आंध्र प्रदेश के विभाजन का विरोध कर रहे प्रदर्शकारियों द्वारा बड़े स्तर पर हिंसा किए जाने के मददेनज़र विजियानगरम में कर्फ्यू लगा दिया गया है और जिला अधिकारियों ने देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं लेकिन इसके बावजूद आंदोलकारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उनके एवं पुलिस के बीच हिंसा की घटनाएं हुईं।
शहर के बाहरी हिस्से कोठापेटा में पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल किया और पाल्लीवेधी इलाके में भीड़ पर लाठीचार्ज किया। रिपोर्टों के अनुसार हिंसा में अब तक 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और उन्हें स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि आज हिंसात्मक घटनाओं में 30 प्रदर्शनकारी भी घायल हुए।
पुलिस महानिरीक्षक (उत्तरी तटीय क्षेत्र) ने बताया कि कर्फ्यू लगा दिया गया है और जिला प्रशासन ने देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने दावा किया कि सीमांध्र में हालात काफी हद तक काबू में हैं। प्रदर्शनकारियों ने विजियानगरम के बाहरी क्षेत्र गाजुलारेगा स्थित सत्यना इंजीनियरिंग कालेज को भी निशाना बनाया। इस कॉलेज को आंध्र प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बोतसा सत्यनारायणन के परिजन संचालित करते हैं। प्रदर्शनकारी पिछले दो दिनों से सत्यनारायण की संपत्तियों को निशाना बना रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने विजियानगरम और आसपास के इलाकों में कथित रूप से हिंसा में संलिप्त रहने पर एकीकृत आंध्र के 100 से अधिक समर्थकों को हिरासत में ले लिया है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में केंद्रीय अर्धसैन्य बलों और राज्य पुलिस के जवानों को शहर और इसके बाहरी इलाकों में तैनात किया गया है। त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों ने क्लॉक टावर एवं फोर्ट इलाकों के निकट और सत्यनारायण के निवास तक जाने वाली गलियों में मार्च किया।
तटवर्ती आंध्र में स्थित विजियानगरम में तब से विरोध गतिविधियां तेज हो गई हैं जब तीन अक्तूबर को केन्द्रीय कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश को विभाजित करके तेलंगाना राज्य के गठन का निर्णय लिया था। राव ने बताया कि हिंसा की खबरें मिली हैं। प्रदर्शनकारियों ने आगजनी, दुकानों में लूट, एक बैंक में आग लगाने और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को अंजाम दिया। इससे पहले तेलंगाना विरोधी अज्ञात कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव करके कन्यापरमेश्वरी मंदिर में दो लोगों को घायल कर दिया जिसके कारण पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। एकीकृत आंध्र के समर्थकों ने पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जिन लोगों को कर्फ्यू लागू होने और संबंधित हिंसा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, उन्हें कुछ स्थानों पर गलियों में पहले की तरह घूमते देखा गया।
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