राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य परिमल नाथवानी ने कुबेर नौका के चालक दल के चार सदस्यों के परिजनों की मुआवजे की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अनुरोध किया है. मुंबई आतंकवादी हमले के अभियुक्त अजमल कसाब और उसके साथियों ने कुबेर नौका का अपहरण कर लिया था.
मुंबई में पांच साल पहले 26 नवंबर के दिन हुए आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए कसाब और नौ अन्य पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कुबेर को अपने कब्जे में ले लिया था और मुंबई तट पर पहुंचने के लिए उस नौका का इस्तेमाल किया था. कुबेर के कप्तान अमरसिंह सोलंकी का शव नौका में ही बरामद हुआ था जबकि चार अन्य मछुआरों रमेश नागजी बामनिया, बलवंत प्रभु, मुकेश राठौड़ और नाथू नानू के शव नहीं मिले.
नाथवानी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने सोलंकी के परिवार को मुआवजे का भुगतान कर दिया था. उन्होंने कहा कि सरकार को उन मछुआरों के साथ भी हमले के शिकार लोगों के समान व्यवहार करना चाहिए और उन चारों मछुआरों के परिवारों को भी मुआवजा देना चाहिए. नाथवानी ने कहा कि आतंकवादी हमले के दौरान जीवित पकड़े गये एकमात्र आतंकवादी कसाब ने सुनवाई के दौरान मुंबई की एक अदालत में कहा था कि आतंकवादियों ने कुबेर के चालक दल के सभी पांच सदस्यों की हत्या कर दी थी. उन्होंने कहा कि लापता मछुआरों के परिवारों के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.
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