रंगीन जर्सी में आखिरी बार मैदान पर उतरे दिग्गज सचिन और द्रविड़ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 7 अक्टूबर 2013

रंगीन जर्सी में आखिरी बार मैदान पर उतरे दिग्गज सचिन और द्रविड़

rahul dravid
चैम्पियंस लीग ट्वेंटी-20 के फाइनल मुकाबले में रविवार को जब दो भारतीय क्रिकेट दिग्गज सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरे तो यह मैच एक और वजह से उनके और उनके प्रशंसकों के लिए खास रहा। राजस्थान रायल्स के कप्तान द्रविड़ के लिए जहां यह आखिरी अंतर्राष्ट्रीय ट्वेंटी-20 मैच रहा, वहीं तेंदुलकर अब सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में ही शिरकत करते नजर आएंगे। मतलब दोनों ही खिलाड़ियों के लिए यह मैच रंगीन जर्सी में खेला गया आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच था।

sachin tendulkarभारतीय क्रिकेट टीम के दोनों पूर्व कप्तानों ने रविवार को मैच के लिए टॉस से पहले कुछ देर बातचीत करते हुए व्यतीत किए। द्रविड़ ने कहा कि अंतिम बार तेंदुलकर के खिलाफ खेलना बहुत मजेदार होगा। द्रविड़ ने कहा, "आखिरी बार के लिए यह अच्छा है। मजेदार बात यह है कि हमने रंगीन जर्सी में एक-दूसरे के खिलाफ काफी खेला है। आपको अवश्य याद रखना चाहिए कि तेंदुलकर क्रिकेट में मुझसे सात वर्ष वरिष्ठ हैं।" तेंदुलकर ने अपने उस टेस्ट मैच का स्मरण किया जब द्रविड़ पहली बार उनकी कप्तानी में खेले थे।

तेंदुलकर ने कहा, "जहां तक मुझे याद है, मैंने 1993 या 94 में विल्स ट्रॉफी के दौरान टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी की थी, और द्रविड़ पहली बार तब मेरी कप्तानी में सफेद जर्सी में उतरे थे। मेरी टीम में द्रविड़ कभी भी तीसरे स्थान बल्लेबाजी करने उतरेंगे।" तेंदुलकर ने द्रविड़ की जमकर सराहना की और कहा, "उसे चुनौतियों से प्यार है, मुझे पता है कि हम राहुल पर भरोसा कर सकते हैं।"

द्रविड़ ने कहा कि चैम्पियंस लीग युवाओं के लिए बेहतरीन अनुभव प्रदान करने वाली प्रतियोगिता है। तेंदुलकर ने भी द्रविड़ की बात पर सहमति व्यक्त की।

1 टिप्पणी:

Jai bhardwaj ने कहा…

दोनों महानतम खिलाड़ियों को खेलते हुए न देख पाना यद्यपि हमारे लिए दुखद है किन्तु सच यह भी है कि परिवर्तन एक सतत प्रक्रिया है. गावस्कर के बाद किसने सोचा था कि उनके रिकार्ड भी कोई कभी भंग करेगा। यही बात इन दोनों खिलाड़ियों के साथ भी है। हमें स्वर्णिम अतीत को स्मृत रखते हुए उज्ज्वल भविष्य की रचना करनी होगी।