यौन उत्पीड़न केस में फंसे तहलका के संपादक तरुण तेजपाल से पूछताछ करने के लिए गोवा पुलिस की टीम दिल्ली पहुंच गई है। अगर तरुण तेजपाल ने पूछताछ में मदद नहीं की तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है। एफआईआर में तेजपाल के खिलाफ बलात्कार के आरोप के अलावा शोमा चौधरी पर भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पीड़ित लड़की की चिट्ठी और ई-मेल मुहैया कराने में मदद नहीं की।
खबर ये भी है कि गोवा पुलिस आज पीड़ित लड़की का बयान ले सकती है। पीड़ित लड़की दिल्ली में है या मुंबई में, इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। उधर एक अखबार को गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि होटल की जिस लिफ्ट में वारदात हुई वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था। ये इसलिए भी अहम है क्योंकि तेजपाल ने अपने बचाव में लिफ्ट के सीसीटीवी की तस्वीरें सार्वजनिक करने की मांग की थी। तेजपाल खुद अब इस मामले में पलट गए हैं। पहले गुनाह कबूलने के बाद अब उनका कहना है कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम तरुण से बातचीत के लिए उनके घर पहुंची थी। हालांकि पुलिस के जवान जल्दी ही तरुण के घर से निकल भी गए। उधर, तेजपाल ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि वो पुलिस को हर संभव जांच में सहयोग करेंगे। साथ ही उन्होंने पुलिस से सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की भी मांग की है। इंडियन एक्सप्रेस अखबार को दिए सफाई में तरुण तेजपाल ने कहा है कि पीड़ित महिला सच नहीं कह रही है। मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे राजनीतिक दबाव काम कर रहा है।
तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने साफतौर से कहा है कि वो यौन शोषण के आरोपी तरुण तेजपाल के खिलाफ केस दर्ज नहीं करवाएंगी। शोमा चौधरी ने कहा कि वो गोवा पुलिस के पास नहीं जाएंगी। उन्होंने कहा अगर पीड़ित लड़की चाहे तो वो पुलिस में जा सकती है। शोमा ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है और जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
बलात्कार का आरोप लगने के बाद सभी राजनीतिक दलों ने तहलका के संपादक तरुण तेजपाल पर कड़ी कार्रवाई की वकालत की है। बीएसपी अध्यक्ष मायावती के मुताबिक तरुण तेजपाल को ऐसी सजा मिले ताकि फिर किसी महिला की उत्पीड़न न हो। सीपीएम नेता वृंदा करात के मुताबिक लड़की चाहे या न चाहे मगर सरकार को कार्रवाई जरूर करनी चाहिए। बीजेपी का आरोप है कि तरुण तेजपाल कांग्रेस के समर्थक हैं इसलिए पार्टी उनपर चुप है। वहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि कानून के तहत कार्रवाई के बाद ये मामला ऐसे लोगों के लिए सबक बनना चाहिए।
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