिकाधिक प्रतिशत बढ़ाने के लिये सहयोग का आव्हान किया। शासन के अधिकारी-कर्मचारियों से भी अपेक्षा की गई है कि वे निष्पक्ष होकर कार्य करें। विधानसभा चुनाव में पहली बार शासकीय कर्मचारियों द्वारा मतदाताओं को वोटर स्लिप मतदान के एक हफ्ते पूर्व घर-घर पहुँचाई जायेगी। बैठक में बताया गया कि जिले में सम्पत्ति निरूपण अधिनियम का पालन सख्ती से किया जायेगा। आचरण संहिता लागू होने के बाद कोई भी दल, व्यक्ति बिना अनुमति के रैली, सभाएँ, जुलूस इत्यादि आयोजित नहीं कर सकेंगे। उन्हें कलेक्टर/रिटर्निंग ऑफीसर से अनुमति लेकर ही आयोजन करने होंगे। दीवारों, चौराहों पर जो पोस्टर, बैनर, झण्डे इत्यादि लगे हैं वे आचरण संहिता के उल्लंघन की सीमा में आते हैं, उन्हें तत्काल हटाया जायेगा। बैठक में बताया गया आदर्श आचरण संहिता लागू होने के बाद सरकारी विमान, वाहन, मशीन, कर्मचारियों आदि का किसी राजनैतिक दलों के लिये उपयोग नहीं किया जा सकेगा। डाक बंगला, विश्राम गृह एवं सरकारी आवासों का उपयोग एकाधिकार के रूप में नहीं होगा। राजनीतिक उपयोग में डाक बंगले, विश्राम गृह इत्यादि का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। स्वैच्छानुदान विवेकाधीन कोटे आदि से भुगतान/स्वीकृत नहीं किये जायेंगे। नियुक्ति/पदोन्नति का कार्य आदर्श आचरण संहिता के समय नहीं होगा। मतदाताओं को प्रभावित करने वाली कोई भी योजनाएँ न तो प्रारंभ की जायेंगी न ही घोषित की जायेंगी।
पेड न्यूज पर एम.सी.एम.सी. कमेटी की रहेगी सख्त निगरानी
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव 2013 में पेड न्यूज के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए कड़े उपाय किये गये है। इसके लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मानीटरिंग कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रकाशित एवं प्रसारित पेड न्यूज के खर्च को संबंधित प्रत्याशी के चुनाव व्यय में शामिल करेगी।
क्या है पैड न्यूज
मतदाता पर गैर जरूरी प्रभाव रोकने के लिए पेड न्यूज बनाई गई है। पेड न्यूज से व्यक्ति के सूचना के अधिकार का हनन होता है। पक्षपात पूर्ण किया गया कवरेज भी पेड न्यूज की श्रेणी में आएगा। राजनैतिक दृष्टि से एकाधिकार एवं या एक ही प्रत्याशी के प्रचार पर जोर दिया जाना भी पेड न्यूज कहलाएगा। आर्टिकल के साथ फोटो, हैंडिंग लगाना भी पेड न्यूज की श्रेणी में आएगा। समाचार पत्रों में आर्टिकल के माध्यम से प्रत्याशियों की तुलना करना। प्रत्याशियों के संबंध में किसी भी तरह का विश्लेषण करना । समाचार में लिखना कि अमुक प्रत्याशी विशेष को समाज, वर्ग का सहयोग मिल रहा है भी पेड न्यूज है। किसी एक प्रत्याशी एवं उसके अच्छे कार्यों का उल्लेख एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बार-बार हाईलाईट करना भी पेड न्सूज कहलायेगा।
कौन से मामले पैड न्यूज के तौर पर परिभाषित किये जा सकते है
पक्षपात पूर्ण किया गया कवरेज भी पेड न्यूज की श्रेणी में आएगा। राजनैतिक दृष्टि से एकाधिकार एवं या एक ही प्रत्याशी के प्रचार पर जोर दिया जाना, आर्टिकल के साथ फोटो तथा हैडलाइन लगाना, समाचार पत्रों में आर्टिकल के माध्यम से प्रत्याशियों की तुलना करना। समाचार पत्र के उसी पेज पर प्रशंसात्मक लेख लिखना तथा दोनों प्रत्याशियों की जीतने का दावा करना, प्रत्याशियों के संबंध में किसी भी तरह का विश्लेषण करना । समाचार में यह लिखना कि प्रत्याशी विशेष को समाज के प्रत्येक वर्ग का सहयोग मिल रहा है और वह चुनाव जीत जाएगा। समाचार पत्र द्वारा बैनर हैडलाइन प्रकाशित करते हुए यह लिखना कि पार्टी/उम्मीदवार इस राज्य/निर्वाचन क्षेत्र से इतिहास रचने जा रहा है, लेकिन हैडलाइन से कोई संबंधित समाचार न देना। किसी एक प्रत्याशी एवं उसके अच्छे कार्यों का उल्लेख एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बार-बार हाईलाईट करना। इस तरह की न्यूज प्रकाशित करते हुए कहना कि वह पार्टी द्वारा ऐसे कार्य किये गये है कि अब दूसरे उम्मीदवार के जीतने की संभावना नहीं है तथा वह हाशिये पर डाल दिया गया है।
समाचार और विज्ञापन में अंतर
विज्ञापन- मुद्रक/प्रसारक द्वारा स्पष्ट रूप से परिभाषित होता है। प्रकाशक द्वारा अनिवार्य रूप से विज्ञापन परिशिष्ट लिखा जाना चाहिए। जबकि हर समाचार नियमित डिजाईन और आकार में मुद्रित होता है। समाचार में ऐसी शब्दावली का उपयोग नहीं किया जाता है जिससे किसी प्रत्याशी विशेष को लाभ/हानि न हो।
अपीलीय अधिकार एवं निराकरण
जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मानीटरिंग कमेटी(एम.सी.एम.सी.) समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रकाशित या प्रसारित पेड न्यूज पर स्वयं संज्ञान लेगी और रिटर्निंग आफिसर द्वारा संबंधित प्रत्याशी को पेड न्यूज के प्रकाशन/प्रसारण के 96 घंटे के भीतर नोटिस जारी किया जायेगा कि क्यों न पेड न्यूज का व्यय उसके चुनाव व्यय में शामिल किया जाये। प्रत्याशी को 48 घंटे के भीतर अपना जवाब देना होगा। यदि प्रत्याशी 48 घंटे के भीतर इस संबंध में कोई जवाब नहीं देता है तो पेड न्यूज का व्यय आकलन कर उसके चुनाव व्यय में शामिल कर दिया जायेगा। यदि किसी प्रत्याशी या राजनैतिक दल को पेड न्यूज के संबंध में यदि एम.सी.एम.सी. के निर्णय पर आपत्ति है तो वह 48 घंटे के भीतर जिला स्तरीय कमेटी को सूचना देते हुए राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी में अपील कर सकता है। यदि राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी. के निर्णय से भी प्रत्याशी या राजनैतिक दल संतुष्ट नहीं है तो निर्वाचन आयोग में अपील की जा सकेगी। राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी. द्वारा अपील प्राप्ति के 96 घण्टे के अंदर निर्णय लिया जाएगा। जिसकी एक प्रति जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. को भी प्रेषित की जाएगी। यदि राज्य स्तरीय एम.सी.एम.सी. निर्णय से प्रत्याशी संतुष्ट नहीं है तो 48 घण्टे के भीतर निर्वाचन आयोग को अपील कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
बिना अनुमति के प्रकाशन/प्रसारण पर होगी कार्यवाही
पेड न्यूज या विज्ञापन प्रत्याशी या राजनीतिक दल की अनुमति के बगैर प्रकाशित / प्रसारित करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 एच के तहत प्रकाशक/प्रसारक पर कार्यवाही की जाएगी।
प्रिंट/इलेक्ट्रानिक मीडिया की स्वीकृति प्रक्रिया
आदर्श आचार संहिता लागू होने की अवधि के दौरान यदि निजी एफएम चैनल, सभी टीवी चैनल, केबल नेटवर्क, रेडियो द्वारा राजनैतिक प्रक्रिया के सभी विज्ञापन सीईओ/डीईओ द्वारा गठित एमसीएमसी की अनुमति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगा और अनुमति मिलने उपरांत ही विज्ञापन प्रसारित किया जा सकेगा।
टीवी चैनल, केबल नेटवर्क, सिनेमा के माध्यम से प्रचार-प्रसार का प्रमाणीकरण
टीवी चैनल एवं केबल नेटवर्क में प्रसारण के पूर्व एमसीएमसी से प्रमाणिकरण कराना होगा। राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय दल के संबंध में प्रसारण के लिए तीन दिन पहले एवं क्षेत्रीय दल के प्रत्याशी के प्रसारण के संबंध में 07 दिन पहले एमसीएमसी से प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य होगा। प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज में प्रस्तावित विज्ञापन की 02 प्रति साफ्टकापी एवं हार्डकापी में। विज्ञापन प्रसारण का विवरण एवं स्टेटमेन। विज्ञापन की लागत पार्टी या अभ्यर्थी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति या कार्यकर्ता द्वारा विज्ञापन देने पर उसे शपथ पत्र देना होगा। विज्ञापन का भुगतान चेक या डिमाण्ड ड्राफ्ट के माध्यम से ही किया जाएगा। मध्यप्रदेश सिनेमा विनियमन नियम 1960 के अंतर्गत प्रदर्शन के पूर्व समय, स्थान के बारे में 48 घंटे पूर्व जिला दण्डाधिकारी को सूचना देना होगा। अनुमति मिलने के पश्चात ही प्रदर्शन किया जा सकेगा।
निर्वाचन कार्यों की मानीटरिंग के लिए बनाया गया स्थैतिक दल
- शराब, हथियार, नगदी एवं उपहार सामग्री के परिवहन पर रहेगी निगरानी
आगामी 25 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक ढंग से सम्पन्न कराने के लिए आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी कड़ी में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री बी. चन्द्रशेखर ने वाहनों की जांच, असामाजिक तत्वों, रैलियों एवं नगदी व शराब के परिवहन पर निगरानी रखने के लिए स्थैतिक दल गठित कर दिया है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-108 बैहर के लिए नायब तहसीलदार श्री मनीष शुक्ला के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री सुरेश नागेश्वर, आरक्षक तेजराम उईके, भूपेन्द्र नागवंशी व मुकेश डोंगरे को शामिल किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-109 लांजी के लिए नायब तहसीलदार श्री राजेन्द्रसिंह टेकाम के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री महेश वर्मा, आरक्षक श्याम कुमार, अतुल बोपचे व विजय बिसेन को शामिल किया गया है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-110 परसवाड़ा के लिए नायब तहसीलदार श्री राजकुमार अवस्थी के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री बलीराम डोंगरे, आरक्षक चन्द्रसेन धाकरे, जीतसिंह ठाकुर व ईश्वरसिंह रघुवंशी को शामिल किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-111 बालाघाट के लिए अतिरिक्त तहसीलदार श्री मुकेश काशिव के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री नेहरू बेहरवंश, आरक्षक कैलाश मेश्राम, अजीत तिवारी व मनीष मिश्रा को शामिल किया गया है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-112 वारासिवनी के लिए नायब तहसीलदार श्री प्रशांत अग्रवाल के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री राजकपूर रंगारे, आरक्षक ब्रम्हदत्त तिवारी, योगेश मिश्र व उमेश हरदे को शामिल किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-113 कटंगी के लिए नायब तहसीलदार श्री रामसिंग कुशराम के नेतृत्व में स्थैतिक दल बनाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक श्री राधेश्याम गायधने, आरक्षक नितेन्द्र भदोरिया, रूपनारायण राजपूत व शरद चौहान को शामिल किया गया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के स्थैतिक दल के साथ एक वीडियोग्राफर भी नियुक्त किया गया है। उड़न दस्ता अपने क्षेत्र की मुख्य सड़कों एवं सीमाओं पर चेक पोस्ट स्थापित करेगा और अवैध शराब, रिश्वत की वस्तुओं, भारी मात्रा में नगदी, हथियार, गोलाबारूद के लाने एवं ले जाने तथा असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर नजर रखेगा। जांच के दौरान दल को 50 हजार रु. से अधिक की नगदी या वाहन में पोस्टर या निर्वाचन सामग्री या कोई ड्रग्स, शराब, हथियार या 10 हजार रु. मूल्य से अधिक की उपहार सामग्री निर्वाचकों को प्रलोभन के लिए ले जाया जाना पाया जायेगा तो उसे जब्त कर लिया जायेगा। यह दल प्रतिदिन निधार्रित प्रारूप में अपने क्षेत्र के रिटर्निंग आफिसर एवं पुलिस अधीक्षक को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा।
शासकीय कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध, बिना अनुमति से मुख्यालय से बाहर कोई नहीं जायेगा
आगामी 25 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री बी. चन्द्रशेखर ने सभी शासकीय विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बिना अनुमति के अवकाश पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोई भी अधिकारी अपने अधिनस्थ कर्मचारी का अवकाश मंजूर नहीं करेगा और बिना अनुमति के कोई भी अधिकारी/कर्मचारी मुख्यालय से बाहर नहीं जायेगा। अत्यावश्यक होने पर कार्यालय प्रमुख के माध्यम से निर्वाचन कार्यालय को आवेदन प्रस्तुत करना होगा। सभी अधिकारियों एवं कर्मवारियों से कहा गया है कि वे अपने नियत मुख्यालय पर रहना सुनिश्चित करें।
शाला से अनुपस्थित दो शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस
जनपद पंचायत कटंगी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री व्ही.एस. ठकराव ने शाला से अनुपस्थित रहने वाले दो शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनकी सेवायें समाप्त कर दी जाये। शासकीय प्राथमिक उर्दू शाला उमरीटोला के संविदा शाला शिक्षक श्री कृष्ण कुमार घरते 16 फरवरी 2012 से 30 अगस्त 2013 तक शाला से अनुपस्थित रहे है। जिसके कारण उन्हें पद से पृथक करने की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार शासकीय कन्या शाला परसवाड़ाघाट की सहायक अध्यापक कुमारी आशा उके को बिना सूचना के शाला से गायब रहने के कारण 27 अप्रैल 2012 को निलंबित कर उसका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कटंगी रखा गया है। लेकिन उनके द्वारा 30 अगस्त 2013 तक कटंगी में अपनी उपस्थिती नहीं दी गई है। जिसके कारण आशा उके की सेवायें समाप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। उक्त दोनों शिक्षकों को सात दिनों के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है। समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन शिक्षकों के विरूध्द एक पक्षीय कार्यवाही कर उनकी सेवायें समाप्त कर दी जायेंगी।
10 पशु मालिकों के विरूध्द होगी धारा 188 के तहत कार्यवाही
कलेक्टर श्री बी. चन्द्रशेखर ने बालाघाट नगर की सड़कों पर आवारा घूमने वाले एवं सड़कों पर बैठ कर यातायात को बाधित करने वाले व राहगीरों की जान जोखिम में डालने वाले पशुओं के मालिकों के विरूध्द कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। इसी कड़ी में बालाघाट के एस.डी.एम. डॉ. आर.सी. रहांगडाले ने बालाघाट नगर के 10 पशु मालिकों के विरूध्द कार्यवाही करने के आदेश दिये है। बालाघाट नगर में घूमने वाले आवारा पशुओं के मालिकों का पता लगाने पर पाया गया है कि गौली मोहल्ला निवासी बबलू गुप्ता पिता देवी प्रसाद, छगन फुलसुंगे पिता सोहन लाल, वार्ड नं.24 झुग्गी-झोपड़ी निवासी विक्की बिसेन पिता एफ.सी. बिसेन, वार्ड नं.12 बुढ़ी निवासी रविशंकर धुवारे पिता भोपत साव, वार्ड नं.11 निवासी कौड़ू पिता मोहनसिंह, वार्ड नं.01 ढीमरटोला निवासी दशरथ सिंह ठाकुर पिता कृपाल सिंह, वार्ड नं.01 बुढ़ी निवासी अमृतलाल यादव पिता मंसूर यादव, वार्ड नं.33 मोतीनगर निवासी संतोष पिता कुंजीलाल बिसेन, वार्ड नं.32 मोतीनगर निवासी एन.के. दहीकर पिता शिवराम साव एवं वार्ड नं.01 ढीमरटोला निवासी अजय यादव पिता हीरालाल के पशु बालाघाट नगर की सड़कों पर आवारा घूमते रहते है और सड़कों पर बैठकर यातायात को बाधित करते है और रास्ते से आने-जाने वाले लोगों की जान के लिए खतरा बने रहते है। इन आवारा पशुओं के कारण सड़कों पर दुर्घटनायें भी होती है। एस.डी.एम. डॉ. रहांगडाले ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को आदेशित किया है कि इन व्यक्तियों के पशु सड़कों पर आवारा घूमते हुए पाये जाने पर उन्हें पकड़ कर गौशाला में भेजा जाये और उनकी नीलामी की जाये। इसके साथ ही पशु मालिक के विरूध्द भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिये गये है।

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