सरकार ने चीन से लगी सीमा पर सेना की एक टुकड़ी तैनात करने के लिए अपनी अंतिम स्वीकृति दे दी है. वहां करीब 65,000 करोड़ रुपए की लागत से 50,000 अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जाएगा. सेना की सबसे नई और इस तरह की 14वीं ‘17 कोर’ को शुरू में झारखंड के रांची में तैनात किया जाएगा और बुनियादी ढांचे के निर्माण के बाद इसे पश्चिम बंगाल के पानागढ़ भेज दिया जाएगा.
सरकार के सूत्रों ने यहां कहा कि रक्षा मंत्रालय ने सेना को इस संबंध में सरकारी स्वीकृति पत्र (जीएसएल) दे दिया है जिसके साथ नई कोर और उसके लिए मंजूर धन का पूरा ब्योरा भी दिया गया है. उन्होंने कहा कि नई कोर के लिए अधिकारियों की नियुक्ति शुरू हो चुकी है और मेजर जनरलों के नये बैच में से इसके प्रमुख का चुनाव होगा.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने 17 जुलाई को अपनी बैठक में कोर की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. योजना के अनुसार नई कोर की दो शाखाएं बिहार और असम में होंगी जिनकी इकाइयां अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में होंगी. सूत्रों ने कहा कि वायुसेना पानागढ़ में हवा में ही विमानों में ईधन डालने वाले छह टैंकरों और छह सी-130जे सुपर हरक्युलिस विशेष अभियान विमानों को भी तैनात करेगी. सेना ने इस संबंध में 2010 में प्रस्ताव भेजा था लेकिन सरकार ने इसे लौटा दिया था. सरकार ने तीनों सेनाओं से क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए योजना पर मिलकर काम करने को कहा था.
सेना को पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात करने के लिए कई बख्तरबंद और तोप वाली इकाइयों को भी तैनात किया जाएगा. सेना में मौजूदा स्ट्राइक कोर में कोर 1, 2 और 21 शामिल हैं और ये सभी पाकिस्तान सीमा के नजदीक तैनात हैं. सेना अगले सात साल में अपनी योजना के अनुसार जवानों और इकाइयों को तैनात करेगी.

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