बिहार : असंगठित कामगारो के लिए नये नीति का प्रस्ताव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 25 नवंबर 2013

बिहार : असंगठित कामगारो के लिए नये नीति का प्रस्ताव

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पटना-  25 नवम्बर 2013  असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन व बिहार लोक जीवन के तत्वधान में तथा एक्षन एंड के सहयोग से  चेम्बर आॅंफ काॅंम्र्स , पटना के सभागार में समग्र समाजिक सुरक्षा अधिकार विषय पर परामर्ष कार्यषाला का आयेजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न स्वयमसेवियों,जन संगठनों,ट्रेड युनियन के तकरीबन 100 से अधिक प्रतिनिधियों नें सक्रीय रूप से पुरे विर्मष में भाग लिये। इस परामर्ष कार्यषाला के उदघाटनकर्ता माननीय श्री उदयनारायण चैधरी, बिहार विधान सभा अध्यक्ष नें कहा, कि  असंेगठित कामगारो के हक में नये नीति बनाने की जरूरत है। देष के कल करखानों के मषीन खराब या घिस गया है, जिस वजह से आये दिन मजदुर घटना- दुर्घना के षिकार हो रहें। समाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 के नियमावली बनाने और प्रावधानो के क्रियान्वयन के बारे में बताया कि इसके लिए जन दबाव की जरूरत है। उन्होनें इस बात पर बल दिया कि इस  संगठन को सभी श्रमिक संगठनों के साथ जुड़कर तथा बिहार के तमाम असंगठित क्षेत्र के कामगारो को संगठित कर व्यापक आन्दोलन खड़ा करने की जरूरत है। यदयू प्रकोष्ठ के प्रदेष अध्यक्ष श्री बिन्देष्वरी प्रसाद सिंह नें बताया कि जबतक इस देष में वर्गीय सरकार बनते रहेगी तबतक दुसरे वर्ग के लोगो को आपेक्षाकृत लाभ नहीं मिलेगी। आगे बताया कि सभी श्रमिको का निबंधन, असंगठित कामगार आयोग का गठन तथा मजदुरो के लिए केन्द्रिय स्तर पर कानुन कानुन बनाने का प्रस्ताव दिया। श्रमिक विभाग के संयुक्त आयुक्त श्री शैलेष कुमार झा नें संवेदनषीलता के साथ संगठन के नेतृत्वकर्ताओं  को आष्वासन दिया कि समाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 के नियमावली बनाने, श्रमिक बोर्ड का गठन करनें एवं संबंधित प्रावधानों को क्रियान्वयन जल्द ही किया जायेगा। इस अवसर यु0 एन0 मिश्र सम्पादक जन षक्ति एवं श्रमजीवि पत्रकार युनियन के पुर्व अध्यक्ष, एटक के राज्य उप महासचिवश्गजफर नवाव, श्री प्रो0 अजय झा ,ए0 एन0 सिन्हा समाज अध्यण संस्थान पटना, आर0 एन0 ठाकुर महासचिव ए0 आई0 सी0सी0 टी0 यु0 पटना, प्रो0 बषी अहमद अल्पसंख्यक मामलो के जानकार, रामाकान्त अकेला सचिव खेत मजदुर युनियन, आदि नें सम्रग समाजिक सुरक्षा अधिकार के मुद्वे पर व्यापकता के साथ अपनी बात रखी। इस मौके पर बिहार प्रदेष के असंगठित क्षेत्र के दायरे में कार्य कर रहे कामगारो के स्थिति पर बहुत व्यापकता के साथ संगठन के ओर से राज्य संयोजक श्री विजयकान्त सिंन्हा, संगठन के अध्यक्ष श्री महेन्द्र कुमार रौषन, सदस्य अषर्फी सदा नें रखी। इस संदर्भ में कपीलेष्वर राम,धर्मेन्द्र कुमार, आनन्द आषीष नें भी असंठित कामगारो के हक नीति निर्माण के लिए वकालत की। परामर्ष कार्यक्रम के अंत में श्रमिक विभाग के श्रम आयुक्त तथा सदन में उपस्थित अनेक संगठनों के प्रतिनिधि गणों नें सामुहिक रूप स यह निर्णय लिया कि असंगठित कामगार समाजिक सुरक्षा अधिनियम 2008 के धरातलीकरण हेतू राज्य नियमावली बनाने की जिम्मेवारी असंगठित कामगार संगठन के विजयकान्त सिंन्हा, एक्षन एड के पंकज श्वेताभ तथा विभीन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त कमिटि  के माध्यम से हो। इस अवसर पर असंगठित कामगार संगठन के ओर से निम्नलिखित प्रस्ताव  प्रस्तुत किये गये- असंगठित क्षेत्र कामगारों के लिए बने सामाजिक सूरक्षा अधिनियम को राज्य में लागू करने हेतु राज्य नियमावली को अविलम्ब बनावे तथा इसके लिए श्रमिक संगठनों, सामाजिक संगठनों तथा नागर समाज के प्रतिनिधियों से राज्य नियमावली के प्रारूप पर सामुहिक चर्चा तथा परामर्ष निष्चित तौर से किया जाये। अधिनियम 2008 के द्वारा परिभाषित असंगठित कामगार में दायरे में आने वाले सभी कामगारों के निबंधन प्रक्रिया सूचारू रूप से सभी जिला प्रषासन के स्तर से अविलम्ब संचालित किया जाये। 

अधिनियम 2008 के मुताबिक सभी निबंधित असंगठित कामगारों को विषेष पहचान संख्या युक्त स्मार्ट कार्ड का वितरण जिला प्रषासन द्वारा सुनिष्चित किया जाये।
अधिनियम 2008 के मुताबिक सभी जिला स्तर पर असंगठित कामगार सहायता संसाधन केन्द्र की स्थापना कर उसे सूचारू रूप से क्रियान्वित किया जाय। सभी निबंधित कामगारों ( कुषल, अर्द्धकुषल, ) के क्षमता वर्द्धन हेतु सभी जिला स्तर पर एक विषेष असंगठित कामगार व्यवसायिक प्रषिक्षण एवं क्षमता सम्बर्धन केन्द्र की स्थापना हो । असंगठित क्षेत्र कामगारों के दायरे में अनूसूचित जाति, अनु0जनजाति, पसमान्दा मुस्लिम, पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जाति तथा महिलाओं को हर स्तर पर लाभ देने के दृष्टिकोण से प्राथमिकता दी जाय। प्रषिक्षित असंगठित क्षेत्र के कामगारों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार के वित्तीय सहायता देने वाली एजेन्सियों  NABARD, MSME, SIDBI, SC/St~ FINANCIAl~ CORPORATION आदि के द्वारा स्वरोजगार या सामुहिक रोजगार या सहकारिता समितियों को रोजगार उन्मुखीकरण  काम-धन्धों के लिए अनुदान सहित ऋण की व्यवस्था सुनिष्चित हो। असंगठित क्षेत्र के कामगारों हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर एवं प्रखण्ड स्तर पर व्यवसाय संचालित करने हेतु एक विषेष बाजार एवं हाट की सुव्यवस्थित व्यवस्था हो या निर्माण हो उसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में भी नगर निकायों द्वारा सुव्यवस्थित हाट एवं बाजार का निर्माण सुनिष्चित किया जाये। राज्य स्तर पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राज्य बोर्ड गठन के लिए अविलम्ब पहल किया जाये। असंगठित कामगारों के लिए बने अधिनियम 2008 में समायोजित योजनाओं को पाने का कानूनी अधिकार के लिए सामाजिक सुरक्षा कानून 2008 में संषोधन किया जाये, असंगठित क्षेत्र कामगारों के लिए एक अधिकार आधारित एक समग्र सामाजिक सुरक्षा कानून बनाया जाये। देष के जी.डी.पी. ( सकल घरेलू उत्पाद ) में सर्वाधिक योगदान करने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राष्ट्रीय बजट के कमसे कम 3 प्रतिषत राष्ट्रीय कोष का निर्माण अविलम्ब किया जाय।  

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