हिन्दी सिनेमा में अपने जमाने की मशहूर अदाकारा वहीदा रहमान को शताब्दी फिल्म पुरस्कार से नवाजने के साथ ही 20 नवम्बर को दस दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का शुभारंभ हुआ। अमेरिकी अभिनेत्री सुसन सरन्डॉन की मौजूदगी से महोत्सव में थोड़ा ग्लैमर भी आया। महोत्सव के पहले दिन ऑस्कर पुरस्कार विजेता चेक फिल्म-निर्माता जिरि मेंजेल को प्रतिष्ठित लाइफटाईम एचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें यह पुरस्कार केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने प्रदान किया।
समारोह में मौजूद सभी अतिथियों और अन्य लोगों ने वहीदा रहमान और जिरि मेंजेल के सम्मान में खड़े होकर तालियां बजायी। उद्घाटन समारोह में अभिनेत्री रेखा, गायिका आशा भोसले, तमिल सुपरस्टार कमल हासन, अभिनेत्री रानी मुखर्जी, शोले के निर्देशक रमेश सिप्पी के अलावा नयी पीढ़ी की हुमा कुरैशी और आलिया भट्ट भी मौजूद थीं।
कथक नर्तक बिरजू महाराज की विशेष कोरियोग्राफी के माध्यम से भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष की यात्रा दर्शन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। बिरजू महाराज के ट्रूप ने हिन्दी सिनेमा के सुनहरे दौर से लेकर आज तक के गीतों, मोहे पनघट पर, ठारे रहियो से लेकर दिल तो पागल है और ढाई शाम रोक लई तक पर प्रस्तुति दी । बाद में महाराज ने स्वयं सितारवादक उस्ताद निशात खान के साथ सुन्दर जुगलबंदी की ।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें