केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, उनके सहयोगी विनोद सिन्हा और 27 अन्य को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना घोटाला मामले में क्लीन चिट दे दी। सीबीआई ने यहां विशेष सीबीआई न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत में दशहरे की छुटि्टयों के दौरान ही झारखंड में राजीव गांधी विद्युतीकरण के 500 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से जुड़े मामले को बंद करने (क्लोजर) की रिपोर्ट लगा दी थी।
सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि इस मामले में उसे कोड़ा, सिन्हा और 27 अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक कोई ठोस सबूत नहीं मिला। सीबीआई हालांकि इस वर्ष के प्रारंभ तक कोड़ा और सिन्हा की जमानत का यह कहते हुए विरोध कर रही थी कि उनकी रिहाई से मामले की जांच प्रभावित होगी।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत कोड़ा के मुख्यमंत्री काल में पांच जिलों में पांच सौ करोड़ रुपये की लागत से विद्युतीकरण का काम होना था, लेकिन आरोप है कि रिश्वत लेकर कोड़ा के सहयोगी सिन्हा ने हैदराबाद की कंपनी आईवीआरसीएल को इस काम का ठेका गलत ढंग से दिलाया। इससे पूर्व झारखंड की जेल में बंद कोड़ा को 30 जुलाई को झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में जमानत दे दी थी, क्योंकि वर्षों तक इस मामले की जांच के बावजूद सीबीआई आरोप पत्र तक दाखिल नहीं कर सकी थी।
न्यायमूर्ति एचसी मिश्रा की एकल पीठ ने करोड़ों रुपये के राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में कोड़ा को जमानत दे दी थी। सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के बाद विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी ने इस मामले में सात दिसंबर को सुनवाई निर्धारित की है। सात दिसंबर को ही अदालत इस मामले को बंद करने अथवा मुकदमा चलाये जाने के बारे में बहस सुनेगी।
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